पित्त (पित्ताशय) में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है?
पित्त में पथरी का कोई स्थायी उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कुछ ऐसे उपचार हैं जिनकी मदद से पथरी को या पथरी के लक्षणों को कम किया जा सकता है, लेकिन ये उपचार केवल अस्थायी होते हैं। अगर किसी मरीज को पित्ताशय में पथरी के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो सर्जरी द्वारा पित्ताशय की पथरी को निकालना सबसे बेहतर उपचार माना जाता है। अगर पित्ताशय की पथरी के किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं हो रहे हैं, तो आमतौर पर उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
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एक्स्ट्राकॉर्पोरियल शॉकवेव लिथोट्रिप्सी (ESWL) – यह एक उपकरण होता है, जो पथरी को टुकड़ों में तोड़ने के लिए शॉक की तरंगे बनाता है।
- पथरी के छोटे-छोटे टुकड़े पित्त प्रणाली के माध्यम से बिना किसी रुकावट के निकल जाते हैं।
- पथरी को हटाने के लिए इसका प्रयोग आमतौर पर ईआरसीपी (ERCP) के साथ संयोजन करके किया जाता है।
- कई लोग जो इस उपचार से गुजर चुके हैं, उनको कई बार पेट के दायें ऊपरी हिस्से में तीव्र दर्द महसूस होता है।
- पित्त में पथरी के उपचार में एक्स्ट्राकॉर्पोरियल शॉकवेव लिथोट्रिप्सी की प्रभावशीलता अभी पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई है।
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पथरी को घोलना – पित्ताशय की पथरी को घोलने के लिए पित्तरस के अम्लों में से बनी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
- इस उपचार के बाद पथरी फिर से हो सकती है।
- ये दवाएं कोलेस्ट्रोल पथरी के लिए सबसे अच्छे तरीके से काम करती हैं।
- कुछ लोगों में इन दवाओं के कारण हल्के दस्त की शिकायत हो सकती है।
- यह उपचार आमतौर पर केवल उन लोगों का किया जाता है, जो सर्जरी नहीं करवा सकते।
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अगर कोई व्यक्ति आपातकालीन विभाग में जाता है, तो एक इंट्रावेनस (IV) लाइन शुरू की जाती है, और उसके माध्यम से दर्द निवारक और एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)
अगर मरीज का स्वास्थ्य इजाजत देता है, तो डॉक्टर पित्ताशय की थैली या पथरी को निकालने के लिए सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं। सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा पथरी निकालने से भविष्य में होने वाले पेट में दर्द और अन्य खतरनाक जटिलताओं की रोकथाम करने में मदद मिलती हैं, इन जटिलताओं में अग्नाशय में सूजन व जलन और पित्ताशय की थैली या लीवर में संक्रमण आदि शामिल हैं।
- यदि अग्नाशय में संक्रमण या सूजन और जलन आदि नहीं है, तो पित्ताशय की थैली हटाने के लिए ऑपरेशन तुरंत या अगले कुछ दिनों में किया जा सकता है। (और पढ़ें - अग्नाशयशोथ का इलाज)
- यदि अग्नाशय में सूजन व जलन है या पित्ताशय की थैली में संक्रमण हो गया है, तो रोगी को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और ऑपरेशन से कई दिन पहले उसको इंट्रावेनस द्वारा एंटीबायोटिक्स व अन्य दवाएं देना शुरू कर दिया जाता है।
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पित्ताशय में पथरी के लिए सर्जरी (Cholecystectomy) –
पित्ताशय में जटिल पथरी के लिए साधारण उपचार सर्जरी द्वारा पित्ताशय को हटाना होता है। इस सर्जरी प्रक्रिया को 'कोलेसीस्टेक्टोमी' कहा जाता है।
काफी सारे लोग जिनको पित्ताशय संबंधी रोग है, वे स्पष्ट रूप से अपने पित्ताशय की थैली हटाने को लेकर चिंतित रहते हैं। वे यहीं सोचकर चिंतित रहते हैं कि बिना पित्ताशय की थैली के उनका शरीर कैसे काम कर पाएगा।
- सौभाग्य से, आप अपने पित्ताशय की थैली के बिना भी जीवित रह सकते हैं।
- पित्ताशय की थैली के बिना रहने के दौरान आहार में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है।
- जब पित्ताशय निकाल दिया जाता है, तो पित्तरस लीवर से सीधे छोटी आंत में बहने लगता है।
- क्योंकि पित्तरस को संग्रहीत करने के लिए कोई और जगह नहीं होती, कभी-कभी जब पित्तरस की जरूरत नहीं होती, तो यह सीधे आंतों में बहने लगता है। ज्यातर लोगों में इससे जुड़ी कोई समस्या नहीं होती, हालांकि कुछ लोगों में हल्के दस्त होने लगने की समस्या हो सकती है
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लेप्रोस्कोपिक रिमूवल (Laparoscopic removal) – ज्यादातर पित्ताशय की पथरी को लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेकटॉमी के द्वारा हटा दिया जाता है। एक छोटे ट्यूब जैसे उपकरण का इस्तेमाल करते हुऐ पेट में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है, जिसमें से पित्ताशय की थैली को निकाल दिया जाता है।
- एक ट्यूब जैसा उपकरण जिसके साथ कैमर व अन्य सर्जिकल उपकरण जुड़े होते हैं, जिसका इस्तेमाल उस पित्ताशय की थैली को निकालने के लिए किया जाता है, जिसमें पथरी होती है।
- इसमें ऑपन सर्जरी के मुकाबले कम दर्द होता है। (और पढ़ें - लिवर की प्रत्यारोपण सर्जरी)
- इस सर्जरी में जटिलताएं विकसित होने की संभावनाएं कम होती हैं और इसके घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- लेप्रोस्कोपिक सर्जरी तब की जाती है, जब वह मरीज के लिए उचित हो।
- इस प्रकिया को ऑपरेशन रूम में मरीज को सामान्य बेहोशी की दवा देकर किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में आमतौर पर 20 मिनट का समय लगता है और इसको एक सामान्य सर्जन द्वारा किया जाता है।
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ऑपन रिमूवल – कई बार पित्ताशय को निकालने के लिए 3 से 6 ईंच लंबा चीरा देना पड़ता है, इस प्रकिया को ऑपन रिमूवल सर्जरी कहा जाता है।
- ऑपन सर्जरी को आमतौर पर तब किया जाता है, जब किसी विशिष्ट व्यक्ति के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव नहीं होती है।
- ऑपन सर्जरी करने के कुछ सामान्य कारणों में पित्त पथ (Biliary tract) में संक्रमण या किसी पिछली सर्जरी के कारण निशान (Scar) पड़ना आदि शामिल हैं।
- इस प्रकिया को ऑपरेशन रूम में किया जाता है, और इस दौरान मरीज को सामान्य बेहोशी की दवा दी जाती है।
- इस सर्जरी में आमतौर पर 45 से 90 मिनट तक का समय लग सकता है,
- आमतौर पर इस सर्जरी को सर्जन द्वारा किया जाता है।
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अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पाचन तंत्र को अपनी सामान्य स्थिति में आने के लिए कुछ दिन का समय लगता है, इसलिए तब तक कम वसा वाले व जल्दी पचने वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। एक सामान्य आहार का सेवन भी किया जा सकता है, लेकिन अगर किसी आहार में मरीज को परेशानी महसूस हो तो पूरी तरह से ठीक ना होने तक उसका सेवन नहीं करना चाहिए।
प्राकृतिक उपचार और घरेलू उपाय –
अगर आपके पित्ताशय में पथरी है, लेकिन उसके कारण कोई लक्षण विकसित नहीं हो रहा, तो आप डॉक्टर की सलाह से अपनी जीवनशैली में बदलाव करके उसकी रोकथाम कर सकते हैं।
पित्ताशय के स्वास्थ्य के लिए कुछ टिप्स –
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