हाथ की हड्डी टूटना क्या है?
हाथ की हड्डियां बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं और ये उन मांसपेशियों को सहारा देती हैं जो कलाई और उंगलियों को हिलाने का कार्य करती हैं। हाथ में कई प्रकार की हड्डियां मौजूद होती हैं और अगर इनमें से किसी भी हड्डी में फ्रैक्चर हो जाए तो उसे हाथ का फ्रैक्चर या हाथ की हड्डी टूटना कहा जाता है।
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हाथ की हड्डी टूटने के लक्षण क्या हैं?
वैसे तो हाथ की हड्डी टूटने पर आपको अपने आप पता चल जाता है, लेकिन इसके कुछ लक्षण भी होते हैं, जैसे, चोट लगना, उंगलियां न हिला पाना, सूजन, कोई चीज न पकड़ पाना, नील पड़ना, कमजोरी, तेज दर्द और उंगलियां विकृत होना।
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हाथ की हड्डी कैसे टूटती है?
ज्यादातर फ्रैक्चर हाथ पर चोट लगने के कारण होते हैं। अधिकतर मामलों में या तो आपके हाथ पर कुछ गिरने से हड्डी टूटती है या हाथ किसी चीज से टकरा जाए तब। हालांकि हाथ मुड़ने या कहीं गिर जाने के कारण भी हाथ की हड्डी टूट सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस या कुपोषण के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
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हाथ की हड्डी टूटने का इलाज कैसे होता है?
चोट लगने के बाद डॉक्टर सबसे पहले परीक्षण और एक्स रे करते हैं ताकि फ्रैक्चर की पुष्टि हो सके। टेस्ट और फ्रैक्चर के प्रकार के आधार पर ही इलाज शुरू होता है। अगर फ्रैक्चर ज्यादा गंभीर नहीं है, तो पट्टी या किसी सख्त धातु की मदद से हाथ को सहारा दिया जाता है। अगर फ्रैक्चर के कारण हड्डी अपनी जगह से हिल गई है, तो डॉक्टर बिना सर्जरी के हाथ में तार या पिन डालते हैं ताकि हड्डी अपनी जगह पर वापिस आ सके। कुछ गंभीर मामलों में हड्डी टूट जाती है और उसके टुकड़े हो जाते हैं, इसके लिए सर्जरी की मदद से हड्डी में पिन, प्लेट या पेच डाले जाते हैं ताकि टूटी हुई हड्डी साथ में जुडी रहे।
कभी-कभी हड्डी इतनी बुरी तरह टूट जाती है कि या तो उसे वापिस जोड़ा नहीं जा सकता या हड्डी मिलती ही नहीं है। ऐसी स्थिति में टूटी हुई हड्डी को शरीर के किसी और भाग से हड्डी लेकर बदल दिया जाता है।
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