मिर्गी क्या है?
मिर्गी एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है। इसमें मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell) गतिविधि बाधित हो जाती है, जिसके कारण दौरे या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार, उत्तेजना और कभी-कभी बेहोशी हो जाती है।
मिर्गी संक्रामक नहीं है और मानसिक बीमारी या मानसिक कमज़ोरी के कारण नहीं होती है। कभी-कभी गंभीर दौरे के कारण मस्तिष्क को क्षति हो सकती है, लेकिन अधिकांश दौरे मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव नहीं डालते हैं। बीमारी से होने वाली मस्तिष्क क्षति से लेकर असामान्य मस्तिष्क विकास तक मिर्गी के कई संभव कारण हैं। इसमें जेनेटिक्स भी एक भूमिका निभा सकता है।
मिर्गी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन यह छोटे बच्चों और अधेड़ व्यक्तियों में अधिक आम है।
मिर्गी का इलाज करने के कई अलग-अलग तरीके हैं, जिनमें मेडिटेशन, मिर्गी का इलाज करने के लिए सर्जरी या मिर्गी की अंतर्निहित स्थितियों का उपचार, प्रत्यारोपित उपकरण और आहार शामिल है।
मिर्गी से पीड़ित ज्यादातर लोग पूरी तरह से सक्रिय जीवन जीते हैं। लेकिन उनके जीवन को खतरे में डालने वाली दो स्थितियों का उन्हें जोखिम हो सकता है – स्टेटस एपिलेप्टिकस (जब एक व्यक्ति को असामान्य रूप से लंबे समय तक दौरा पड़ता है या दौरों के बीच पूरी तरह से चेतना नहीं रहती है) और अचानक होने वाली अस्पष्टीकृत मृत्यु।
मिर्गी का प्रसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोग के वैश्विक बोझ का 0.5% या 7 मिलियन के लिए मिर्गी जिम्मेदार है। सिर की चोट दुनिया भर में मिर्गी का एक सामान्य कारण है। भारत में प्रति हजार आबादी में लगभग 14 लोगों के मिर्गी से पीड़ित होने की संभावना है, जिसका बच्चों व युवा-वयस्कों और ग्रामीण क्षेत्रों में होने का उच्च अनुमान है।