कान में संक्रमण (ओटाइटिस मीडिया) क्या है?
ओटाइटिस मीडिया मध्य कान की सूजन संबंधी बीमारियों का एक समूह है।
ओटाइटिस मीडिया के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं – एक्यूट ओटाइटिस मीडिया (एओएम) और ओटिटिस मीडिया विद इफ्यूश़न (ओएमई)। एओएम का कारण बचपन की शारीरिक रचना और प्रतिरोधक प्रणाली से संबंधित है। यह जीवाणु या वायरस के कारण हो सकता है।
जोखिम कारकों में शामिल है अत्यधिक धुंए के संपर्क में आना, प्रशामकों (pacifiers) का उपयोग और डे-केयर में जाना। ओएमई अक्सर एओएम के बाद होता है और वायरल ऊपरी श्वसन तंत्र संक्रमण, धुंए या एलर्जी से संबंधित हो सकता है।
इसका सही निदान/ परीक्षण करने के लिए कान के परदे की जांच करना महत्वपूर्ण है। एओएम के लक्षणों में सूजन या हवा के कान के अंदर जाने के कारण कान के परदे की कार्यक्षमता में आने वाली कमी है। एक नए तरल का रिसाव जो बाहरी कान (Otitis Externa) से संबंधित नहीं है, वह भी निदान का संकेत देता है।
न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा टीकाकरण, बच्चे को पहले छह महीने तक स्तनपान कराना और तम्बाकू व धूम्रपान से दूर रहना जैसे उपायों ने कान के संक्रमण के जोखिम को कम किया है।
एओएम में दर्द की दवाओं का उपयोग महत्वपूर्ण है। इसमें पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन, बेन्जोकेन (कान का ड्रॉप) या ओपिओइड शामिल हो सकते हैं। एंटीबायोटिक एओएम में तुरंत सुधार ला सकते हैं, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं की सलाह उन लोगों को दी जाती हैं, जिनकी बीमारी को दो साल से कम समय हुआ हो और स्थिति गंभीर हो। कम गंभीर बीमारी वाले उन लोगों को इनका सुझाव दिया जाता है, जिनमें दो या तीन दिनों के बाद भी सुधार नहीं होते हैं। आमतौर पर सबसे पहले अमोक्सिलिन एंटीबायोटिक का चुनाव किया जाता है। अक्सर संक्रमित होने वाले लोगों में टिम्पनोस्टोमी ट्यूब (Tympanostomy Tubes) इस संक्रमण की पुनरावृत्ति को घटा सकती हैं। ओटाइटिस मीडिया विद डिफ्यूश़न से ग्रसित बच्चों के लक्षणों को एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा कम किया जा सकता है, लेकिन इनसे दस्त, उल्टी और त्वचा पर लाल चकत्ते हो सकते हैं।
कान में संक्रमण का प्रसार
दुनिया भर में एक साल में लगभग 11% लोग (लगभग 325 से 710 मिलियन मामले) एओएम से प्रभावित होते हैं। आधे मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों से जुड़े होते हैं और पुरुषों में यह अधिक पाया जाता है। उन प्रभावित लोगों में से 4.8% या 31 लाख लोगों में तीसरे प्रकार के ओटाइटिस मीडिया का विकास होता है, जिसे क्रोनिक सप्युरेटिव ओटाइटिस मीडिया (सीएसओएम) कहा जाता है। दस वर्ष से कम उम्र वाले लगभग 80% बच्चों को ओएमई कभी न कभी प्रभावित करता है। ओटाइटिस मीडिया के कारण वर्ष 2015 में 3,200 मौतें हुईं, जो वर्ष 1990 की तुलना (4,900) में काफी कम थी।