कोरोयडर्मिया क्या है?
कोरोयडर्मिया (सीएचएम) एक दुर्लभ अनुवांशिक आंख की बीमारी है जो रेटिना को प्रभावित करती है। रेटिना आंख के पीछे का वह क्षेत्र है जो सभी दृश्यों को संसाधित करता है तथा इनको संकेतों में बदलकर ऑप्टिकल तंत्रिका के माध्यम से मस्तिष्क को भेजता है। कोरोयडर्मिया बीमारी से 50,000 व्यक्तियों में से लगभग 1 व्यक्ति प्रभावित होता है।
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कोरोयडर्मिया के लक्षण क्या हैं?
बचपन में, रात का अंधापन कोरोयडर्मिया का सबसे आम लक्षण है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती जाती है, परिधीय दृष्टि या "टनल विजन" कम होता जाता है तथा बाद में सेंट्रल विजन का भी नुकसान होता है। बीमारी की प्रगति व्यक्ति के पूरे जीवन में जारी रहती है, हालांकि, एक ही परिवार के दो लोगों में भी विजन के नुकसान की दर और डिग्री दोनों ही भिन्न हो सकती है।
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कोरोयडर्मिया क्यों होती है?
यह रोग एक्स-क्रोमोसोम के अनुवांशिक दोष के कारण होता है। इस प्रकार आम तौर पर केवल पुरुष ही पूर्ण अंधेपन के प्रभाव का सामना करते हैं, जबकि महिलाएं केवल इस बीमारी की वाहक होती हैं। सीएचएम से प्रभावित माता-पिता से बच्चों में जाने की आशंका लगभग 50% होती है। हालांकि एक्स-क्रोमोसोम में गड़बड़ से प्रभावित पुरुष यह बीमारी उनके बेटों को नहीं दे सकते हैं।
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कोरोयडर्मिया का इलाज कैसे होता है?
डॉक्टर सबसे पहले प्रभावित व्यक्ति की जांच करते हैं। जिस रोगी को कोरोयडर्मिया होने का संदेह है, उसकी दृष्टि यानी विजन की जांच की जाती है और रेटिना के अपघटन का पता लगाने के लिए आंख की जांच की जाती है। कोरोयडर्मिया पैदा करने वाले कुछ आनुवांशिक रूपों के लिए आनुवांशिक परीक्षण का विकल्प भी उपलब्ध है।
कोरोयडर्मिया के लक्षणों का इलाज किया जा सकता है लेकिन रोग को ठीक नहीं किया जा सकता है। दृष्टिहीन लोगों को सेवाएं प्रदान करने वाले संगठन मरीजों और उनके परिवारों की सहायता करते हैं। इस विकार से प्रभावित परिवारों के लिए अनुवांशिक परामर्श की सिफारिश की जाती है।
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