खून का पतला होने का क्या मतलब है?
खून का पतला होने का मतलब होता है, आपके रक्त में मौजूद प्लेटलेट्स की संख्या में कमी होना। लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं, प्लाजमा और प्लेटलेट्स इन चार चीजों के मिलने से रक्त बनता है। खून के दो से चार प्रतिशत हिस्से को बनाने में प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है और यह चोट में बहते रक्त को रोकने में मदद करता है।
प्लेटलेट्स की कमी के कारण खून पतला हो जाता है, इसको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) भी कहा जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या 1.50 लाख से 4 लाख प्रति मिलीलीटर होती है। अगर यह संख्या 1.50 लाख से कम होती है, तो यह खून के पतला होने की ओर संकेत करती है।
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खून का पतला होने के लक्षण क्या हैं?
खून के पतला होने पर किसी भी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। आमतौर पर इस समस्या को टेस्ट के जरिए ही पता लगाया जा सकता है।
प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर व्यक्ति के खून में थक्का जमने में परेशानी होती है। एेसे में व्यक्ति को मामूली चोट लगने पर भी खून बंद होने में ज्यादा समय लगता है।
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इसके अन्य लक्षण में मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, मल में खून आना व पीरियड्स के दौरान बिना खून के थक्के अधिक रक्तस्त्राव होने को शामिल किया जाता है।
खून का पतला होने के क्या कारण होते है?
खून पतला होने या प्लेटलेट्स की संख्या में कमी के कई कारण हो सकते हैं। जैसे, अस्थि मज्जा (bone marrow) के द्वारा कम या अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स का बनाना व अन्य तरह की समस्याओं के कारण भी प्लेटलेट्स की संख्या में कमी आ सकती है। प्लेटलेट्स कम होने के कुछ कारणों को नीचे बताया गया है।
- पौषण में कमी : अगर आपके खाने में आयरन, फोलेट और विटामिन बी 12 की कमी होती है तो इससे आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
- संक्रमण : कुछ तरह के संक्रमण होने पर व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स बनने की प्रक्रिया पर दबाव पड़ता है या प्लेटलेट्स का कार्य बढ़ जाता है, जिसकी वजह से प्लेटलेट्स टूट जाते हैं।
- अन्य कारण : प्रेग्नेंसी, स्वप्रतिरक्षित रोग होना, सर्जरी और कैंसर आदि। इस तरह की स्थितियों का असर भी प्लेटलेट्स की संख्या पर पड़ता है।
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खून का पतला होने का इलाज कैसे होता है?
खून के पतला होने का इलाज उसके कारणों पर निर्भर करता है। हालांकि कई बार इस समस्या के कारणों का इलाज करने के बाद भी खून पतला ही रहता है। इसके अलावा खून को पतला करने वाली स्थिति जैसे आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा में डॉक्टर मरीज को कोर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) दवाएं देते हैं। गंभीर स्थिति में डॉक्टर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह देते हैं।
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