भगन्दर (फिस्टुला) - Anal Fistula in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

June 20, 2018

December 20, 2023

भगन्दर
भगन्दर

भगन्दर (फिस्टुला) क्या होता है?

फिस्टुला, अंगों या नसों के बीच एक असामान्य जोड़ होता है। यह ऐसे दो अंगों या नसों को जोड़ देता है जो प्राकृतिक रूप से जुड़े नहीं होते हैं, जैसे आंत व त्वचा के बीच में, योनि व मलाशय के बीच में।

फिस्टुला के कुछ प्रकार होते हैं लेकिन इसका सबसे आम प्रकार है भगन्दर (एनल फिस्टुला)।

भगन्दर एक छोटी नली समान होता है जो आंत के अंत के भाग को गुदा के पास की त्वचा से जोड़ देता है। यह आमतौर पर, तब होता है जब कोई संक्रमण सही तरीके से ठीक नहीं हो पाता।

ज़्यादातर भगन्दर आपकी गुदा नली में पस के इकठ्ठा होने से होते हैं। यह पस त्वचा से खुद भी बाहर निकल सकती है या इसके लिए ऑपरेशन की आवश्यकता भी हो सकती है। भगन्दर तब होता है जब पस का त्वचा से बाहर आने के लिए बनाया गया रास्ता खुला रह जाता है या वह ठीक नहीं हो पाता।

(और पढ़ें - फिशर का इलाज)

इसके लक्षण होते हैं दर्द, सूजन, सामान्य रूप से मल आने में बदलाव और गुदा से रिसाव होना।

इसकी जाँच के लिए डॉक्टर आपका एक शारीरिक परीक्षण करते हैं जिसमें आपके गुदा और आसपास की जगह में भगन्दर की जाँच की जाती है।

भगन्दर के इलाज के लिए सर्जरी की जा सकती है जिसमें संक्रमित जगह से पस को निकाला जाता है।

फिस्टुला के मुख्य कारण क्या हैं? - What are the main causes of fistula in Hindi?

गुदा में फिस्टुला (यानी भगंदर) के ये कारण हो सकते हैं. भगंदर के मुख्य कारणों में गुदा ग्रंथियां का बंद होना या गुदा में फोड़े होना है.

बाकी बहुत कम ऐसी स्थितियां होती है जो भगंदर का कारण बन सकती हैं उनमें ये शामिल हैं.

  • क्रोहन रोग (आंत की सूजन संबंधी बीमारी)
  • रेडिएशन (कैंसर के लिए उपचार)
  • ट्रॉमा
  • यौन संचारित रोग
  • टीबी 
  • डायवर्टीकुलिटिस (एक ऐसी बीमारी जिसमें बड़ी आंत में छोटी छोटी थैलियाँ बन जाती हैं और सूजन हो जाती है)
  • कैंसर

भगन्दर (फिस्टुला) के प्रकार - Types of Anal Fistula in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) के प्रकार क्या हैं ?

भगन्दर (फिस्टुला) को निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया जाता है -

  • सामान्य या जटिल (Simple or Complex)
    एक या एक से ज़्यादा भगन्दर होने को सामान्य या जटिल फिस्टुला के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
     
  • कम या ज़्यादा (Low or High)
    भगन्दर के होने की जगह और स्फिंकटर मांसपेशियों (Sphincter Muscles: दो अंगूठी जैसी मासपेशियां जो गुदा को खोलती और बंद करती हैं) से उसकी नज़दीकी के आधार पर उसे कम या ज़्यादा में वर्गीकृत किया जाता है।

भगन्दर (फिस्टुला) के लक्षण - Anal Fistula Symptoms in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) के लक्षण क्या होते हैं?

भगन्दर (फिस्टुला) के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -

  • गुदा में बार-बार फोड़े होना
  • गुदा के आसपास दर्द और सूजन
  • मल करने में दर्द
  • रक्तस्त्राव
  • गुदा के पास एक छेद से बदबूदार और खून वाली पस निकलना (पस निकलने के बाद दर्द कम हो सकता है)
  • बार-बार पस निकलने के कारण गुदा के आसपास की त्वचा में जलन
  • बुखार, ठण्ड लगना और थकान महसूस होना (और पढ़ें - थकान का इलाज)
  • कब्ज (और पढ़ें - कब्ज का इलाज)
  • सूजन

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण हों तो अपने डॉक्टर के पास जाएं।

भगन्दर (फिस्टुला) के कारण और जोखिम कारक - Anal Fistula Causes & Risk Factors in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) क्यों होता है?

ज़्यादातर भगंदर गुदा में फोड़ा होने के बाद होते हैं। यह तब हो सकते हैं अगर फोड़े से पस निकलने के बाद वह ठीक नहीं हो पाता।

ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि हर दो से चार लोग जिन्हें गुदा में फोड़ा हुआ है, उन्हें भगन्दर होंगे।

इसके कुछ असामान्य कारण निम्नलिखित हैं -

  • क्रोहन रोग - एक लम्बी चलने वाली बीमारी जिसमें पाचन तंत्र में सूजन हो जाती है। (और पड़ें - क्रोहन रोग के लक्षण)
  • डाइवर्टिक्युलाइटिस - बड़ी आंत की परत में बनने वाली थैलियों की सूजन।
  • गुदा की आसपास की त्वचा में फोड़े और दाग पड़ना।
  • टीबी या एचआईवी से संक्रमित होना।
  • गुदा के पास हुई कोई सर्जरी की जटिलता।

भगन्दर के जोखिम कारक क्या होते हैं ?

फिस्टुला होने का खतरा निम्नलिखित कारकों की वजह से बढ़ सकता है -

भगन्दर (फिस्टुला) से बचाव - Prevention of Anal Fistula in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) होने से कैसे रोकें?

अगर आपको एक बार भगन्दर हुआ है, तो आप निम्नलिखत तरीकों से आगे इससे बच सकते हैं -

  • पर्याप्त मात्रा में फाइबर लें
    अगर आपको कब्ज है, सख्त या सूखा मल आ रहा है, तो आपको भगन्दर होने का ख़तरा हो सकता है। अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर लेने से, खासकर फलों और सब्जियों से, आप कब्ज से बच सकते हैं।

    जब तक आपको मुलायम और पहले से अधिक मल न आने लगे, तब तक फाइबर का सेवन धीरे-धीरे बढ़ाते रहें। साथ ही पर्यापत मात्रा में पानी पिएं, जिससे पेट में सूजन और गैस नहीं होगी। (और पढ़ें - पेट में गैस का इलाज)
     
  • तरल पदार्थ लें
    तरल पदार्थ लेने से कब्ज से बचा जा सकता है क्योंकि इससे मल मुलायम होता है और मल करने में आसानी होती है। गर्मी के मौसम में और ज़्यादा शारीरिक गतिविधि करते समय अधिक तरल पदार्थ पिएं। अधिक मात्रा में शराब और कैफीन पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। (और पढ़ें - रोज कितना पानी पीना चाहिए)
     
  • व्यायाम करें
    कब्ज होने का सबसे सामान्य कारण है कम शारीरिक गतिविधि करना। रोजाना कम से कम तीस मिनट तक व्यायाम करने का प्रयास करें, जिससे आपका पाचन तंत्र अच्छा होगा और आप फिट रहेंगे।
     
  • मल को अधिक देर तक न रोकें
    जब आपको मल करने की भावना हो, तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। ऐसा करने से मल की भावना देने वाले शरीर के संकेत कमजोर हो सकते हैं। आप मल को जितने अधिक समय के लिए रोकेंगे, वह उतना ही सूखा और सख्त होता जाएगा, जिससे मल करने में कठिनाई होगी।
     
  • अन्य आदतें
    निम्नलिखित तरीकों से कब्ज की समस्या कम हो सकती है और  गुदा नली पर तनाव कम हो सकता है -
  1. टॉयलेट में मल करते समय पर्याप्त समय लें, लेकिन बहुत अधिक देर तक भी टॉयलेट पर न बैठें।
  2. मल करने के लिए ज्यादा ज़ोर न लगाएं।
  3. गुदा के क्षेत्र को सूखा रखें।
  4. हर बार मल करने के बाद अपने आप को सही से साफ़ करें।
  5. मुलायम, बिना डाई वाले और बिना सुगंध वाले टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।
  6. दस्त का इलाज करवाएं।
  • लैक्सेटिव दवाएं लें
    ​अगर केवल फाइबर लेने से कब्ज से आराम नहीं मिल रहा है तो, लैक्सेटिव लिए जा सकते हैं। बल्क-फॉर्मिंग लैक्सेटिव या फाइबर की खुराक लेने से कब्ज की समस्या ठीक होती है।

भगन्दर (फिस्टुला) का परीक्षण - Diagnosis of Anal Fistula in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) की जाँच कैसे होती है?

अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको भगन्दर है, तो आपके डॉक्टर आपसे पहले हुई बिमारियों के बारे में पूछेंगे और आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे।

कुछ फिस्टुला का पता लगाना आसान होता है और कुछ का कठिन। कभी-कभी यह खुद ठीक होकर फिर से भी हो जाते हैं। आपके डॉक्टर रिसाव और रक्तस्त्राव के लक्षणों की जाँच करेंगे और वह आपके गुदा की जांच भी कर सकते हैं।

आपके डॉक्टर एक्स रे और सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों के लिए आपको एक विशेषज्ञ के पास भेज सकते हैं। आपको कोलोनोस्कोपी की आवश्यकता भी हो सकती है। इस परीक्षण में आपके गुदा में एक कैमरे वली ट्यूब डाली जाएगी, जिससे आपके गुदा और मलाशय के अंदर के हिस्से को देखा जाएगा। इस परीक्षण के दौरान आपको सुला दिया जाएगा।

भगन्दर (फिस्टुला) का इलाज - Anal Fistula Treatment in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) का उपचार कैसे होता है ?

भगन्दर के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, इसे दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता।

  • एक सामान्य भगन्दर (जो आपके गुदा के ज़्यादा नज़दीक नहीं है) के लिए डॉक्टर भगन्दर की नली की त्वचा और आसपास की मांसपेशियों में एक चीरा लगाएंगे घाव भर जाएगा। सामान्य भगन्दर बिना स्फिंकटर मांसपेशियों को नुक्सान पहुंचाए ठीक किया जा सकता है, लेकिन जटिल भगन्दर को ठीक करने में जोखिम बढ़ जाता है। भगन्दर को बंद करने के लिए आपके डॉक्टर एक डाट का उपयोग कर सकते हैं।
     
  • अगर स्थ्तिति जटिल हो तो भगन्दर के इलाज के लिए डॉक्टर इसके छेद में एक ट्यूब डालते हैं। इसे "सेटन" (Seton) कहा जाता है, और यह रबड़ की बनी होती है। सेटन संक्रमित तरल पदार्थ को सोखने का काम करती है। इसमें छः सप्ताह या उससे ज़्यादा समय लग सकता है।
     
  • भगन्दर के स्थान के आधार पर, डॉक्टरों को आपकी स्फिंकटर मांसपेशियों (गुदा को खोलने व बंद करने वाली मासपेशियां) को काटने की आवश्यकता हो सकती है। डॉक्टर कोशिश करेंगे कि इन मांसपेशियों को नुक्सान न हो लेकिन इससे सर्जरी के बाद मल को नियंत्रित करने में कठिनाई हो सकती है।

इसके इलाज के लिए ​​तीन तरह की सर्जरी की जा सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:

  1. फिस्टुलोटोमी (Fistulotomy)
    फिस्टुलोटोमी भगन्दर का सबसे सामान्य इलाज है, जिसमें भगन्दर की ट्यूब को काटकर खोला जाता है। इससे भगन्दर ठीक होने की सम्भावना अधिक होती है और यह फिर से भगन्दर होने से रोकता है। हलांकि, कुछ जटिल मामलों में इससे स्फिंकटर मांसपेशियों को नुक्सान का खतरा बढ़ जाता है।
     
  2. फिस्टुलेक्टमी (Fistulectomy)
    जब पूरे भगंदर को काटकर शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है, तो उस सर्जरी को फिस्टुलेक्टमी कहा जाता है। यह इलाज जटिल स्थिति में सबसे अच्छा माना जाता है। हलांकि, फिस्ट्युलेक्टमी के कुछ नुक्सान भी होते हैं। सर्जरी के बाद रोगी को ठीक होने में चार से छः सप्ताह लग जाते हैं, जो बाकि सर्जरी के बाद ठीक होने के समय से अधिक है। इस सर्जरी से मल न रोक पाना जैसी समस्या हो सकती है।
     
  3. लेज़र ट्रीटमेंट (Laser Treatment) 
    लेज़र में भगन्दर या स्फिंकटर मांसपेशियों को काटने की आवश्यकता नहीं होती है जिससे मल न रोक पाने की समस्या का खतरा कम हो जाता है और सर्जरी के बाद ठीक होने में भी कम समय लगता है।

सर्जरी के बाद अपनी देखभाल करने के लिए इन बातों का ध्यान रखें:

  • भगन्दर की सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाएं और एंटीबायोटिक दवा लें। डॉक्टर से बात किए बिना अपनी मर्ज़ी से मेडिकल स्टोर से जा कर कोई दवा न लें।
  • दिन में तीन से चार बार गर्म पानी से नहाएं।
  • भगन्दर के ठीक होने तक अपने गुदा के क्षेत्र में पैड पहनें।
  • डॉक्टर के बोलने के बाद ही अपने रोज़मर्रा के काम शुरू करें।
  • फाइबर युक्त आहार लें और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
  • मल को मुलायम बनाने के लिए लैक्सेटिव लें।

भगन्दर (फिस्टुला) के नुकसान - Anal Fistula Complications in Hindi

भगन्दर की जटिलताएं क्या होती हैं?

भगन्दर की ज़्यादातर जटिलताएं उसकी सर्जरी से होती हैं। यह जटिलताएं निम्नलिखित हैं -

  • संक्रमण
    किसी भी प्रकार की सर्जरी से संक्रमण होने का खतरा होता है। भगन्दर की नली में मौजूद संक्रमण कभी-कभी शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। अगर ऐसा होता है, तो आपको एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आवश्यकता हो सकती है।
     
  • मल पर नियंत्रण खोना
    कुछ दुर्लभ मामलों में सर्जरी से स्फिंकटर मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है, जिससे आप अपने मल करने पर नियंत्रण खो सकते हैं। ऐसा होने की सम्भावना आपकी सर्जरी के प्रकार व भगन्दर के स्थान पर निर्भर करती है। अगर आपको सर्जरी से पहले भी यह समस्या थी, तो सर्जरी के बाद यह और बिगड़ सकती है।

कुछ मामलों में सर्जरी के बाद भी फिर से भगन्दर हो सकता है।

क्या फिस्टुला सर्जरी दर्दनाक होती है? - Is fistula surgery painful in Hindi?

कुछ फिस्टुला यानी भगंदर, एंटीबायोटिक्स और कई तरह की दवाओं की मदद से ठीक हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर को सर्जरी की जरूरत होती है. भगंदर के सर्जिकल उपचार के लिए मुख्य रूप से दो तरह की सर्जरी प्रचलित हैं. ये हैं -- फिस्टुलोटॉमी और सेटन सर्जरी.

फिस्टुलोटॉमी का मतलब होता है जब सर्जन भगंदर में चीरा लगा देता है ताकि वह सूख कर ठीक हो जाए. सेटन सर्जरी के दौरान सर्जन किसी भगंदर के अंदर पतले सर्जिकल धागे का एक टुकड़ा रख देता है जिसकी वजह से भगंदर का इन्फ़ेक्शन बाहर बह जाए. भगंदर के इलाज की सभी प्रक्रियाओं के अलग-अलग लाभ और जोखिम हो सकते हैं. दोनों पद्धतियों के बारे में डॉक्टर से सलाह लें. 

फिस्टुला का पता कैसे लगा सकते हैं? - How can you detect a fistula in Hindi?

डॉक्टर आमतौर पर गुदा के आसपास के क्षेत्र की जांच करके भगंदर का पता लगाते हैं. वो ज्यादातर त्वचा पर भगंदर की तलाश करते हैं. फिर डॉक्टर यह निर्धारित करने की कोशिश करते हैं कि भगंदर की गहराई और बहने की दिशा का पता लगाते हैं. कई बार बाहरी भगंदर से तरल पदार्थ निकलता दिख सकता है.

कुछ भगंदर त्वचा की सतह पर नहीं दिखाई देते. इस मामले में डॉक्टर को अन्य जांच करने की जरूरत हो सकती है -

  • एनोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गुदा और मलाशय के अंदर देखने के लिए एक खास उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है.
  • भगंदर को सही से देखने के लिए डॉक्टर गुदा क्षेत्र का अल्ट्रासाउंड या एमआरआई कराने की सलाह भी दे सकते हैं. 
  • कभी-कभी आपके सर्जन को भगंदर का निदान करने के लिए ऑपरेटिंग रूम में एनेस्थीसिया देकर जांच करने की जरूरत पड़ सकती है.

अगर भगंदर पाया जाता है, तो डॉक्टर ये देखने के लिए और चैकअप कर सकते हैं कि क्या स्थिति क्रोहन रोग से संबंधित है या फिर  आंत की सूजन की है या नहीं. क्रोहन रोग से पीड़ित लगभग 25% लोगों में भगंदर विकसित हो जाता है. इन सभी टेस्ट्स में खून की जांच, एक्स-रे और कोलोनोस्कोपी शामिल हैं.



संदर्भ

  1. National Health Service [Internet]. UK; Anal fistula
  2. American Society of Colon and Rectal Surgeons [Internet] Columbus, Ohio; Abscess and Fistula Expanded Information.
  3. Cleveland Clinic. Anal Fistula. [internet]
  4. University of Rochester Medical Center Rochester. Anal Fistula. University of Rochester Medical Centre. [internet]
  5. Ramsay Health Care UK. Surgery for Anal Fistula. [internet]

भगन्दर (फिस्टुला) के डॉक्टर

Dr. Paramjeet Singh. Dr. Paramjeet Singh. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr. Nikhil Bhangale Dr. Nikhil Bhangale गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
10 वर्षों का अनुभव
Dr Jagdish Singh Dr Jagdish Singh गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव
Dr. Deepak Sharma Dr. Deepak Sharma गैस्ट्रोएंटरोलॉजी
12 वर्षों का अनुभव
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भगन्दर (फिस्टुला) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Anal Fistula in Hindi

भगन्दर (फिस्टुला) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।