बेर्बेरिस वल्गेरिस
सामान्य नाम : बरबेरी
लक्षण : बेर्बेरिस वल्गेरिस उन लोगों में अच्छा असर दिखाता है, जो ज्यादा दर्द को सहन नहीं कर पाते हैं। इस उपाय से लाभान्वित होने वाले रोगियों के लक्षणों में अचानक परिवर्तन दिखाई देता है, जैसे रेडिएटिंग पेन या भूख न लगना। रेडिएटिंग पेन का मतलब किसी एक जगह से दर्द शुरू होना, लेकिन तंत्रिका मार्ग के जरिए दूसरे स्थान पर भी दर्द का कारण बनना होता है। यह निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करने में असरदार है :
- पेशाब करने में दर्द (और पढ़ें - पेशाब में दर्द और जलन के घरेलू उपाय)
- बार-बार मल पारित करने की इच्छा
- गुदा और पेरिनेम (महिलाओं में गुदा और योनी के बीच और पुरुषों में गुदा और अंडकोष के बीच का हिस्सा) में दर्द और जलन
- पुरुष में अंडकोष में दर्द और जलन महसूस करना
- गुदा के आसपास की त्वचा का फटना
कॉस्टिकम
सामान्य नाम : हैनिमैन टिंक्चुरा एक्रिस साइन काली
लक्षण : इस उपाय का उपयोग मुख्य रूप से मांसपेशियों और रेशेदार ऊतकों में दर्द के उपचार के लिए किया जाता है। यह कमजोरी जैसी दिक्कत को भी ठीक करने में प्रभावी है, जिसकी वजह से लकवा की समस्या हो सकती है। निम्न लक्षणों को अनुभव करने वाले मरीजों को इस उपाय से फायदा होता है :
- सख्त (हार्ड) मल होना, जो चिकना या बलगमयुक्त होता है
- मलाशय का आंशिक रूप से लकवाग्रस्त होना
- मल त्याग करते समय तनाव महसूस होना
- मलाशय में जलन के साथ दर्द होना
- पाइल्स (बवासीर)
यह लक्षण ठंडे मौसम में, शुष्क, ठंडी हवा के संपर्क में आने पर खराब हो जाते हैं, जबकि बरसात और नम मौसम में इन लक्षणों में सुधार होता है।
सिलिकिया टेरा
सामान्य नाम : सिलिका, प्योर फ्लिन्ट (सिलिकिया)
लक्षण : इस उपाय का उपयोग फोड़े, ऐंठन, मिर्गी और पेट फूलने जैसी समस्या के लिए किया जाता है। इसके अलावा निम्नलिखित लक्षणों को भी ठीक करने के लिए सिलिकिया का प्रयोग किया जाता है :
- सभी प्रकार के फिस्टुला जैसे एनल फिस्टुला, स्तनों में फिस्टुला अल्सर और फोड़ा
- वे सभी बीमारियां, जिनमें मवाद बनता है
- मलाशय में चुभन वाला दर्द
- बवासीर
यह लक्षण ठंड के मौसम में, सुबह के समय, लेटने और प्रभावित हिस्से को धोने में बढ़ जाते हैं। हालांकि, गर्म मौसम और नम मौसम में इन आराम मिलता है।
हाइड्रैस्टिस कैनाडेंसिस
सामान्य नाम : गोल्डन सील (हाइड्रैस्टिस)
लक्षण : हाइड्रैस्टिस उन बुजुर्ग रोगियों में सबसे अच्छा काम करता है, जो जल्दी थक जाते हैं। यह श्लेष्मा झिल्ली (आंत और अन्य अंगों की अंदरूनी परत) पर काम करता है और बलगम से जुड़ी स्थिति को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस उपाय से लाभान्वित होने वाले रोगियों को निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव होता है जैसे:
- मांसपेशी में कमजोरी
- सीने में जलन
- ब्रोंकाइटिस, विशेष रूप से पुराने रोगियों में
- पाचन शक्ति कमजोर होना (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
- कब्ज
- गुदा वाले हिस्से में चीरा या फटना
- मल पास करते समय और पूरी तरह से मल त्याग करने के बाद मलाशय में तेज, चुभने वाला दर्द होना
- बवासीर
कैल्केरिया फॉस्फोरिका
सामान्य नाम : फॉस्फेट ऑफ लाइम
लक्षण : यह उपाय उन लोगों के लिए निर्धारित है, जिन्हें एनल फिस्टुला के साथ छाती में हल्का दर्द होता है। इस उपाय से लाभान्वित होने वाले मरीजों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :
- भूलने की प्रवृत्ति
- पाचन शक्ति कमजोर होना
- सुन्न हो जाना व ऐसा महसूस होना जैसे कुछ रेंग रहा हो
- सख्त मल आना, जिसके चलते ब्लीडिंग हो सकती है
- गंदी महक के साथ गर्म व अनडाइजेस्ट (खाना सही से न पचना) मल त्यागना
लक्षण ठंड और नम स्थितियों में खराब हो जाते हैं और शुष्क और गर्म मौसम में इनमें सुधार होने लगता है।
नाइट्रिकम एसिडम
सामान्य नाम : नाइट्रिक एसिड
लक्षण : यह उन रोगियों में सबसे अधिक प्रभावी है जो सांवले रंग के हैं और आधी उम्र पार कर चुके हैं। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों को ठीक किया जा सकता हैं :
- चीरा या फटना
- कब्ज
- मल पास करते समय दर्द होना
- चिड़चिड़ापन
- आंत से ब्लीडिंग
- मल पास करने के बाद तेज दर्द, जो घंटों तक रह सकता है
- पसीना, पेशाब और मल से तेज दुर्गंध आना
शाम और रात के समय में यह लक्षण बिगड़ जाते हैं। लेकिन, गाड़ी में सवारी करते समय इन लक्षणों में सुधार होता है।
स्टैफिसैग्रिया
सामान्य नाम : स्टैवेसैक्रे
लक्षण : स्टैफिसैग्रिया का उपयोग जीनिटो-यूरिनरी स्थितियों (जननांग प्रणाली का विकार) को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह ऐसे संवेदनशील व्यक्तियों में अच्छी तरह से काम करता है, जो आसानी से नाराज होते हैं। वे निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं :
- धंसी हुई आंखें और आंख की बिलनी
- क्रोध करने पर पेट दर्द संबंधी दिक्कत होना
- मसूड़ों से खून आना और दांतों का काला पड़ना
- कब्ज
- बच्चों के पेट में गैस व सूजन
- बवासीर
यह लक्षण प्रभावित हिस्से को छूने पर, तंबाकू का उपयोग करने पर और यौन गतिविधियां बढ़ने पर खराब हो जाते हैं। रात में आराम करने और नाश्ता करने के बाद लक्षण बेहतर होते हैं।
थुजा ओकिडेंटलिस
सामान्य नाम : आर्बर वाइटे
लक्षण : इस उपाय से जिन्हें फायदा होता है उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनके पेट में कुछ हलचल हो रही है। थुजा ओकिडेंटलिस त्वचा, जठरांत्र संबंधी मार्ग और जननांग प्रणाली विकार वाले लोगों पर अच्छा असर करता है। यह निम्नलिखित लक्षणों का इलाज करने में भी मदद कर सकता है :
- आंखों में दर्द
- गंभीर रूप से सिरदर्द होना, मुख्य रूप से बाईं तरफ
- स्क्लेरा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन
- क्रोनिक डायरिया (लंबे समय से दस्त की समस्या), नाश्ता करने के बाद स्थिति खराब हो जाना
- भूख में कमी
- पेट फूलना
- एनल फिशर
- मलाशय में तेज दर्द व कब्ज
- बवासीर
- गुदा में दर्द और जलन
यह लक्षण रात में, नम हवा में, बिस्तर से निकलने वाली गर्मी से, कॉफी का सेवन करने पर और नाश्ते के बाद खराब हो जाते हैं। इन सभी शिकायतों में तब सुधार होने लगता है जब रोगी बाईं करवट लेकर लेटता है।
कार्बो वेजीटेबिलिस
सामान्य नाम : वेजीटेबल चारकोल
लक्षण : कार्बो वेजीटेबिलिस ऐसे आलसी व सुस्त लोगों के लिए निर्धारित किया जाता है, जो अधिक वजन वाले या मोटे होते हैं। ये मरीज घर की सभी खिड़कियों को खोलकर रखना पसंद करते हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों में कारगर है :
- सिर में खुजली व बाल गिरना
- अचानक याददाश्त कम होना
- सिर भारी लगना
- पेट में दर्द जो धीरे धीरे छाती की तरफ फैलता है
- नाक और मसूड़ों से ब्लीडिंग
- पेट में भोजन सड़ने के कारण पाचन शक्ति धीमी होना
- टाइट कपड़े पहनने में दिक्कत
- पेट बढ़ना या फूलना
- मलाशय में खुजली और जलन
- गुदा में जलन
- मल त्यागने के बाद बवासीर वाला दर्द होना
यह लक्षण ठंडे भोजन, कॉफी, मक्खन या शराब का सेवन करने, शाम और रात के समय, नम और गर्म मौसम में बिगड़ जाते हैं। जबकि ठंडे वातावरण में डकार आने के बाद इन लक्षणों में होता है।
काली कार्बोनिकम
सामान्य नाम : कार्बोनेट ऑफ पोटेशियम (काली कार्बोनिकम)
लक्षण : इस उपाय का उपयोग अवसाद, शरीर के किसी भी हिस्से में ठंड और दर्द के इलाज के लिए किया जाता है। काली कार्बोनिकम निम्नलिखित लक्षणों को ठीक करने में मददगार है :
- लगातार ऐसा महसूस करना मानो पेट में पानी भरा हो
- गैगिंग, पेट फूलना और मतली की स्थिति, लेटने पर इन लक्षणों में सुधार होता है
- ठंडी हवा के संपर्क में आने पर सिरदर्द
- गुदा के चारों ओर खुजली और फोड़े
- बवासीर
- गंभीर रूप से बाल गिरना व सूखे बाल
- सख्त मल आना, जिसे निकालने में मुश्किल होती है
- मलाशय और गुदा में जलन
ठंड के मौसम में, सुबह में लगभग 3 बजे और बाईं तरफ लेटने से यह लक्षण बदतर हो जाते हैं, जबकि वे गर्म मौसम में, दिन के समय और चलने-फिरने से बेहतर होते हैं।
पेओनिया ऑफिसिनैलिस
सामान्य नाम : पिओनी (पेओनिया)
लक्षण : पेओनिया ऑफिसिनैलिस का उपयोग मलाशय के अल्सर होने की स्थिति में किया जाता है। जिन रोगियों को इस उपाय से लाभ होता है वे बहुत घबरा जाते हैं और चलते समय चक्कर का अनुभव करते हैं। इसके अलावा उनमें निम्नलिखित लक्षण भी दिखाई देते हैं :
- गुदा में सूजन और खुजली
- बुरे सपने आना
- गुदा में जलन के साथ दस्त
- त्वचा पर फोड़े
- वैरिकोज वींस (नसों का असामान्य रूप से बढ़ना, ज्यादातर ऐसा पैरों या टांगों में होता है)