फिशर का इलाज कैसे किया जाता है?
ज्यादातर अल्पकालिक फिशर 4 से 6 सप्ताह में घरेलू उपचार के द्वारा ठीक कर सकते हैं। मल त्याग करने के दौरान होने वाला गुदा का दर्द भी इलाज शुरू होने के कुछ दिन बाद ठीक हो जाता है।
कुछ ऐसे स्टेप्स जिनकी मदद से आप लक्षणों को कम कर सकते हैं और फिशर को ठीक कर सकते हैं:
- कब्ज की रोकथाम करने की कोशिश करें, उदाहरण के लिए:
- अपने रोजाना के आहार में फल, सब्जियां, सेम और साबुत अनाज आदि शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ फाइबर में उच्च होते हैं।
- खूब मात्रा में तरल पदार्थ पीएं।
- रोजाना थोड़ा व्यायाम करें।
- फाइबर वाले सप्लीमेंट्स लें।
- रोजाना मल त्याग करने के लिए एक ही समय निर्धारित करें, पर्याप्त समय लें और जोर ना लगाएं।
- मल त्याग के दौरान दर्द को कम करने के लिए मल को नरम करने वाले उत्पाद (Stool softener) या लैक्सेटिव (Laxatives) आदि का प्रयोग करें। अपने डॉक्टर से पूछें की आप लैक्सेटिव का इस्तेमाल कब तक कर सकते हैं।
- एक टब में गर्म पानी डालें और उसमें 20 मिनट तक बैठें, ऐसा दिन में 2 या 3 बार करें। इस प्रक्रिया को सिट्ज़ बाथ कहा जाता है। यह क्षतिग्रस्त ऊतकों के दर्द को कम करता है और अंदरुनी स्फिंक्टर को रिलेक्स महसूस करवाता है। सिट्स बाथ में गर्म पानी से नहाया जाता है, यह गुदा की सफाई और उसे ठीक करने में मदद करता है। इस दौरान पानी में सिर्फ कुल्हे और नितंब ही डूबने चाहिए।
- अपने डॉक्टर से पूछें कि कुछ समय के लिए जिंक ऑक्साइड (Zinc oxide) या 1% हाइड्रोकोर्टिसोन (1% Hydrocortisone) जैसी बिना डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल स्टोर से मिलने वाली क्रीम आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।
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मल त्याग करने से बचने की कोशिश ना करें। ऐसा करना आपको कष्ट दे सकता है और परेशान कर सकता है। लेकिन इच्छा के बिना मल त्याग करने की कोशिश ना करें, क्योंकि ऐसा करना स्थिति को और बद्तर बना सकता है, फिशर को खुला रख सकता है और दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकता है।
अगर दवाओं से फिशर ठीक नहीं हो पा रहा तो, डॉक्टर सर्जरी करने पर विचार करते हैं।
फिशर के सभी मामले घरेलू इलाज से ठीक नहीं हो पाते। अगर फिशर की समस्या 8 से 12 सप्ताह तक रहती है, तो आपको उसके लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए। घरेलू देखभाल के तरीकों से फिशर ठीक न होने पर, उपचार में निम्न तरीकों को शामिल किया जाता है।
- गुदा की मांसपेशियों (Anal sphincter) में बोटोक्स का इन्जेक्शन लगाया जाता है। बॉटुलिनम टॉक्सिन टाइप A (Botulinum toxin type A) का इन्जेक्शन लगाने से यह मांसपेशियों को अस्थायी रूप से शक्तिहीन (Paralyzes) बना देता है, जिससे दर्द कम हो जाता है और ठीक होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
- मांसपेशियों को रिलेक्स करने के लिए मामूली सर्जरी।
- पर्ची वाली दवाएं जैसे नाइट्रेट्स (Nitrate) या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर (Calcium channel blockers) आदि क्रीमों को फिशर पर लगाया जाता है, जिससे मांसपेशियां शिथिल होने लगती हैं।
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सर्जरी –
सर्जरी से संबंधित किसी भी दृष्टिकोण से पहले उस पर विचार किया जाता है। डॉक्टर आपका फिर से परीक्षण करेंगे और अन्य टेस्ट करके यह निर्धारित करने की कोशिश करेंगे कि फिशर का इलाज असफल क्यों हुआ है।
फिशर का इलाज असफल करने वाले कुछ कारणों में स्कारिंग (Scarring) या आंतरिक मासपेशियों में ऐंठन आदि शामिल है। सर्जरी में आमतौर पर आंतरिक स्फिंक्टर की मांसपेशियों के एक छोटे से हिस्से में एक कट लगाया जाता है। ऐसा करने से दर्द व ऐंठन कम हो जाती है, जिससे फिशर को ठीक होने में मदद मिलती है। कुछ दुर्लभ मामलों में मांसपेशियों में कट लगाने के परिणामस्वरूप आंत्र कार्यों को नियंत्रित रखने की क्षमता में कमी आ सकती है।
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