जब एनस में किसी तरह की दरार या कट बन जाता है, तो उसे फिशर या एनल फिशर कहा जाता है. बाउल मूवमेंट के दौरान जब व्यक्ति कड़ा मल त्याग करता है, तो एनल फिशर होने की आशंका होती है. एनेल फिशर में अमूमन बाउल मूवमेंट के साथ दर्द और ब्लीडिंग हो सकती है. इसके साथ ही एनस की मांसपेशियों में ऐंठन भी महसूस हो सकती है. ऐसे में फिशर के इलाज में सप्तविंशति गुग्गुल व अर्शकल्प वटी जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां मदद कर सकती हैं. इसके अलावा, इलाज के तौर पर आयुर्वेदिक डॉक्टर क्षार एप्लिकेशन की सलाह दे सकते हैं. आज इस लेख में हम फिशर की आयुर्वेदिक दवा व इलाज के बारे में जानेंगे -
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