परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) - Allergic Rhinitis (Hay Fever) in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

March 09, 2017

June 14, 2023

परागज ज्वर
परागज ज्वर

आपने कई बार देखा होगा कि जैसे ही कुछ लोग पराग के संपर्क में आते हैं, वैसे ही छींकने लगते हैं। यह एलर्जी के कारण होता है। एलर्जी में आपका शरीर कुछ बाहरी कणों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। कभी-कभी एलर्जी लगातार छींकने से ज्यादा गंभीर हो सकती है, जैसे एलर्जिक रायनाइटिस (नाक की सूजन)।

एलर्जिक राइनाइटिस, एलर्जन की वजह से होती है। एलर्जी राइनाइटिस को नाक की सूजन के रूप में जाना जाता है। एलर्जी के हमले के दौरान एंटीबॉडीज मुख्यत इम्युनोग्लोबिन ई (IgE) ऐसी कोशिकाओं से जुड़ जाती है जो हिस्टामाइन नामक केमिकल को फेफड़ों, त्वचा और श्लेष्म झिल्ली (mucous membrane) में छोड़ती हैं। यह हिस्टामाइन रक्त वाहिकाओं को खोलता है और इससे त्वचा पर लालिमा और झिल्ली में सूजन होती है। ऐसा होने पर नाक बंद होती है और छींके आती है। धूल के कण, पशु, परागकण, फफूंद, कॉकरोच, धुआं, वायु प्रदूषण, गंध, रंग-पेंट का धुआं, दवाओ आदि विभिन्न कारणों से एलर्जी रायनाइटिस हो सकती है।

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) के लक्षण - Allergic Rhinitis (Hay Fever) Symptoms in Hindi

लगातार छींकें आना, आँख और नाक से पानी बहना, नाक बंद होना और सिरदर्द बना रहना आदि एलर्जिक राइनाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं। जब ये प्रभाव लंबे समय तक रहते हैं, तो व्यक्ति की आँखों के नीचे काले घेरे बन जाते हैं। यह स्थिति बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह साइनसिस और अस्थमा जैसे प्रमुख रोगों का कारण बन सकती है।

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) के कारण - Allergic Rhinitis (Hay Fever) Causes in Hindi

  1. एलर्जी का कारण है मौसम में बदलाव - Allergic Rhinitis Due to Seasonal Changes in Hindi
  2. ठंडे और भारी भोजन से हो सकती है एलर्जिक राइनाइटिस - Allergic Rhinitis Caused by Food in Hindi
  3. नाक की एलर्जी के कारण हैं आपका लाइफ स्टाइल - Allergic Rhinitis Due to lifestyle in Hindi

एलर्जी का कारण है मौसम में बदलाव - Allergic Rhinitis Due to Seasonal Changes in Hindi

मौसम में आने वाले बदलाव से भी एलर्जिक राइनाइटिस होने की संभावना रहती है। यह संभव है कि आप कुछ सीज़न में एलर्जिक राइनाइटिस का अनुभव कर सकते हैं। ठंडी, धूल या नम जलवायु भी एलर्जी राइनाइटिस का कारण बन सकती है। आपका वातावरण आपके स्वास्थ्य की स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फूलों के छोटे छोटे पराग कणों के कारण लोगों को एलर्जी हो सकती है। मान लीजिए कि आप ऐसी जगह रहते हों जहाँ बहुत अधिक फूल पौधे लगे हों। इस मामले में आपको यह बीमारी आसानी से हो सकती है।

ठंडे और भारी भोजन से हो सकती है एलर्जिक राइनाइटिस - Allergic Rhinitis Caused by Food in Hindi

कुछ लोगों को खाद्य सामग्री से भी एलर्जी होती है। बहुत अधिक कफ को उत्तेजित करने वाले भोजन का सेवन आपके सिस्टम में अधिक कफ जमा कर सकता है जिससे आपको यह बीमारी होने की अधिक संभावना रहती है। बहुत ठंडा और भारी भोजन आपके लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप बहुत सारे डेयरी उत्पादों, मीठा, जंक फूड और कच्चे भोजन का सेवन करते हों, तो आप संक्रमण होने की संभावना में वृद्धि देख सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में कफ असंतुलन के कारण भी एलर्जिक राइनाइटिस हो सकता है।

नाक की एलर्जी के कारण हैं आपका लाइफ स्टाइल - Allergic Rhinitis Due to lifestyle in Hindi

यह संभव हो सकता है कि आपकी कुछ चीजें आपको एलर्जी से ग्रस्त कर रही हैं। यदि आपकी चादरें और तकिये गंदे हैं, तो एलर्जी के कण आपके शरीर में आसान से प्रवेश करते हैं। धूम्रपान करने वाले या धूम्रपान करने वाले किसी व्यक्ति के साथ घनिष्ठ संपर्क में होना भी हानिकारक हो सकता है यदि आपको धूम्रपान से एलर्जी है। इसके अलावा सॉफ्ट टॉयज, पालतू जानवर, कॉक्रोच, वॉलपेपर, हाउस प्लांट्स, फंगस, दवा से भी एलर्जी हो सकती है। इस प्रकार की एलर्जी को बारहमासी कहा जाता है यानी यह साल में कभी भी हो सकती है। एस्पिरिन एक प्रसिद्ध दवा है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर एनाल्जेसिक के रूप में किया जाता है। इस दवा का अत्यधिक उपयोग आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की ताकत को कम कर सकता है, जिससे आप एलर्जी राइनाइटिस के प्रति अतिसंवेदनशील हो सकते हैं।

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) से बचाव - Prevention of Allergic Rhinitis (Hay Fever) in Hindi

एलर्जिक राइनाइटिस नाक की सूजन से सम्बंधित विकार है। यह तब उत्पन्न होता है जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली एक विशेष एलर्जन के प्रति अतिसंवेदनशील होती है। इसमें आप वर्ष के किसी विशेष मौसम में या फिर पूरे समय इस समस्या से परेशान रह सकते हैं। इस समस्या से बचाव में स्वस्थ जीवन शैली और आहार आप की मदद कर सकते हैं।

  1. एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के लिए एलर्जन से रहे दूर - Protect Yourself From Allergies In Hindi
  2. एलर्जी की रोकथाम के लिए खाएं ये आहार - Diet For Allergic Rhinitis In Hindi
  3. एलर्जी से बचने का उपाय है धूम्रपान से दूरी - Healthy Practice Guidelines For Allergic Rhinitis In Hindi
  4. नाक की एलर्जी के लिए योग - Yoga For Allergic Rhinitis In Hindi

एलर्जिक राइनाइटिस से बचने के लिए एलर्जन से रहे दूर - Protect Yourself From Allergies In Hindi


चूंकि एलर्जन एलर्जी का कारण होता है इसलिए एलर्जी के संपर्क में आने से बचें। विशेष रूप से हवा के दिनों में बाहर जाने से पहले अपने नाक और मुंह को किसी साफ कपड़े से बांध लें। क्योंकि हवा एलर्जी के एक सक्रिय वाहक है। इसके अलावा अपने आस पास स्वच्छता बनाए रखें क्योंकि आपके आस-पास का क्षेत्र गंदा रहेगा तो धूल कण आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और आप को एलर्जी हो सकती है। अगर आप को पराग से अधिक एलर्जी है तो जितना संभव हो उतना बाहर जाने से बचें। इसके अलावा अपने आप को अत्यधिक ठंड की स्थिति से बचाएं क्योंकि इससे कफ़ दोष हो सकता है। (और पढ़ें – बदलते मौसम में हो रही एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार)

एलर्जी की रोकथाम के लिए खाएं ये आहार - Diet For Allergic Rhinitis In Hindi


ठंडे और भारी भोजन के सेवन से जितना हो सके बचने की कोशिश करें। हमेशा गर्म और पके हुए आहार का सेवन ही करें। इसके साथ वैसे भोजन का सेवन करें जो आसानी से पच जाए। कच्ची सब्जियों का सेवन कम करें और डेयरी उत्पादों के अत्यधिक सेवन से बचें। प्रतिदिन निश्चित समय पर स्वस्थ और संतुलित भोजन का सेवन करें।

एलर्जी से बचने का उपाय है धूम्रपान से दूरी - Healthy Practice Guidelines For Allergic Rhinitis In Hindi

धूम्रपान के धुएं से आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों से दूर रहें। आपको अपनी गतिविधियों पर भी ध्यान रखना चाहिए। आप कुछ ऐसा न करें जिससे आपके कफ दोष के संतुलन पर प्रभाव पड़े। अपने आप को पर्यावरण के अनुसार ढालें जिससे आपको अच्छी नींद आए। (और पढ़ें – नींद ना आने के आयुर्वेदिक उपाय)

नाक की एलर्जी के लिए योग - Yoga For Allergic Rhinitis In Hindi

नाक की एलर्जी से छुटकारा दिलाने में योग को लाभकारी माना जाता है। कई योग आसन हैं जो श्वसन प्रणाली की एलर्जी में सुधार के लिए वास्तव में प्रभावी होते हैं। ये नाक की गंदगी को साफ करने में भी मदद करते हैं। इसके लिए आप सेतुबंधासनसर्वांगासन, वीरभद्रासन और अर्ध चंद्रासना जैसे योग आसन कर सकते हैं जो आपकी श्वसन प्रणाली की एलर्जी की समस्या से निजात दिलाने में मदद करेंगे। आप दैनिक जीवन शैली में योग को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए शामिल करें। गर्मी के मौसम सुबह में पैदल चलना भी श्वसन प्रणाली की एलर्जी में सुधार करने में मदद कर सकता है । (और पढ़ें – सैर करने के फायदे)

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) का परीक्षण - Diagnosis of Allergic Rhinitis (Hay Fever) in Hindi

राइनाइटिस का निदान कैसे किया जाता है?

अगर आपकी एलर्जी मामूली है, तो संभवतः आपको केवल शारीरिक परिक्षण की आवश्यकता होगी। हालांकि, डॉक्टर आपके लिए सबसे अच्छे इलाज और रोकथाम योजनाओं का पता लगाने के लिए कुछ परीक्षण कर सकतें हैं। स्किन प्रिक टेस्ट सबसे आम परीक्षण हैं। चिकित्सक आपकी त्वचा पर कई पदार्थ रखते हैं। यह देखने के लिए कि आपका शरीर प्रत्येक पदार्थ के लिए कैसे प्रतिक्रिया देता है। यदि आपको किसी पदार्थ से एलर्जी है तो, आमतौर पर एक छोटी सा लाल बम्प दिखाई देता है।

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) का इलाज - Allergic Rhinitis (Hay Fever) Treatment in Hindi

परागज ज्वर के उपचार और दवाएं क्या हैं?

उन पदार्थों के संपर्क में कम से कम आएं जिनसे आपको हे फीवर हो सकता है। यदि आपका हे फीवर बहुत गंभीर नहीं है, तो ओवर दी काउंटर दवाएं लक्षणों को दूर करने के लिए पर्याप्त हो सकती हैं। खराब लक्षणों के लिए, आपको डॉक्टर की दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। कुछ लोगों को एलर्जी दवाओं के संयोजन से राहत मिलती है। आप कुछ दवाइयों का इस्तेमाल करें, यह देखने के लिए कि आपके लिए सबसे बेहतर दवाई कोनसी होगी।

हे फीवर की दवाओं में शामिल हैं -

  1. ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड (oral corticosteroids) - कॉर्टिकोस्टोरोइड गोलियां जैसे कि प्रेड्निसोन कभी-कभी गंभीर एलर्जी के लक्षणों को दूर करने के लिए उपयोग होती है।
  2. नेसल कॉर्टिकोस्टिरॉइड्स (Nasal corticosteroids) - ये दवाइयां नाक की सूजन, नाक की खुजली और बहती नाक ( जो हे फीवर की वजह से है) से बचाती हैं। डॉक्टर द्वारा बताई गई नाक की दवा में एंटीहिस्टामाइन और स्टेरॉयड का मिश्रण होता है। एक ओवर दी काउंटर वर्ज़न ( फ्लोनेस एलर्जी रिलीफ) हाल ही में उपलब्ध हुआ है।
  3. एंटीहिस्टामाइन (Antihistamines) - ओवर-द-काउंटर उदाहरणों में लॉराटाडिनेन (क्लैरिटीन, एल्वर्ट), सीटीरिज़िन (ज़िरटेक एलर्जी) शामिल हैं। एंटीहिस्टामाइन आई ड्राप से आंखों की खुजली और हे फीवर से होने वाली आंखों में जलन से राहत मिलती है।
  4. डीकनजसटेंट्स (Decongestants) - ओवर-द-काउंटर मौखिक डीकनजसटेंट्स में सुडफेद, अफ़्रीनोल शामिल हैं। एक समय में दो या तीन दिन से अधिक के लिए डीकनजसटेंट्स नाक स्प्रे का उपयोग न करें क्योंकि इसका लगातार इस्तेमाल करने से लक्षण और बिगड़ जातें हैं। (रिबाउंड कंजेस्शन)
  5. क्रॉमोलिन सोडियम - यह एक ओवर-द-काउंटर नाक स्प्रे के रूप में उपलब्ध है। जिसे दिन में कई बार इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह आई ड्राप की फॉर्म में भी उपलब्ध है। जो क्रोलॉम के नाम से भी मिलती है। यह हिस्टामाइन को पैदा होने से रोकता है और हे फीवर के लक्षणों में राहत देता है।
  6. ल्यूकोट्रीन सुधारक (Leukotriene modifier) - मोन्टेल्यूकैस्ट (एकवचन) एक डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाई है। जो ल्यूकोट्रिएंस - प्रतिरक्षा प्रणाली के रसायनों को रोकने के लिए ली जाती है। यह अतिरिक्त बलगम उत्पादन के रूप में एलर्जी का कारण बनती है। यह खासकर एलर्जी के कारण हुए वे अस्थमा को ठीक करती है। यह आम तौर पर तब इस्तेमाल होती है जब नाक का स्प्रे बर्दाश्त नहीं किया जाता है या तब जब आपको हल्का अस्थमा हो।
  7. नेसल इपराट्रोपियम (Nasal ipratropium) - इस नेसल स्प्रे का डॉक्टर द्वारा सुझाव दिया जाता है, इपराट्रोपियम (एट्रोवाइंट) आपकी नाक में  मौजूद ग्रंथियों के अतिरिक्त द्रव के उत्पादन को रोककर गंभीर बहती नाक से छुटकारा दिलाता है।

हे फीवर के अन्य इलाजों में शामिल हैं -

  1. एलर्जी शॉट्स (इम्यूनोथेरेपी) - यदि आपको बिल्ली की रुसी, धूल, पेड़ द्वारा निर्मित पराग से एलर्जी हो गई है। तो आपको एलर्जी शॉट्स लेने की सलाह दी जाएगी। बच्चों में, इम्यूनोथेरेपी अस्थमा के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।
  2. अंडर-द-टंग (सब्लिंगुअल) एलर्जी टैबलेट - शॉट्स प्राप्त करने के बजाय, आपके पास छोटी मात्रा  में गोली के रूप में एलर्जेन उपलब्ध है, जो आपके मुंह में घुल जातें है।
  3. साइनस को धोना - अपनी नासिका मार्ग को आसुत और खारे पानी से धोएं। क्योंकि यह नेसल कंजेस्शन से आराम पाने का सबसे जल्दी होने वाला, सबसे सस्ता और सबसे प्रभावी तरीका है। यह आपकी नाक से बलगम और एलर्जेंस को बाहर निकाल देता है। 
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परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) के जोखिम और जटिलताएं - Allergic Rhinitis (Hay Fever) Risks & Complications in Hindi

एलर्जिक राइनाइटिस से होने वाली अन्य परेशानियां?

हे फीवर से जुडी समस्याओं में शामिल हैं -

  1. जीवन की गुणवत्ता का कम होना - हे फीवर आपके क्रियाकलापों के आनंद में हस्तक्षेप कर सकता है। जिससे आपकी सक्रियता कम हो जाती है। कई लोगों को, हे फीवर के लक्षणों के कारण काम या स्कूल से छुट्टी लेनी पड़ सकती हैं।
  2. खराब नींद - हे फीवर के लक्षण आपकी नींद खराब कर सकतें हैं, जिससे थकान और अस्वस्थ होने की सामान्य भावना हो सकती है।( और पढ़ें - नींद न आने के घरेलु उपाय)
  3. अस्थमा बढ़ना - हे फीवर अस्थमा के संकेत और लक्षणों को बढ़ा सकता है, जैसे कि - खांसी और घरघराहट।
  4. कान के संक्रमण - बच्चों में, हे फीवर अक्सर मध्य कान में संक्रमण (ओटिटिस मीडिया) का एक कारक होता है।

राइनाइटिस के जोखिम

 हे फीवर के जोखिम हैं -

  • एलर्जी या अस्थमा होने के कारण
  • एटॉपिक डर्मेटाइटिस का होना (एक्जिमा)
  • रिश्तेदार को अलेर्जी या अस्थमा होना
  • ऐसे वातावरण में रहना या काम करना जहा आप नियमित रूप से एलर्जी के संपर्क में आते हो। जैसे कि - पशु के बालों की रूसी
  • माता द्वारा आपके जीवन के पहले वर्ष में धूम्रपान करना। (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलु उपाय)


संदर्भ

  1. American Academy of Allergy, Asthma and Immunology [Internet]. Milwaukee (WI); RHINITIS (HAY FEVER)
  2. ENT Health [Internet]. American Academy of Otolaryngology–Head and Neck Surgery Foundation; Nose.
  3. Jitendra Varshney, Himanshu Varshney. Allergic Rhinitis: an Overview. Indian J Otolaryngol Head Neck Surg. 2015 Jun; 67(2): 143–149. PMID: 26075169
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Allergic rhinitis
  5. Australian Institute of Health and Welfare. Allergic rhinitis ('hay fever'). Australia. [internet]
  6. Government of Western Australia. Hay fever (allergic rhinitis). Deperment of Health. [internet]

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) के डॉक्टर

Dr. Anu Goyal Dr. Anu Goyal कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Allergic Rhinitis (Hay Fever) in Hindi

परागज ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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