Baidyanath Sanjivani Bati

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    Baidyanath Sanjivani Bati की जानकारी

    Baidyanath Sanjivani Bati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः बदहजमी, बुखार, हैजा, पाचन तंत्र के रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Sanjivani Bati का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Sanjivani Bati के मुख्य घटक हैं आंवला, गिलोय, हरीतकी, पिप्पली, अदरक, वाचा, बच्छनाभ जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Sanjivani Bati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है। 

    Baidyanath Sanjivani Bati की सामग्री - Baidyanath Sanjivani Bati Active Ingredients in Hindi

    आंवला
    • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • दवाएं जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार का इलाज करती हैं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • पेट के छाले ठीक करने के लिए उपयोगी एजेंट।
    • ऐसा पदार्थ जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और भूख बढ़ाने में फायदेमंद होता है।
    • पाचन क्रिया को बेहतर करने वाले तत्‍व।
    • ये दवाएं खांसी के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • वो दवा जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर कार्य कर इम्यून को बेहतर करती है।
    • ये एजेंट गैस्ट्रिक जूस (जठर रस/पाचन रस) के स्राव को उत्तेजित करते हैं।
    गिलोय
    • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • बुखार के उपचार में उपयोग किए जाने वाले एजेंट।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    हरीतकी (हरड़)
    • दवा जो श्वास, घरघराहट, खांसी और सीने में जकड़न जैसे अस्‍थमा के लक्षणों को रोकने में मदद करती है
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • ये दवाएं ट्यूमर को बढ़ने से रोककर इसका आकार कम करती हैं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
    • पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
    • खांसी कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवा।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
    पिप्पली
    • दर्द को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं या एजेंट।
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • वे दवाएं जो बुखार के दौरान शरीर के तापमान को कम करने में मदद करती हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • वो दवा जो पेट और आंत के काम को आसान कर पाचन तंत्र को बेहतर करती है।
    • खांसी कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवा।
    • श्‍वसन मार्ग में बलगम के स्राव में सुधार लाने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट गैस्ट्रिक जूस (जठर रस/पाचन रस) के स्राव को उत्तेजित करते हैं।
    • सूक्ष्म जीवों को बढ़ने से रोकने वाले या खत्म करने वाले एजेंट।
    अदरक
    • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं पेट संबंधी गतिशीलता कम करके दस्त का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • पेट की गैस या पट फूलने की समस्या को कम करने वाले एजेंट।
    • पाचन क्रिया और पेट को आराम देने वाले घटक।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    वाचा
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    वत्सनाभ
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • पाचन क्रिया को बेहतर करने वाले तत्‍व।

    Baidyanath Sanjivani Bati के लाभ - Baidyanath Sanjivani Bati Benefits in Hindi

    Baidyanath Sanjivani Bati इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

    अन्य लाभ



    Baidyanath Sanjivani Bati की खुराक - Baidyanath Sanjivani Bati Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Sanjivani Bati की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Sanjivani Bati की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 4 टैबलेट
    • लेने का तरीका: शहद
    • दवा का प्रकार: बटी (गोलियां)
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने
    बच्चे(2 से 12 वर्ष)
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 1 टैबलेट
    • लेने का तरीका: शहद
    • दवा का प्रकार: बटी (गोलियां)
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 4 टैबलेट
    • लेने का तरीका: शहद
    • दवा का प्रकार: बटी (गोलियां)
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने


    Baidyanath Sanjivani Bati के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Baidyanath Sanjivani Bati Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Sanjivani Bati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Sanjivani Bati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    Baidyanath Sanjivani Bati से सम्बंधित चेतावनी - Baidyanath Sanjivani Bati Related Warnings in Hindi

    • क्या Baidyanath Sanjivani Bati का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


      गर्भवती महिलाओं के लिए Baidyanath Sanjivani Bati सुरक्षित है।

      सुरक्षित
    • क्या Baidyanath Sanjivani Bati का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


      स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए Baidyanath Sanjivani Bati सही और सुरक्षित है।

      सुरक्षित
    • Baidyanath Sanjivani Bati का पेट पर क्या असर होता है?


      Baidyanath Sanjivani Bati के इस्तेमाल से पेट को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।

      सुरक्षित
    • क्या Baidyanath Sanjivani Bati का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है


      Baidyanath Sanjivani Bati का शरीर पर क्या असर होता है इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है। इस पर कोई रिसर्च नहीं हो पाई है।

      अज्ञात
    • क्या Baidyanath Sanjivani Bati शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


      Baidyanath Sanjivani Bati के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

      नहीं
    • क्या Baidyanath Sanjivani Bati का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


      नहीं, Baidyanath Sanjivani Bati को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।

      नहीं

    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव


    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 180-182

    C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 3.83-3.84