कार्बोहाइड्रेट क्या है?

कार्बोहाइड्रेट अमूमन हर खाद्य पदार्थ में पाया जाता है। फल और सब्जियों से लेकर फ्राइज़ या चिप्‍स या फिर पिज्‍जा की स्‍लाइस में भी कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है और एनर्जी पाने के लिए आहार में इसे जरूर शामिल करना चाहिए।

संतुलित आहार में 45 से 65 फीसदी कार्बोहाइड्रेट होता है और इससे शरीर को रोजाना के कार्य के लिए जरूरी कैलोरी मिलती है। हालांकि, अगर आप बहुत ज्‍यादा व्‍यायाम करते हैं तो आपको सामान्‍य व्‍यक्‍ति के मुकाबले ज्‍यादा कार्बोहाइड्रेट की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर आप कार्बोहाइड्रेट से मिलने वाले फायदों को पाना चाहते हैं ता इसके सही प्रकार को चुनना चाहिए। इसके अलावा कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए, ये भी जानना जरूरी है।

तो चलिए जानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट्स के फायदे, स्रोत क्‍या हैं और आप अपने आहार में इसे किस तरह शामिल कर सकते हैं। 

  1. कार्बोहाइड्रेट के फायदे और कार्य - Benefit of carbohydrates in hindi
  2. कार्बोहाइड्रेट के प्रकार - Types of carbohydrates in Hindi
  3. कार्बोहाइड्रेट के स्रोत - Sources of carbohydrates in hindi
  4. कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा के नुकसान - Side effects of having too much carbohydrates in Hindi
  5. कार्बोहाइड्रेट की सही मात्रा - Daily carbohydrate requirement in Hindi
कार्बोहाइड्रेट के स्रोत, फायदे और नुकसान के डॉक्टर

कार्बोहाइड्रेट हमारे दैनिक कार्यों के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। ऊर्जा प्रदान करने के अलावा इसके अन्य लाभ भी हैं

हमारी सभी गतिविधियों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है। यहाँ तक कि हमें चलने और साँस लेने के लिए भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हमारी दैनिक आवश्यकताओं के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्रोत ग्लूकोज होता है। हमारे शरीर को ग्लूकोज हमारे आहार में खाए गए स्टार्च और शुगर से प्राप्त होता है।
पाचन की प्रक्रिया के दौरान इंसुलिन की सहायता से स्टार्च और शुगर चीनी में टूट जाते हैं। तब ग्लूकोज कोशिकाओं की दीवार में प्रवेश करता है। अगर भोजन में अधिक मात्रा में शुगर होता है तो यह हमारे मांसपेशियों, लिवर और शरीर के अन्य भागों में जमा हो जाता है जो बाद में फैट के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

रेशेदार भोजन यानि फाइबर युक्त आहार कुछ बीमारियों जैसे टाइप 2 मधुमेह और मोटापे से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। फाइबर अपच और कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। फाइबर हम साबुत अनाज से प्राप्त कर सकते हैं। व्यायाम और उचित कैलोरी का सेवन कई बीमारियों जैसे टाइप 2 मधुमेह और हृदय संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद करता है। कम वसा, कम कोलेस्ट्रॉल वाले कार्बोहाइड्रेट्स हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम कर सकते हैं। 

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हम में से कई लोग वजन बढ़ने के लिए कार्बोहाइड्रेट को दोषी मानते हैं। लेकिन उचित तरीके से कार्बोहाइड्रेट का सेवन आपके वजन को कम करने या नियंत्रित करने में मदद करता है। यदि आप सही तरह से अपने आहार में फल, सब्जियों और रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो यह आपका वजन कम करने में मदद करते हैं। कार्बोहाइड्रेट में समृद्ध आहार वजन घटाने और मांसपेशियों को टोन करने में फायदेमंद है।

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मुख्य रूप से तीन प्रकार के कार्बोहाइड्रेट होते हैं।

शुगर यानि चीनी कार्बोहाइड्रेट का सबसे सरल रूप है। चीनी प्राकृतिक रूप से दूध, दूध उत्पाद, फल, सब्जियों और कई अन्य खाद्य पदार्थों में होती है। शुगर तीन रूपों में पाया जाता है लैक्टोज, फ्रुक्टोस, और सूक्रोज यह दूध, चीनी और फल से प्राप्त होता है। चीनी हमें दैनिक गतिविधियों के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।

स्टार्च शुगर का ही हिस्सा है। यह स्वाभाविक रूप से चावल, सेम, मटर और अन्य अनाज में पाया जाता है।

फाइबर भी स्टार्च की तरह शुगर का ही हिस्सा है। फाइबर वाले आहार हमें जल्दी पाचन में सहायता करते हैं। फाइबर कुछ सब्जियों, साबुत अनाज, मटर और सूखे सेम, चोकर, सोया सेम आदि में होता है

रेशेदार भोजन खाने के तुरंत पाचन में सहायता करते हैं। फाइबर कुछ सब्जियों, साबुत अनाज, मटर और सूखे सेम, चोकर, सोया बीन्स आदि में पाया जाता है

चूंकि कार्बोहाइड्रेट वजन बढ़ाने और कम करने दोनों तरीकों से काम करता है इसलिए कार्बोहाइड्रेट को अपने आहार में शामिल करने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि किस तरह के कार्बोहाइड्रेट आहार का आपको सेवन करना चाहिए।

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ताजे फल जैसे तरबूज, रास्पबेरी, अंगूर, ब्लूबेरी, नाशपाती और बेर आपको फाइबर, बहुत अधिक पानी और नेचुरल शुगर प्रदान करते हैं। अतः इन फाइबर युक्त फलों का सेवन करें।

रिफाइंड अनाज के सेवन से बेहतर है कि आप साबूत अनाज का सेवन करें। ये आपको फाइबर और पोटेशियम, मैग्नीशियम और सेलेनियम प्रदान करते हैं। अनाज को रिफाइन करने से पोषक तत्व और फाइबर की मात्रा कम हो जाती है। वैसे तो सभी अनाज कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं लेकिन साबुत अनाज अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं। साबुत अनाज (whole grains) से बने आइटम जैसे ब्रेड आपको बाजार में मिल जाएंगी हैं।

फलियां प्रोटीन का समृद्ध स्रोत हैं और इनमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम और फोलेट जैसे आवश्यक जैसे पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। सेम, दाल और मटर में फाइबर (घुलनशील और अघुलनशील) प्रोटीन होते हैं और इसमें किसी भी प्रकार का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। ये अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में अधिक फायदेमंद होते हैं। फलियों में कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा नहीं होता है इसलिए हृदय रोगियों के लिए बहुत लाभदायक है।

संतृप्त वसा का सेवन सीमित करने के लिए हमें कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का उपयोग करना चाहिए। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद हमें कम कैलोरी के साथ विटामिन, खनिज, प्रोटीन, और कैल्शियम देते हैं। पर यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप जिस भी डेयरी उत्पाद का सेवन करते हैं उसमें चीनी की मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन हमारे स्वस्थ के लिए अच्छा नहीं होता है। यह हमरे वजन को बढ़ाने के साथ-साथ खराब पोषण प्रदान करते है और इसके सेवन से दातों की क्षय भी हो सकती है। इसलिए कैंडी, शुगर ड्रिंक, मिठाई के सेवन से बचें। ये आपको कैलोरी के सिवा कोई पोषण प्रदान नहीं करते हैं।

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अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट के सेवन से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ सकती है जिसके कारण मोटापा हो सकता है।

पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट क सेवन नहीं करने से कुपोषण की समस्या हो सकती है।

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हमारे प्रतिदिन की ऊर्जा की जरूरत हमारे जीवन शैली पर निर्भर करती है। हमें कितनी कैलोरी खाने की ज़रुरत है, यह हमारे काम के प्रकार पर निर्भर करती है। यदि आपको प्रतिदिन 2000 कैलोरी की जरूरत है तो इन कैलोरी का 45 से 65% आपको कार्बोहाइड्रेट से मिलना चाहिए। क्योंकि हर एक ग्राम कार्बोहायड्रेट में 4 कैलोरीज होती है, इसका अर्थ है कि आपको प्रतिदिन 225 से 335 ग्राम कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। इससे आपको 2000 कैलोरी में से 900 से 1300 कैलोरी मिल जाएंगी।

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