Baidyanath Gaisantak Bati (50)

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    Baidyanath Gaisantak Bati (50)

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    Baidyanath Gaisantak Bati (50) की जानकारी

    Baidyanath Gaisantak Bati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः एसिडिटी, पेट की गैस के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Gaisantak Bati का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Gaisantak Bati के मुख्य घटक हैं चित्रक, हरीतकी, पिप्पली, अदरक, अजवाइन, शंख भस्म, नींबू, काला नमक, हींग, लहसुन जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Gaisantak Bati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Baidyanath Gaisantak Bati (50) की सामग्री - Baidyanath Gaisantak Bati (50) Active Ingredients in Hindi

    चित्रक
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • घटक जो पेट व आंत की गैस से राहत दिलाते हैं।
    हरीतकी (हरड़)
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • पेट के छाले ठीक करने के लिए उपयोगी एजेंट।
    • पाचन क्रिया को बेहतर करने वाले तत्‍व।
    • वे एजेंट्स जो मल त्‍याग की क्रिया को बेहतर करते हैं और मल को मुलायम कर शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
    पिप्पली
    • चोट या संक्रमण के कारण होने वाली सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन को रोकने वाली दवाएं।
    • दवाएं जो भूख को बढ़ाती हैं और एनोरेक्सिया व भूख न लगने के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं।
    • पाचन क्रिया को बेहतर करने वाले तत्‍व।
    • लीवर के कार्यों और उसे खराब होने से रोकने वाले एजेंट।
    • वो पदार्थ जो गैस्ट्रिक रस के स्राव को बढाकर पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है।
    अदरक
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं पेट संबंधी गतिशीलता कम करके दस्त का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • वे दवाएं या एजेंट जो जी मिचलाने और उल्टी को रोकने में उपयोगी हैं।
    • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।
    • ये दवाएं जठरांत्र में अल्सर को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
    • घटक जो पेट व आंत की गैस से राहत दिलाते हैं।
    • पाचन क्रिया को सुधारने व खाने को ठीक से अवशोषित करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं।
    • वो पदार्थ जो एसिडिटी को खत्म करने के लिए इस्‍तेमाल किया जाता है।
    • सूक्ष्म जीवों को बढ़ने से रोकने वाले या खत्म करने वाले एजेंट।
    अजवाइन
    • वे दवाएं जो जठरांत्र के कार्य को धीमा करके दस्‍त का इलाज करती हैं।
    • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
    • वे एजेंट या दवाएं जो जठरांत्र संबंधी अल्सर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
    • वे दवाएं जो गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल मार्ग से अत्‍यधिक गैस को निकालने में मदद करती हैं।
    • ऐसे एजेंटस जो एसिडिटी का इलाज करते हैं।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    शंख
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • दस्त के लक्षणों को ठीक करने वाली दवाएं।
    • उल्टी व मतली के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • ये दवाएं मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन को कम करने में मदद करती हैं।
    • भूख बढ़ाने में मददगार तत्‍व।
    • पेट की गैस को कम करने के लिए इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
    नींबू
    • ये एजेंट पाचन में सुधार करते हैं और भोजन के अवशोषण में सहायता करते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    काला नमक
    • पाचन क्रिया और पेट को आराम देने वाले घटक।
    • वे एजेंट्स जो मल त्‍याग की क्रिया को बेहतर करते हैं और मल को मुलायम कर शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं।
    हींग
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • नस पर नस चढ़ने के लक्षणों से राहत देने वाली दवाएं।
    • पेट की गैस या पट फूलने की समस्या को कम करने वाले एजेंट।
    • कब्ज में मल त्याग की क्रिया को उत्तेजित और सुधार करने वाले एजेंटस।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    लहसुन
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।

    Baidyanath Gaisantak Bati (50) के लाभ - Baidyanath Gaisantak Bati (50) Benefits in Hindi

    Baidyanath Gaisantak Bati (50) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

    मुख्य लाभ

    अन्य लाभ



    Baidyanath Gaisantak Bati (50) की खुराक - Baidyanath Gaisantak Bati (50) Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Gaisantak Bati (50) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Gaisantak Bati (50) की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: गुनगुना पानी
    • दवा का प्रकार: बटी (गोलियां)
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: गुनगुना पानी
    • दवा का प्रकार: बटी (गोलियां)
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने


    Baidyanath Gaisantak Bati (50) के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Baidyanath Gaisantak Bati (50) Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Gaisantak Bati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Gaisantak Bati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    Baidyanath Gaisantak Bati (50) से सम्बंधित चेतावनी - Baidyanath Gaisantak Bati (50) Related Warnings in Hindi

    • क्या Baidyanath Gaisantak Bati (50) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


      गर्भवती स्त्रियों को Baidyanath Gaisantak Bati खाने से मामूली साइड इफेक्ट होते हैं, जो समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं।

      हल्का
    • क्या Baidyanath Gaisantak Bati (50) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


      स्तनपाान कराने वाली मुहिलाओं पर Baidyanath Gaisantak Bati का दुष्प्रभाव बेहद ही कम होता है।

      हल्का
    • Baidyanath Gaisantak Bati (50) का पेट पर क्या असर होता है?


      पेट के लिए Baidyanath Gaisantak Bati हानिकारक नहीं है।

      सुरक्षित
    • क्या Baidyanath Gaisantak Bati (50) का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है


      रिसर्च न होने की वजह से पूरी जानकारी के आभाव में Baidyanath Gaisantak Bati से दुष्प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसको लेना लाभकर होगा।

      अज्ञात
    • क्या Baidyanath Gaisantak Bati (50) शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


      Baidyanath Gaisantak Bati लेने पर आपको झपकी या नींद नहीं आएगी। इसलिए आप ड्राइव कर सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

      नहीं
    • क्या Baidyanath Gaisantak Bati (50) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


      नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Baidyanath Gaisantak Bati को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।

      नहीं


    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव



    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986 : Page No 101 - 102

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 64-66

    C.K. Kokate ,A.P. Purohit, S.B. Gokhale. [link]. Forty Seventh Edition. Pune, India: Nirali Prakashan; 2012: Page No 1.116-1.117

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 108-109