परिचय:
छींक आना आपके शरीर की एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसके द्वारा शरीर नाक व गले के अंदर से उत्तेजक पदार्थों को बाहर निकाल देता है। छींक आने के दौरान मुंह से तेजी से हवा निकलती है, जो पूरी तरह से अनैच्छिक होती है। छींक बिना किसी प्रकार की चेतावनी दिए अचानक से आती है। छींक आना जुकाम या नाक संबंधी किसी ऐसी एलर्जी का शुरूआती संकेत भी हो सकती है, जो नाक में सूजन व लालिमा पैदा कर देती है। छींक कुछ अन्य लक्षणों के साथ भी आ सकती हैं, जैसे नाक बहना, खांसी, बुखार, गले में दर्द और थकान आदि।
छींक की रोकथाम करने के लिए उस स्थिति को कंट्रोल करना जरूरी होता है, जिसके कारण छींक आ रही हैं। सामान्य स्वच्छता बनाए रखना, एलर्जिक व उत्तेजक पदार्थों से दूर रहना और बीमार लोगों से दूर रहना आदि छींक आने से बचाव करने के कुछ सामान्य उपाय हैं। छींक आने के इलाज में एलर्जी की रोकथाम करने वाली दवाएं, भाप लेना और कुछ प्रकार के नाक के स्प्रे आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
जिन लोगों को अधिक छींक आने की समस्या हो रही है, उन्हें अपने शरीर को पर्याप्त आराम देना चाहिए और खूब मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। छींक आने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण, नाक के अंदर सूजन व जलन और नाक के वायुमार्गों में रुकावट आदि।
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