छींक आना हमारी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि छींक आना हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी का अहम हिस्सा है जो हमारे शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से बचाता है। इसलिए अगली बार जब आपको छींक आए तो अपनी नाक या मुंह को बंद करके छींक को रोकने की कोशिश न करें, बल्कि उसे आने दें क्योंकि छींक आना आपको हेल्दी रखने का एक तरीका है। छींक आना, शरीर का एक तरीका है अनचाहे कीटाणुओं को शरीर से बाहर रखने का जो आपके नेजल पैसेज यानी नाक के रास्ते को उत्तेजित कर सकते हैं। 

पलकें झपकाने और सांस लेने की ही तरह छींक आना भी अर्ध स्वायत्त प्रतिक्रिया (सेमीऑटोनोमस रिफ्लेक्स) ऐक्शन है। इसका मतलब है कि आपका इस ऐक्शन पर कुछ हद तक ही कंट्रोल है। बहुत से लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि उनके लिए छींक ही उनकी समस्या बन जाती है। किसी तरह की एलर्जी या धूल-मिट्टी की वजह से अगर बार-बार छींक आने लगे तो यह परेशान करने वाली समस्या बन सकती है। 

(और पढ़ें : छींक रोकने के नुकसान)

छींक आना आमतौर पर कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसके लिए डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़े। लेकिन यदि बार-बार छींक आने के साथ ही कई दूसरे लक्षण भी नजर आ रहे हों तो आपको डॉक्टर दिखाने की जरूरत पड़ सकती है, यह जानने के लिए कहीं आपको एलर्जी या किसी और तरह की समस्या तो नहीं हुई। हालांकि ज्यादातर मामलों में कुछ घरेलू उपचारों को अपनाकर आप बार-बार या ज्यादा छींक आने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

(और पढ़ें : छींक आने के कारण)

  1. छींक आने के कारण - Trigger ki pehchan karen
  2. छींक रोकने के घरेलू उपाय - Chink rokne ke upay
  3. सारांश

सबसे पहले जरूरी ये है कि आप ये समझें कि आखिर आपको बार-बार छींक किस वजह से आ रही है। ये हैं छींक आने के सामान्य कारण या ट्रिगर :

अगर आपको बार-बार छींक आ रही है, लेकिन आप इसके कारण या एलर्जी का पता नहीं लगा पा रहे हैं तो आप डॉक्टर से पूछकर अपना एलर्जी टेस्ट भी करवा सकते हैं।

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तेज रोशनी में सीधे न देखें - Bright light me na dekhe

करीब एक तिहाई लोगों को यह समस्या होती है कि जब भी वे तेज रोशनी की तरफ देखते हैं तो उन्हें छींक आने लगती है। यहां तक कि कई बार तेज धूप में भी बाहर निकलने पर इन लोगों को छींक आने लगती है। इस समस्या को फोटिक स्नीजिंग कहते हैं और यह अक्सर आनुवंशिक कारणों से होती है। इस समस्या से बचने के लिए धूप वाले पोलराइज्ड चश्मे का इस्तेमाल करें और घर से बाहर निकलते वक्त इसे जरूर इस्तेमाल करें।

बहुत ज्यादा खाना न खाएं - Zyada khana na khaye

बहुत से लोग जब ज्यादा खाना खा लेते हैं तब भी उन्हें बार-बार छींक आने लगती है। चिकित्सीय समुदाय में भी इस परिस्थिति को स्वीकार किया जाता है। इस प्रतिक्रिया से बचने के लिए छोटे-छोटे कौर लेकर भोजन करें और एक बार में बहुत ज्यादा खाना न खाएं। ऐसा करने से भी बार-बार छींक आने की समस्या को रोका जा सकता है।

विटामिन सी युक्त चीजों का सेवन करें - Vitamin c wali cheezen khaye

कुछ खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू, मौसंबी, अमरूद, किवी, बेरीज के अलावा कुछ सब्जियां जैसे- टमाटर, ब्रॉकली, शिमला मिर्च और स्प्रॉउट्स में भी विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। साथ ही इसमें एंटीहिस्टामिन भी होता है। इन चीजों का नियमित रूप से सेवन करने से छींक आने की समस्या में कमी आ सकती है।

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रोज एक आंवला खाएं - Daily ek amla khaye

विटामिन सी के अलावा आंवला एंटीऑक्सिडेंट्स का भी बेहतरीन सोर्स है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं और यह इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है। लिहाजा रोजाना एक ताजे आंवले का सेवन करें या आंवले का जूस पिएं। आंवला भी बार-बार छींक आने की समस्या में सुधार कर सकता है।

जिंक का सेवन अधिक करें - Zinc wali cheezen khaye

अगर आपको बार-बार छींक आ रही हो और आप तुरंत इस समस्या से राहत पाना चाहते हों तो जिंक से भरपूर चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करें। जिंक सप्लिमेंट्स में शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने की क्षमता होती है। सप्लिमेंट्स के अलावा दालें, फलियां, सूखे मेवे और बीजों में भी जिंक की मात्रा अधिक होती है। इनका सेवन करने से भी छींक की समस्या दूर हो सकती है।

कैमोमाइल चाय पिएं - Chamomile tea piye

विटामिन सी की ही तरह कैमोमाइल चाय में भी एंटीहिस्टामिन इफेक्ट्स पाए जाते हैं। बार-बार छींक आने की समस्या से बचने के लिए आप चाहें तो रोजाना 1 कप कैमोमाइल चाय का सेवन कर सकते हैं। इससे शरीर में हिस्टामिन की कुल मात्रा में कमी आएगी और बार-बार छींक आने की समस्या भी कम हो जाएगी।

अदरक और तुलसी का काढ़ा पिएं - Adrak aur tulsi ka kadha

अदरक और तुलसी इन दोनों में ही एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं, जिससे शरीर के अंदर मौजूद कई तरह के इंफेक्शन्स को कम किया जा सकता है। आप चाहें तो 4-5 तुलसी की पत्तियों को 1 कप पानी में उबालें और इसमें अदरक का एक छोटा टुकड़ा भी डाल दें। जब यह पानी उबल जाए और आधा रह जाए तो इसे हल्का ठंडा कर लें और रोज रात सोने से पहले इस काढ़े का सेवन करें। इससे भी छींक दूर हो जाएगी।

(और पढ़ें : काढ़ा बनाने का तरीका)

सौंफ की चाय पिएं - Saunf ki chai piye

सौंफ भी एलर्जी वाली छींक या किसी और तरह की छींक को भी दूर करने में मदद कर सकता है। सौंफ में भी एंटीहिस्टामिन, एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं। एक कप पानी में 2 चम्मच सौंफ डालें और 10 मिनट तक पानी को धीमी आंच पर उबालें। इसके बाद इसे छानकर दिन में 2 से 3 बार पिएं। बार-बार छींक आने की समस्या में राहत मिलेगी।

(और पढ़ें : सौंफ की चाय के फायदे)

अपनी नाक साफ करें - Blow your nose

नाक और साइनस में अक्सर कोई उत्तेजित करने वाले तत्व पहुंच जाते हैं तो इस कारण भी बार-बार छींक आने लगती है। ऐसे में जैसी ही छींक आने वाली हो अपनी नाक को झटक कर अच्छे से साफ कर लें। हो सकता है ऐसा करने से नाक में जो उत्तेजक तत्व चला गया हो वह बाहर निकल जाए और छींक आना रुक जाए।

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छींक को रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं। सबसे पहले, अगर छींक धूल, धुएं या पराग के कारण हो रही है, तो उस वातावरण से दूर रहना चाहिए। नाक की सफाई के लिए गुनगुने पानी में नमक मिलाकर नेति पॉट से नाक धोना एक प्रभावी उपाय है। अदरक, शहद और हल्दी का सेवन भी छींक को रोकने में मदद करता है, क्योंकि ये सूजन को कम करके श्वसन तंत्र को साफ करते हैं। गर्म पानी में भाप लेना और तुलसी की चाय पीना भी लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, अगर छींक एलर्जी के कारण हो रही है, तो उस चीज़ से बचाव करें जो एलर्जी पैदा कर रही है।

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