चिंता का शिकार कोई भी हो सकता है. किसी बात को लेकर चिंतित होना आम होता है, लेकिन जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यहां तक की चिंता नींद को भी प्रभावित कर सकती है. इसी तरह से अनिद्रा का सामना कर रहे व्यक्ति को भी चिंता हो सकती है. आसान भाषा में कहें, तो जब किसी व्यक्ति को एंग्जायटी की वजह से नींद नहीं आती या फिर नींद की कमी के कारण एंग्जायटी होती है, तो इस स्थिति को स्लीप एंग्जायटी के रूप में जाना जाता है.

आज इस लेख में आप स्लीप एंग्जायटी के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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स्लीप एंग्जायटी क्या है? - What is Sleep Anxiety in Hindi

स्लीप एंग्जाइटी लंबे समय तक चिंता का शिकार रहने या फिर नींद की कमी की वजह से हो सकती है. दरअसल, कुछ लोगों में नींद को लेकर एक अलग तरह का डर होता है, जिसे सोम्निफोबिया कहा जाता है. सोम्निफोबिया से ग्रस्त लोगों के मन में सोते समय कई बुरी चीजें मन में आ सकती हैं. ऐसे में वे चिंता करने लगते हैं. साथ ही चिंता की वजह से नींद भी नहीं आती है.

यह कहना गलत नहीं होगा कि नींद और एंग्जाइटी साथ-साथ चलते हैं. अगर किसी को एंग्जायटी डिसऑर्डर है, तो उसे सोने या सोते रहने में मुश्किल हो सकती है. अगर इनमें से कोई भी एक स्थिति होती है, तो उससे दूसरी स्थिति बेहद खराब हो सकती है. कई बार लोगों को एंग्जायटी और नींद से जुड़ी समस्याएं लंबे समय तक परेशान करती है. इसी चक्र को स्लीप एंग्जायटी कहा जाता है.

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स्लीप एंग्जायटी के लक्षण - Sleep Anxiety Symptoms in Hindi

इस स्थिति में व्यक्ति शारीरिक और व्यावहारिक बदलावों का अनुभव कर सकता है. स्लीप एंग्जायटी के व्यावहारिक लक्षण इस प्रकार हैं -

इसके अलावा, व्यक्ति कुछ शारीरिक लक्षण भी महसूस कर सकता है. इसमें शामिल हैं -

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स्लीप एंग्जायटी के कारण - Sleep Anxiety Causes in Hindi

नींद की कमी से एंग्जायटी ट्रिगर हो सकती है. इसके साथ ही एंग्जायटी की वजह से भी नींद की कमी हो सकती है. स्लीप एंग्जायटी में व्यक्ति को नींद और चिंता से जुड़े लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. स्लीप एंग्जायटी के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं -

हार्मोन का अधिक स्तर

जब किसी व्यक्ति के शरीर में तनाव या स्ट्रेस हार्मोन अधिक होता है, तो इससे उसकी नींद बाधित हो सकती है. इस स्थिति में व्यक्ति को सोने और रातभर सोते रहने में दिक्कत आ सकती है. जब यह समस्या लंबे समय तक चलती रहती है, तो उसे स्लीप एंग्जायटी के लक्षण महसूस हो सकते हैं.

इसके अलावा, जब किसी व्यक्ति को नींद से जुड़ा कोई डर रहता है यानी सपने या कोई भी डर, तो इससे उसे सोने में दिक्कत आ सकती है. नींद पूरी न होने पर उसे एंग्जायटी हो सकती है. इस स्थिति में भी स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ सकता है. इसलिए, स्ट्रेस हार्मोन के अधिक उत्पादन के कारण व्यक्ति को स्लीप एंग्जायटी का सामना करना पड़ सकता है. 

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हाइपोथायरायडिज्म

हाइपोथायरायडिज्म भी स्लीप एंग्जायटी का एक कारण हो सकता है. दरअसल, हाइपोथायरायडिज्म की वजह से एंग्जायटी और नींद की कमी एक साथ हो सकती है. ऐसे में रक्त प्रवाह में पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं हो पाता है. इससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और स्लीप एंग्जायटी की दिक्कत हो सकती है.

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स्लीप एंग्जायटी का इलाज - Sleep Anxiety Treatment in Hindi

एंग्जायटी और नींद की समस्या को दूर करके स्लीप एंग्जायटी का इलाज किया जा सकता है. इन दोनों समस्याओं को ठीक करने के लिए कुछ चिकित्सीय स्थिति के साथ ही जीवनशैली पर भी ध्यान देना जरूरी होता है. स्लीप एंग्जायटी का इलाज इस प्रकार है -

अंडरलाइंग बीमारियों का इलाज करना

कई अंडरलाइंग बीमारियां स्लीप एंग्जायटी का कारण बन सकती हैं. इस बीमारियों के कारण व्यक्ति को एंग्जायटी हो सकती है और नींद आने में परेशानी हो सकती है. इसलिए, स्लीप एंग्जायटी का इलाज करने के लिए पहले इन बीमारियों के लक्षणों को कम करना जरूरी होता है -

अगर इनमें से कोई भी स्थिति स्लीप एंग्जायटी का कारण बन रही है, तो डॉक्टर से पहले इनका इलाज करवाना जरूरी होता है.

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कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी भी स्लीप एंग्जायटी का इलाज करने में मदद कर सकती है. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी में मनोचिकित्सक व्यक्ति के एंग्जायटी का इलाज कर सकते हैं. इसमें डॉक्टर व्यक्ति के तनाव को कम करने में मदद करते हैं, लेकिन यह प्रोसेस थोड़ा लंबा हो सकता है. इसमें 12 से 16 सप्ताह लग सकते हैं.

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दवाइयां

कुछ दवाइयां भी स्लीप एंग्जायटी का इलाज कर सकती हैं. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी लेना और दवाइयां एक साथ करने से स्लीप एंग्जायटी का इलाज जल्दी संभव हो सकता है. स्लीप एंग्जायटी का इलाज करने के लिए डॉक्टर बेंजोडायजेपाइन और एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां लिख सकते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर इंसोम्निया के लिए भी दवा दे सकते हैं.

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मेडिटेशन

मेडिटेशन को स्लीप एंग्जायटी का सबसे अच्छा इलाज माना जाता है, क्योंकि मेडिटेशन करने से एंग्जायटी दूर होती है. साथ ही नींद भी अच्छी आती है. जब तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है, तो स्लीप एंग्जायटी के लक्षण खुद ही धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं. 

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स्लीप एंग्जायटी के लिए बचाव टिप्स - Sleep Anxiety Precaution Tips in Hindi

अगर कोई तनाव या चिंता में रहता है और नींद भी अच्छी तरह से नहीं आती है, तो ऐसे में कुछ टिप्स फॉलो करके स्लीप एंग्जायटी से बचा जा सकता है -

  • हेल्दी और बैलेंस डाइट लें.
  • रेगुलर एक्सरसाइजयोग और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें.
  • अच्छी नींद लेने की पूरी कोशिश करें.
  • तनाव कम से कम लें और इसे जल्दी दूर करने का प्रयास करें.
  • सोने से पहले ज्यादा तरल पदार्थ न पिएं.
  • शराब का सेवन बिल्कुल न करें.
  • सोने से पहले कैफीन युक्त तरल पदार्थ भी न लें.
  • रात को सोने और सुबह उठने का समय तय करें.
  • रोज रात कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें.
  • सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल व लैपटॉप जैसे गैजेट्स उपयोग न करें.
  • सोते समय बेडरूम में पूरी तरह से शांति और अंधेरा होना चाहिए.

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सारांश – Summary

जिस तरह एंग्जायटी नींद को प्रभावित कर सकती है, उसी तरह नींद न आने से भी एंग्जायटी को सकती है. जब किसी व्यक्ति को एंग्जायटी होती है और नींद भी सही नहीं आती है, तो इस स्थिति में स्लीप एंग्जायटी के लक्षण महसूस होने लगते हैं. शुरुआत में इस समस्या को ठीक किया जा सकता है, लेकिन जैसे-जैसे समस्या बढ़ती जाती है, इसके लक्षणों में वृद्धि हो सकती है और इसके इलाज में दिक्कत बढ़ सकती है. इसलिए, स्लीप एंग्जायटी के लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए. 

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स्लीप एंग्जायटी की दवा - OTC medicines for Sleep Anxiety in Hindi

स्लीप एंग्जायटी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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