स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक प्रकार की असामान्य स्थिति है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति सामाजिक गतिविधियों से दूर रहता है और लोगों से बातचीत करने से कतराता है। इतना ही नहीं वह व्यक्ति ठीक प्रकार से अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति भी नहीं कर पाता है। सरल तरीके से समझें तो जिन लोगों को स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या होती है वह एकांत में रहना पसंद करते हैं। चूंकि सामाजिक कार्यों में जाने से उन्हें झिझक होती है, ऐसे में उनके लिए लोगों से रिश्ते बनाना कठिन हो जाता है। इसके अलावा चूंकि ऐसे लोगों को भावनाओंं की अभिव्यक्ति में समस्या होती है ऐसे में अन्य लोगों को ऐसा लग सकता है कि वह दूसरों की परवाह नहीं करते या आसपास क्या चल रहा है, उससे कोई खास मतलब नहीं होता है।

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर वाले लोग भले ही दूसरों से बातचीत करने या संपर्क स्थापित करने से कतराते हों, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे लोगों को सामान्य रूप से काम करने में दिक्कत नहीं होती है। हां, यह जरूर होता है कि ऐसे लोग उन नौकरियों की तलाश करते हैं, जिनमें उन्हें ज्यादा से ज्यादा अकेले रहना हो या दूसरों से कम बात करना हो जैसे- रात का सुरक्षाकर्मी, पुस्तकालय का अधिकारी या प्रयोगशालाओं में काम करने वाला आदि।

अब तक यह पता नहीं चल सका है कि वह कौन से कारण हैं जो किसी व्यक्ति में स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या को विकसित कर सकते हैं। कुछ प्रकार की थेरपी जैसे टॉक थेरपी और दवाइयों की मदद से लक्षणों को नियंत्रित करने के साथ रोगी की स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया जा सकता है।

इस लेख में हम स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण, कारण और इसके इलाज की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर के लक्षण - Schizoid Personality Disorder Symptoms in Hindi

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर वाले लोग अक्सर अन्य लोगों के साथ संपर्क से बचने के प्रयास करते रहते हैं। कई लोग तो शादी तक नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों में निम्न प्रकार के लक्षणों को असानी से देखा जा सकता है।

  • विकार से ग्रसित लोग परिवार के सदस्यों और अन्य करीबी रिश्तेदारों आदि से भी दूरी बनाकर रखते हैं।
  • वे सेक्स जैसे कुछ ही कार्यों में अपनी खुशी ढूंढने की कोशिश करते हैं।
  • एकान्त की नौकरियों और अकेले किए जाने वाले कार्यों का चयन करते हैं।
  • परिवार के बहुत खास लोगों के अलावा ऐसे लोगों के कोई दोस्त नहीं होते हैं।
  • दूसरे लोगों से बातचीत करने या उनसे रिश्ते बनाने में कठिनाई हो सकती है।
  • वे अपनी प्रशंसा या आलोचना को लेकर कोई विशेष अभिव्यक्ति नहीं दिखाते हैं।
  • ऐसे लोग अक्सर अलग-थलग रहते हैं और अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति में असहजता महसूस करते हैं।
  • ऐसे लोग अपने ही खयालों में रहते हैं और अपने लिए कई तरह की कहानियां बुनने लगते हैं।
  • ऐसे लोगों में अक्सर प्रेरणा या लक्ष्यों की कमी देखी जाती है।
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स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर का कारण - Schizoid Personality Disorder Causes in Hindi

हमारा व्यक्तित्व, विचारों, भावनाओं और व्यवहार का संयोजन होता है। इसी के माध्यम से आप बाहरी दुनिया और स्वयं को देखते हैं। सामान्य रूप से शारीरिक विकास के दौरान बच्चे दुनिया को देखने और समझने की क्षमता को विकसित करते हैं। हालांकि, जिन लोगों को स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या होती है वह दूसरों से स्वयं को अलग-थलग मानते हैं, जिसके कारण उनके लिए संबंधों को स्थापित करना कठिन हो जाता है।

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या क्यों होती है इस बारे में बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि कई प्रकार के आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक इस तरह की समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। कुछ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि जिन लोगों के बचपन में रिश्तों की गर्माहट और भावनाओं के आभाव में बीता हो, उन लोगों में स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या विकसित होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा जिन लोगों के परिवार के सदस्यों को इस प्रकार की समस्या रही हो उनमें भी इस विकार के विकसित होने का डर रहता है।

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर का निदान - Diagnosis of Schizoid Personality Disorder in Hindi

यदि किसी व्यक्ति में उपरोक्त लक्षण मौजूद हों और उनमें स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर का शक हो तो डॉक्टर स्थिति की पुष्टि के लिए सबसे पहले मेडिकल हिस्ट्री जानने के साथ व्यक्ति का शारीरिक परीक्षण और मूल्यांकन करते हैं। वैसे तो इस विकार के निदान के लिए कोई विशिष्ट लैब परीक्षण नहीं है, फिर भी डॉक्टर लक्षणों के कारण के रूप में शारीरिक बीमारी का पता लगाने के लिए विभिन्न परीक्षणों को प्रयोग में ला सकते हैं।

यदि परीक्षणों के आधार पर अगर डॉक्टर को कोई फिजिकल कारण समझ नहीं आता है तो वह रोगी को मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक के पास जाने की सलाह देते हैं। ये विशेषज्ञ समस्या के मूल्यांकन और स्थिति का पता लगाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए साक्षात्कार और कुछ परीक्षणों के माध्यम से समस्या का निदान करते हैं।

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर का इलाज - Schizoid Personality Disorder Treatment in Hindi

जिन लोगों को स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की समस्या होती है वह कई बार डॉक्टरों से भी बात करने से मना कर सकते हैं। मनोरोग विशेषज्ञ कुछ विशेष प्रकार की उपचार विधियों को प्रयोग में लाकर स्थिति को सुधारने का प्रयास करते हैं।

इस विकार के उपचार में विशेष रूप से निम्न उपायों को प्रयोग में लाया जाता है।

टॉक थेरेपी (साइकोथेरपी)

स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर के इलाज में साइकोथेरपी काफी प्रभावी उपचार विधि हो सकती है। रोगी के व्यवहार और विश्वास में बदलाव लाने के लिए कॉग्नेटिव बिहैवियरल थेरपी को प्रयोग में लाया जा सकता है। चिकित्सक को रोगी की स्थिति और जरूरतोंं के बारे में पता होता है ऐसे में वह उन उपायों को प्रयोग में लाते हैं, जिससे स्थिति को सुधारने में मदद मिल सके।

ग्रुप थेरपी

इस विकार से ग्रसित लोगों के इलाज में ग्रुप थेरपी भी काफी फायदेमंद हो सकती है। इसमें रोगी को अन्य लोगों के साथ बैठाया जाता है, जिससे वह बातचीत करके अपने कौशल को विकसित कर सके। ग्रुप थेरपी के माध्यम से रोगी के सोशल स्किल में भी सुधार करने का प्रयास किया जाता है।

दवाएं

वैसे तो स्किजॉइड पर्सनालिटी डिसऑर्डर के इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है। हालांकि, कुछ दवाएं चिंता या अवसाद जैसे लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।

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Dr. Sumit Kumar.

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