परिचय
आंत के आखिरी कुछ इंच के हिस्से को मलाशय कहा जाता है। यह आपके कॉलन (बड़ी आंत) के आखिरी हिस्से के अंत से शुरू होता है और यह गुदा के छोटे, संकीर्ण मार्ग तक जाता है। शरीर के कई अन्य अंगों की तरह मलाशय में भी कैंसर जैसे रोग होने के अधिक जोखिम रहते हैं।
मलाशय कैंसर के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं लग पाया है, हालांकि यह हमेशा गुदा में एक पालिप (मांस बढ़ना) के रूप में विकसित होता है। कुछ स्थितियों जैसे 50 साल से अधिक उम्र, अत्यधिक मात्रा में रेड मीट खाना और टाइप 2 डायबिटीज आदि में मलाशय कैंसर होने के जोखिम बढ़ जाते हैं।
मलाशय कैंसर के लक्षणों में अनियमित रूप से मल आना, पेट में दर्द होना, मल में खून आना और आंतों में रुकावट होना आदि शामिल है। आंत के कैंसर का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी के बारे में पूछते हैं और कुछ टेस्ट करते हैं। परीक्षण के दौरान किए जाने वाले टेस्ट में मुख्य रूप से एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड, कुछ प्रकार के ब्लड टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट आदि शामिल हैं।
रेक्टल कैंसर की रोकथाम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना, शराब ना पीना और रेड मीट ना खाना आवश्यक है। इसके अलावा फाइबर युक्त स्वस्थ आहार खाना, आंतों में सूजन व जलन संबंधी समस्याओं का इलाज करवाना और डायबिटीज को नियंत्रित रखना भी मलाशय कैंसर से बचाव के लिए बहुत जरूरी होता है।
मलाशय कैंसर का इलाज रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और कुछ प्रकार के ऑपरेशन द्वारा किया जा सकता है। यदि मलाशय कैंसर का जल्द से जल्द इलाज शुरु कर दिया जाए तो इस रोग को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। यदि इसका इलाज ना किया जाए तो कैंसर कोशिकाएं लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में जाकर कैंसर पैदा कर देती हैं।
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