जघन जूँ का उपचार कैसे किया जाता है?
जघन जूँ का इलाज करने के लिए मेडिकल स्टोर पर कई प्रकार की दवाएं मिल जाती हैं, जो डॉक्टर की पर्ची के बिना ही मिल जाती हैं। ये दवाएं शैम्पू, लोशन और क्रीम आदि के रूप में आती हैं। क्रीम व लोशन को शैम्पू से अधिक प्रभावी माना जाता है। जघन जूँ को हटाने के लिए मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली क्रीम व लोशन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल करने से पहले उन पर लिखे निर्देश पढ़ लेना चाहिए। क्योंकि कुछ प्रकार की क्रीम व लोशन सिर्फ प्रभावित क्षेत्र पर लगाई जाती हैं, जबकि कुछ को सिर्फ आंखों को छोड़कर कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इन दवाओं का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी से करना चाहिए और आंखों में जाने से बचाना चाहिए। यदि यह दवा आपकी आंखों में चली गई है, तो उसी समय अपनी आंखों को साफ पानी से अच्छी तरह से धो लें। प्रभावित क्षेत्र में दवा को लगाने के बाद दवा के पैकेट पर दिए गए समय के अनुसार उसे धो लें। दवा का पहली बार उपयोग करने से ही लगभग सभी जूँ मर जाती हैं लेकिन अंडे बच सकते हैं। अंडों से जूँ निकल जाती हैं और फिर से जघन जूँ बढ़ने लग जाती हैं।
पैकेट पर दिए निर्देशों के अनुसार इलाज को फिर से करें। आमतौर पर 7 दिन के बाद फिर से करने की सलाह दी जाती है। 7 दिन के बाद दवा को फिर से लगाने से यह सुनिश्चित हो जाता है कि प्यूबिक लाइस को पूरी तरह से विकसित होने से पहले ही मार दिया गया है, जिससे वे अंडे देने से पहले ही मर जाती हैं। यदि इलाज ठीक से काम ना कर पाए तो आपको इलाज के दूसरे तरीके को अपनाना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कुछ प्रकार की जघन जूँ ऐसी होती हैं, जिन पर कुछ प्रकार के इलाज काम नहीं कर पाते हैं। शैम्पू भी जूँ को मार देता है, लेकिन बालों के तनों पर चिपके अंडे बच जाते हैं। इलाज के बाद आप इन अंडों को अपने हाथों, छोटी चिमटी या फिर बारीक कंघी के साथ निकाल सकते हैं। इन अंडों को निकालने में आईना, लेंस या तेज रौशनी की मदद भी ली जा सकती है। कुछ लोगों के लिए कुछ विशेष प्रकार का इलाज भी तैयार करना पड़ सकता है, जिनमें गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाएं और 18 साल से कम उम्र के बच्चे आदि शामिल हैं।
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यदि आपको प्यूबिक लाइस है तो परिवार के अन्य लोगों में भी इसकी जांच की जानी चाहिए। जो व्यक्ति आपके साथ एक ही बेड पर सोता है, उसका भी इलाज किया जाना चाहिए, चाहे उसमें जघन जूँ ना मिली हों। जूँ से पीड़ित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए कपड़े व बेड की चादर आदि को इलाज शुरू होने के 2 दिन पहले ही गर्म पानी से धो देना चाहिए। जांघों के बाल पलकों व भोहों के बालों के जैसी ही होते हैं, लेकिन उनसे थोड़े मोटे होते हैं। इसका मतलब है कि ये जूँ आपकी आंख के आस-पास के क्षेत्र में भी फैल सकती हैं।
यदि आपकी आंखों के आस-पास के क्षेत्र में भी ये जूँ हो गई हैं, तो इनका इलाज उन्हीं दवाओं के साथ बिल्कुल ना करें, जो आप जांघों के क्षेत्र के लिए कर रहे हैं। क्योंकि यदि इस दौरान ये दवाएं आंख के अंदर चली जाएं, तो आंख को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। मरीज की उन चीजों को जिन्हें धोया नहीं जा सकता है, उन्हें ड्राई क्लीन करें या फिर 2 हफ्तों के लिए किसी प्लास्टिक बैग में बंद कर के रख दें। इलाज को लगभग 7 दिन के बाद फिर से करने की जरूरत पड़ सकती है। जब तक मरीज का पूरी तरह से इलाज नहीं हो जाता है, तब तक उन्हें शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
घर को स्वच्छ बनाना
जघन जूँ फिर से होने से बचाने के लिए घर को साफ व स्वच्छ रखना बहुत जरूरी होता है। अपने पूरे घर को वैक्युम क्लीनर से साफ करें और बाथरूम को ब्लीच के घोल से साफ करें। सभी तौलिये, बेड की चादर और अन्य कपड़ों को गरम पानी में धोएं और ड्रायर मशीन से सुखाएं। यदि चीजों को धो या सुखा नहीं सकते, तो उन चीजों को प्लास्टिक बैग में बंद करके 72 घंटों के लिए रख दें।
यदि दवा का इस्तेमाल करने के बाद भी जूँ जीवित रह गई हैं, तो आपको और शक्तिशाली दवा का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। इनमें निम्नलिखित दवाएं शामिल हो सकती हैं:
- मेलाथियॉन (Malathion):
यह एक प्रकार का लोशन है, जिसे प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है। इसे 8 से 12 घंटों तक त्वचा पर लगा कर रखा जाता है।
- आइवरमेक्टिन (Ivermectin):
यह दो गोलियों की खुराक होती है। जघन जूँ से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए इन गोलियों की 10 खुराक खानी पड़ सकती हैं।
- लिनडेन (Lindane):
यह प्यूबिक लाइस के लिए इस्तेमाल की गई दवाओं में सबसे शक्तिशाली व सबसे विषाक्त दवा होती है। इस दवा को प्रभावित क्षेत्र पर सिर्फ 4 मिनट के लिए ही लगाया जाता है और उसके बाद इसे धो दिया जाता है। इस दवा का उपयोग छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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