पोस्ट-ट्रमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित स्थिति है, जिसका सीधा संबंध व्यक्ति के साथ घटी किसी भयानक घटना से होता है। वह घटना या तो उस व्यक्ति के साथ घटी होती है या उसने इन सब मामलों को देखा होता है। अनेक प्रयासों के बाद भी वह उन यादों से बाहर नहीं आ पाता है। बहुत से लोग जो इस प्रकार की दर्दनाक या किसी अप्रिय घटना का अनुभव करते हैं, उनको इससे संभलने और बाहर आने में थोड़ा समय लगता है। लेकिन अगर इसके लक्षण कम न हों और इसका असर अन्य कार्यों और संबंधों पर भी पड़ने लगे तो ऐसी स्थिति पीटीएसडी का कारण हो सकती है।
पीटीएसडी की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। किसी अप्रिय और दिल दहला देने वाली घटना के बाद मस्तिष्क में रासायनिक और न्यूरोनल परिवर्तनों के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि पीटीएसडी का मतलब व्यक्ति में कोई कमी या कमजोरी होना नहीं है। ऐसे लोग सामान्य व्यक्तियों की तरह काम कर सकते हैं।
इस लेख में हम पोस्ट-ट्रमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर के लक्षण, कारण और इलाज के तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।