परिचय
जब शरीर के किसी नस वाले भाग पर किसी प्रकार दबाव (प्रेशर) पड़ता है, तो इस स्थिति को नस दबना (पिंच्ड नर्व) कहते हैं। जब नस पर दबाव पड़ता है तो यह नस मस्तिष्क को एक चेतावनी संकेत भेजती है, नस के द्वारा मस्तिष्क में भेजे गए संकेत में दर्द, सुन्न होना और कमजोरी आदि शामिल होती है। नस पर दबाव पड़ने से नस संकुचित हो जाती है।
शरीर के किसी भी हिस्से की नस पर दबाव पड़ सकता है। नस दबने के कारण नस में हल्की क्षति हो सकती है या फिर वह गंभीर रूप से भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। नस दबने के कारण होने वाली समस्याएं कुछ समय के लिए या फिर लंबे समय तक भी रह सकती है। नस दबने की स्थिति का जितना जल्दी पता लगाया जाता है उतना ही जल्दी उससे राहत पाई जा सकती है। नस दबने का मुख्य कारण नसों के चारों ओर की हड्डी कमजोर होना है, जो उम्र संबंधी समस्या होती है।
इस बीमारी के लिए डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट जैसे कि सीटी स्कैन और एमआरआई करवाने के लिए कह सकते हैं।
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नस दबने से बचाव नहीं किया जा सकता लेकिन कुछ तरीके हैं जिनकी मदद से नस दबने की प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है, जैसे शराब व धूम्रपान छोड़ना और स्वस्थ वजन बनाए रखना आदि। नस दबने का इलाज कई अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है, जो कई स्थितियों पर निर्भर करता है, जैसे नस दबने की गंभीरता, नस दबने का कारण और शरीर के किस हिस्से की नस दबी है। नस दबने के इलाज में अक्सर दर्द निवारक व स्टेरॉयड दवाएं, पट्टी बांधना, शारीरिक थेरेपी और यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में ऑपरेशन करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
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