लिंग में टेढ़ापन की स्थिति का इलाज कैसे किया जा सकता है?
पेरोनी रोग के कारण थोड़ा-बहुत टेढ़ापन होने पर उसका इलाज करने की जरूरत नहीं होती। चूंकि कुछ लोगों में यह स्थिति अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है, इसलिए डॉक्टर अक्सर सर्जरी करने से पहले मरीज को एक साल तक ठीक होने का इंतजार करने के लिए कह सकते हैं।
अगर स्थितियां निम्न हों तो आमतौर पर डॉक्टर अक्सर वेट-एंड-सी (सावधान रहना और इंतजार करना) प्रक्रिया का सुझाव देते हैं।
- अगर आपके लिंग में टेढ़ापन गंभीर नहीं है और अधिक बद्तर नहीं है।
- आप अभी भी ठीक से बिना दर्द के स्तंभन प्राप्त कर रहे हैं और संभोग करने में सक्षम हैं।
- अगर आपकी लिंग स्तंभन प्रक्रिया ठीक से काम कर रही है।
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यदि आपके लक्षण गंभीर हैं या समय के साथ-साथ और बद्तर होते जा रहे हैं, तो आपके डॉक्टर दवाओं या सर्जरी के द्वारा इसका इलाज शुरू कर सकते हैं।
दवाएं –
पेरोनी रोग का इलाज करने के लिए कई प्रकार की दवाओं को प्रयोग करके देखा गया है। लेकिन इन दवाओं ने कोई स्थिर प्रभाव नहीं दिखाया है और वे सर्जरी प्रक्रिया की तरह प्रभावी साबित नहीं हो पाई हैं।
पेंटोक्सिफाइलिन (Pentoxifylline) एक ओरल (मुंह द्वारा ली जाने वाली) दवा है, जिसका इस्तेमाल लिंग में टेढ़ापन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। यह दवा कुछ महीने लगातार लेने से यह लिंग में स्कार ऊतकों की मात्रा को कम कर सकती है।
कुछ मामलों में, दवाओं को इन्जेक्शन द्वारा सीधे लिंग में इन्जेक्ट किया जाता है, जो पेरोनी रोग से जुड़े दर्द एवं टेढ़ेपन को कम करने में मदद करता है। इन्जेक्शन के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए आपको लोकल अनेस्थेटिक (कुछ भाग को सुन्न करने वाली दवा) दिया जा सकता है।
अगर निम्न में से ही आपको कोई उपचार दिया जा रहा है तो आपको कई इन्जेक्शन लगवाने पड़ सकते हैं। इन दवाओं को ओरल दवाओं के साथ संयोजन के रूप में भी दिया जा सकता है।
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इन दवाओं में निम्न शामिल हैं -
- कोलेजिनेज़ (Collagenase) – इस थेरेपी में पेरोनी रोग से जुड़ा टेढ़ापन और अन्य परेशानियों में सुधार होते देखा गया है। यह थेरेपी लिंग में टेढ़ेपन का कारण बनने वाले कोलेजन के निर्माण को तोड़ने के रूप में काम करती है।
- वेरापैमिल (Verapamil) – इस दवा का इस्तेमाल आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज करने के लिए किया जाता है। ऐसा लगता है कि यह कोलोजन के निर्माण को भी बधित करता है। कोलेजन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो पेरोनी रोग के स्कार ऊतकों का निर्माण करने वाला मुख्य कारक है।
- इंटरफेरोन (Interferon) – यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो रेशेदार ऊतकों का उत्पादन होने में बाधा उत्पन्न करता है और उनको तोड़ता है।
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सर्जरी –
लिंग में टेढ़ापन की गंभीर स्थितियां जिसमें लिंग अधिक मुड़ जाता है, जो किसी व्यक्ति को संभोग करने से भी वंचित रखती है। ऐसी स्थितियों में सर्जरी काफी मददगार प्रक्रिया है। पेरोनी रोगों के मरीजों के लिए सर्जरी की दो प्रक्रियाएं होती हैं, पैलिकेशन (Plication) और प्लेक रिमूवल (Plaque removal)।
जब स्तंभन होता है तो टेढ़ापन के कारण लिंग की एक साइड लंबी तथा एक साइड छोटी हो जाती है।
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पैलिकेशन – इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग की बड़ी साइड के विपरित दिशा में ऑपरेशन करके लिंग की बड़ी साइड को छोटा करते हैं, जहां पर स्कार या प्लेक स्थित होते हैं। इस प्रक्रिया में डॉक्टर लिंग को सीधा रखते हैं, जिससे मरीज का लिंग स्तंभन रख पाता है। लेकिन इसके कारण लिंग स्तंभन थोड़ा कम हो जाता है।
इस प्रक्रिया को आउटपेशेंट बेसिस (सर्जरी के बाद उसी दिन अपने घर जा सकते हैं) के अनुसार किया जाता है और इस प्रक्रिया में डॉक्टर शरीर से कोई त्वचा नहीं निकालते। पैलिकेशन सर्जरी के 90 प्रतिशत से भी अधिक मामले सफल रहते हैं।
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प्लेक या स्कार टीश्यू रिमूवल – इस प्रक्रिया में डॉक्टर प्लेक या स्कार वाले ऊतकों को निकाल देते हैं, जिससे लिंग की छोटी साइड खुल जाती है और लिंग सीधा हो पाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर उन लोगों के लिए होती है जिनका स्तंभन गंभीर रूप से मुड़ा हुआ है।
प्लेक निकालने के बाद डॉक्टर स्तंभन कक्ष में हुए रिक्तस्थान में ग्राफ्ट भर देते हैं। यह ग्राफ्ट मरीज के शरीर के किसी अन्य हिस्से से निकाली जाती है।
इस प्रक्रिया के 75 प्रतिशत मामले सफल हो जाते हैं। इस प्रक्रिया से लिंग स्तंभन की लंबाई को संरक्षित करने में मदद करती है। लेकिन लिंग स्तंभन इतना लंबा नहीं होता जितना यह पेरोनी रोग से पहले था।
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