पेडू में दर्द - Pelvic Pain in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

June 18, 2018

April 21, 2023

पेडू में दर्द
पेडू में दर्द

पेडू में दर्द क्या होता है ?

पेडू में दर्द पेट के निचले हिस्से में होने वाला दर्द होता है। पेडू (Pelvis) आपके पेट का सबसे निचला हिस्सा होता है और इसमें आंतें, मूत्राशय, गर्भाशय और अंडाशय जैसे अंग मौजूद होते हैं। आमतौर पर पेडू में दर्द का अर्थ होता है इन अंगों में से किसी एक अंग में शुरू होने वाला दर्द। कुछ मामलों में, पेडू में दर्द इन अंगों के पास वाली हड्डियों, मांसपेशियों, तंत्रिकाओं, रक्त वाली नसों या जोड़ों में भी होता है। इसीलिए, पेडू में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। 

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द)

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द सामान्य होता है और उसमें चिंता की कोई बात नहीं होती लेकिन कुछ अन्य गंभीर मामलों में पेडू में दर्द के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है।

अपेंडिक्स, मूत्राशय के विकार (जैसे यूरिन इन्फेक्शन), यौन संचारित रोग (STD), गुर्दे के संक्रमण या गुर्दे में पथरी (किडनी स्टोन) जैसी समस्याओं से महिलाओं और पुरुषों दोनों को पेडू में दर्द हो सकता है।

पेडू में दर्द लगातार भी हो सकता है और ऐसा भी हो सकता है दर्द कभी हो और कभी न हो। दर्द बहुत तीव्रता से एक जगह भी हो सकता है या यह फैलने वाला हल्का दर्द भी हो सकता है। अगर दर्द बहुत अधिक हो तो यह आपकी रोज़ाना की गतिविधियों में समस्या पैदा कर सकता है। पेडू में दर्द महिलाओं में ज़्यादा आम है।

(और पढ़ें - पीरियड्स में कमर दर्द और पेट दर्द के उपाय और इलाज)

 पेडू में दर्द का कारण जानने के लिए प्रयोगशाला परीक्षण और अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं और इसका उपचार इसके कारण, दर्द की तीव्रता और दर्द होने के तरीके पर निर्भर करता है।

इसके इलाज के लिए दर्द निवारक दवाओं, शारीरिक थेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी का उपयोग किया जाता है।

पेडू में दर्द के लक्षण - Pelvic Pain Symptoms in Hindi

पेडू में दर्द के लक्षण क्या होते हैं ?

पेडू में दर्द के लक्षण उसके कारण पर निर्भर करते हैं। इसके कई लक्षण होते हैं, इनमें से कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं -

पेडू में कुछ देर के लिए हल्का दर्द होना सामान्य है लेकिन अगर दर्द तेज़ है और एक हफ्ते से अधिक समय से हो रहा है, तो अपने डॉक्टर के पास जाएं।

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पेडू में दर्द के कारण और जोखिम कारक - Pelvic Pain Causes & Risk Factors in Hindi

पेडू में दर्द के कारण क्या होते हैं ?

पेडू में दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता है -

महिलाओं को प्रभावित करने वाली समस्याएं

  • मासिक धर्म में दर्द - अधिकतर महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान या उससे पहले पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है, जिससे पेडू में दर्द भी हो सकता है।
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) - कभी-कभी फैलोपियन ट्यूब में रुकावट के कारण निषेचित अंडा कहीं और अटक जाता है जिससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) होती है।
  • मिसकैरेज - गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले भ्रूण की मृत्यु को जाना।
  • पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic inflammatory disease) - पेडू में सूजन एक ऐसी समस्या है जो यौन संक्रमणों के कारण होती है और जिसमें महिलाओं के प्रजनन संबंधी क्षेत्र में सूजन हो जाती है। (और पढ़ें - महिलाओं के यौन रोग)
  • अंडाशय में गांठ - काफी महिलाओं को अंडाशय में गांठ होती है, लेकिन उससे कोई समस्याएं या लक्षण नहीं होते। हालांकि, अगर यह गांठ मुड़ती है या टूटती है, तो इससे पेट के निचले हिस्से में गांठ वाली तरफ दर्द होता है। (और पढ़ें - अंडाशय से सिस्ट (पुटी) हटाने की सर्जरी)
  • गर्भाशय फाइब्रॉएड - फाइब्रॉएड, गर्भाशय की दीवार पर मौजूद ट्यूमर होते हैं। अधिकतर फाइब्रॉएड होने के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन बड़े फाइब्रॉएड से पेडू पर दबाव या दर्द हो सकता है।
  • एंडोमेट्रिओसिस - यह एक ऐसी समस्या है जिसमें गर्भाशय के अंदर पाया जाने वाला ऊतक बढ़कर गर्भाशय के बाहर फैलने लगता है। बाहर बढ़ा हुआ ऊतक दूसरे ऊतक की तरह मासिक धर्म के दौरान योनि से बाहर नहीं आता, जिससे दर्द और अन्य लक्षण होते हैं।
  • पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (Pelvic organ prolapse) - बच्चे पैदा करने और उम्र के कारण पेडू की मासपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे मूत्राशय, गर्भाशय और मलाशय योनि की तरफ झुक जाते हैं या अपनी जगह से हिल जाते हैं। यह किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन यह ज़्यादा उम्र की महिलाओं में अधिक आम है। (और पढ़ें - माँ बनने की सही उम्र)
     

पुरुषों को प्रभावित करने वाली समस्याएं

  • पुरुष नसबंदी - नसबंदी एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे पुरुष किसी महिला को गर्भवती नहीं कर पाते हैं। नसबंदी कराने के बाद एक से दो प्रतिशत पुरुषों को उनके अंडकोष में तीन महीने से ज़्यादा समय तक दर्द रहता है।
  • बैक्टीरियल प्रोस्टैटिस (Bacterial prostatitis) - प्रोस्टैटिस का मतलब होता है पौरुष ग्रंथि की सूजन, जिससे पेडू में दर्द हो सकता है।
  • युरेथ्रल स्ट्रिक्चर (Urethral stricture) - युरेथ्रल स्ट्रिक्चर में मूत्रमार्ग सूजन, चोट या संक्रमण के कारण संकुचित हो जाता है, जिससे मूत्र को निकलने में रुकावट होती है।
  • प्रोस्टेट बढ़ना - प्रोस्टेट बढ़ने से मूत्रमार्ग पर दबाव बनता है, जिससे मूत्र को बाहर निकालने के लिए मूत्राशय की मांसपेशियों को अधिक काम करना पड़ता है। समय के साथ, मूत्राशय की मासपेशियां कमजोर को सकती हैं, जिससे पेडू में दर्द हो सकता है।


महिलाओं व पुरुषों दोनों को प्रभावित करने वाली समस्याएं

  • यूरिन इन्फेक्शन - यूरिन इन्फेक्शन एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है जो आपके मूत्र मार्ग में कहीं भी हो सकता है जिससे पेडू में दर्द हो सकता है।
  • यौन संचारित रोग - सूजाक (गोनोरिया) या/और क्लैमाइडिया जैसे रोग किसी यौन गतिविधि के कारण हो सकते हैं।
  • हर्निया - हर्निया तब होता है जब आपके पेट, छाती या जांघ की किसी कमज़ोर मासपेशी से कोई अंदर का ऊतक या अंग बाहर आने लगता है। इससे एक दर्दनाक उभार हो जाता है।
  • अपेन्डिसाइटिस - अपेन्डिसाइटिस में अपेंडिक्स की सूजन होती है जो दर्दनाक भी हो सकती है।
  • गुर्दे की पथरी - गुर्दे की पथरी की समस्या बहुत अधिक दर्दनाक हो सकती है। यह पुरुषों में अधिक आम है। 
  • सिस्टाइटिस - सिस्टाइटिस मूत्राशय की सूजन होती है, जो ज़्यादातर मूत्र मार्ग के संक्रमण के कारण होती है। इससे पेट की निचली तरफ दर्द और दबाव होता है।
  • इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम - यह बड़ी आंत को प्रभावित करने वाला एक विकार है जिससे ऐंठन और दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
  • प्यूडेंडल नर्व एनट्रैपमेन्ट (Pudendal nerve entrapment) - इसमें पेडू में मौजूद प्यूडेंडल नस पर चोट, सर्जरी या उभार के कारण दबाव बनता है।
  • आसंजन (Adhesions: चिपकाव) - आसंजन रेशेदार बैंड जैसे पदार्थ होते हैं जो आपके पेट में ऊतकों और अंगों को आपस में चिपका देते हैं। सर्जरी होने के बाद आपको यह समस्या हो सकती है।

पेडू में दर्द से बचाव - Prevention of Pelvic Pain in Hindi

पेडू में दर्द का बचाव कैसे होता है ?

पेडू में दर्द का बचाव उसके कारण पर निर्भर करता है। इसके कई कारण होते हैं जिनमें से कुछ से बचा जा सकता है और कुछ से नहीं।

  • सुरक्षित सेक्स करने से यौन संचारित रोगों से बचा जा सकता है जिससे पेडू में दर्द होने का जोखिम कम हो जाता है। (और पढ़ें - कंडोम)
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गुर्दे में पथरी के जोखिम को कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी)
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पेडू में दर्द का परिक्षण - Diagnosis of Pelvic Pain in Hindi

पेडू में दर्द का परीक्षण कैसे होता है ?

पेडू में दर्द के परीक्षण के लिए आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके दर्द और उससे जुड़े लक्षणों के बारे में पूछेंगे जैसे - दर्द कब शुरू हुआ, दर्द के साथ होने वाले लक्षण, आपको दर्द से राहत कैसे मिलती है और आपको कोई अन्य स्वस्थ समस्याएं हैं या नहीं।

इसके बाद शारीरिक जांच और खून व पेशाब के प्रयोगशाला परीक्षण किए जाते हैं। आपकी स्थिति के आधार पर, पेडू में दर्द के कारण का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं। जैसे -

पेडू में दर्द का इलाज - Pelvic Pain Treatment in Hindi

पेडू में दर्द का इलाज कैसे होता है ?

पेडू में दर्द के इलाज का उद्देश्य होता है इसके लक्षणओं को कम करना। अगर आपके डॉक्टर पेडू में दर्द के सटीक कारण पता लगा लेते हैं, तो इसके कारण का इलाज किया जाएगा। हालांकि, अगर कारण का पता नहीं लग पाता है, तो उपचार लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाएगा।
इसके इलाज का सबसे अच्छा तरीका है अलग-अलग उपचारों के संयोजन का प्रयोग करना।

दवाएं
कारण के आधार पर, पेडू में दर्द के इलाज के लिए आपके डॉक्टर कुछ दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। जैसे -

  • दर्द निवारक दवाएं - केमिस्ट पर मिलने वालने वाली दवाएं जैसे - एस्पिरिन (aspirin), इब्यूप्रोफन (ibuprofen), एसीटामेनोफेन (acetaminophen) पेडू में दर्द से कुछ राहत दे सकती हैं लेकिन कभी-कभी डॉक्टर से दर्द निवारक दवाएं लेने की आवस्यकता हो सकती है। हालांकि, केवल दर्द निवारक दवाओं से लम्बे समय से हो रहे पेडू में दर्द में रहत कम ही मिलती है।
  • हॉर्मोन सम्बन्धी इलाज - कुछ महिलाओं को पेडू में दर्द उनके मासिक धर्म चक्र के किसी विशेष भाग या समय के दौरान और ओवुलेशन (Ovulation) व मासिक धर्म को नियंत्रित करने वाले हॉर्मोन में बदलावों के दौरान होता है। इस मामले में, गर्भनिरोधक गोलियां और अन्य हॉर्मोन सम्बन्धी गोलियां पेडू में दर्द से राहत दे सकती हैं। (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान)
  • एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics) - अगर आपको किसी संक्रमण के कारण पेडू में दर्द हो रहा है, तो आपके डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं।
  • एंटीडिप्रेसेंट (Anti-depressant) - कुछ प्रकार की एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लम्बे समय से हो रहे पेडू में दर्द के लिए प्रभावी होती हैं, यह उन महिलाओं की पेडू में दर्द की समस्या को भी हल कर सकता है जिनसे डिप्रेशन नहीं है।

थेरेपी
लम्बे समय से हो रहे पेडू में दर्द के लिए आपके डॉक्टर आपको थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। जैसे -

  • शारीरिक थेरेपी - स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, मसाज और अन्य आराम देने वाली तकनीकों से लम्बे से हो रहे पेडू में दर्द का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए थेरेपिस्ट () आपकी सहायता कर सकते हैं।
  • कभी-कभी शारीरिक थेरेपी में एक उपकरण का उपयोग करके कुछ जगहों पर केंद्रित रहा जाता है। यह उपकरण आसपास की तंत्रिकाओं में बिजली की उत्तेजना (Electrical impulse) प्रदान करता है। शारीरिक थेरेपी में एक मानसिक तकनीक का भी उपयोग किया जा सकता जिसे बायोफीडबैक (Biofeedback) कहा जाता है, जो आपको आपकी तंग मांसपेशियों को पहचानने में मदद करता है ताकि आप उस क्षेत्र को आराम देना सीख सकें।
  • न्यूरोस्टिम्युलेशन (Neurostimulation) - इस उपचार में आपकी तंत्रिका को अवरुद्ध किया जाता है, जिससे दर्द की उत्तेजना के संकेत मस्तिष्क तक न पहुंच सकें। आपके कारण के आधार पर यह एक प्रभावी उपचार हो सकता है।
  • ट्रिगर पॉइंट इंजेक्शन (Trigger point injections) - अगर आपके डॉक्टर को ऐसे पॉइंट का पता चलता है जहाँ आपको दर्द होता है, तो वह उस क्षेत्र को सुन्न करने के लिए आपको इंजेक्शन दे सकते हैं। इंजेक्शन की दवा लम्बे समय तक उस क्षेत्र को सुन्न कर सकती है, जिससे आपको दर्द और तकलीफ में राहत मिल सकती है।
  • मनोचिकित्सा - अगर आपका दर्द किसी मानसिक तनाव या स्थिति के कारण है, तो आपको एक मनोचिकित्सक से बात करने से दर्द में राहत मिल सकती है। (और पढ़ें - मानसिक रोग)

सर्जरी
पेडू में दर्द के कारण को ठीक करने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। जैसे -

  • लेप्रोस्कोपी (Laproscopy) - यदि आपको एंडोमेट्रिओसिस है, तो आपके डॉक्टर लैप्रोस्कोपी सर्जरी का उपयोग कर के इसके चिपकावों और ऊतक को हटा सकते हैं।
  • हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) - कुछ जटिल मामलों में, डॉक्टर आपके गर्भाशय, अंडाशय और फॉलोपियन ट्यूब को निकालने की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़ें - फैलोपियन ट्यूब में रुकावट)

जीवनशैली और घरेलु उपचार

​पेडू में दर्द से आपके जीवन एक प्रमुख प्रभाव पड़ सकता है जिससे नींद न आना, व्यायाम, तनाव और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। आराम देने वाली तकनीकों से दर्द कम करने, भावनाओं को नियंत्रित करने और नींद आने में मदद मिल सकती है।

(और पढ़ें - कितने घंटे सोना चाहिए)

मेडिटेशन और गहरी सांसें लेना जैसी तकनीकों को अपने आप सीखा जा सकता है।

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पेडू में दर्द कितने समय तक रहता है? - How Long Should Pelvic Pain Last in Hindi

पेडू में होने वाला दर्द एक्यूट और क्रोनिक दोनों प्रकार का हो सकता है। एक्यूट में दर्द अचानक और गंभीर है, जबकि क्रोनिक में दर्द या तो अचानक से आता है और चला जाता है या कई महीनों तक बना रह सकता है। इसके अलावा, अगर पेडू में होने वाला दर्द करीब 6 महीने या उससे अधिक समय तक रहता है और उपचार के बाद भी सुधार नहीं दिखाता, तो इसे क्रोनिक पेल्विक पेन कहा जाता है।

क्या तनाव के कारण पेडू में दर्द हो सकता है? - Does Stress Cause Pelvic Pain in Hindi?

डिप्रेशन व तनाव के साथ-साथ यौन और शारीरिक शोषण के चलते क्रोनिक पेल्विक पेन का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, इमोशनल डिस्ट्रेस इस दर्द को और बढ़ा सकता है, जबकि क्रोनिक पेन के चलते इमोशनल डिस्ट्रेस की स्थिति पैदा हो सकती है. ये सभी अवस्थाएं दर्द को खतरनाक बनाने का काम करती हैं.



संदर्भ

  1. Petros P.P. (2010) Chronic Pelvic Pain: A Different Perspective. In: Santoro G.A., Wieczorek A.P., Bartram C.I. (eds) Pelvic Floor Disorders. Springer, Milano
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पेडू में दर्द की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Pelvic Pain in Hindi

पेडू में दर्द के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।