लैक्टोज इनटॉलेरेंस (असहिष्णुता) होना क्या है?
लैक्टोज इनटॉलेरेंस या लैक्टोज असहिष्णुता एक आम पाचन संबंधी विकार है, जिसमें शरीर लैक्टोज को पचा नहीं पाता है। लैक्टोज एक प्रकार का शुगर होता है, जो दूध और अन्य डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। लैक्टोज असहिष्णुता से ग्रस्त लोगों को डेयरी उत्पाद खाने या पीने के बाद दस्त, गैस या पेट फूलने की समस्या होने लगती है। ये स्थिति छोटी आंत में मौजूद लैक्टोस नामक एंजाइम की कमी के कारण उत्पन्न होती है। कई लोगों में इस एंजाइम का स्तर कम होता है, लेकिन वे दूध और उससे बने उत्पाद आसानी से पचा लेते हैं।
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लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण क्या हैं?
लैक्टोज असहिष्णुता होने पर कई लक्षण अनुभव होते हैं। हालांकि, ये लक्षण आपकी समस्या की गंभीरता और डेयरी उत्पाद लेने की मात्रा पर निर्भर करते हैं। इसमें व्यक्ति को पेट खराब, उल्टी, पेट फूलना, दस्त और गैस जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
लैक्टोज असहिष्णुता क्यों होती है?
लैक्टोज असहिष्णुता की समस्या तब होती है जब आपकी छोटी आंत लैक्टोज को पचाने वाले एंजाइम को पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाती है। पेट में मौजूद बैक्टीरिया सामान्य तरीके से इस अनवशोषित शुगर पर काम करने लगते हैं, जिसके कारण लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण होते हैं। लैक्टोज असहिष्णुता के तीन प्रकार होते हैं और हर प्रकार की समस्या अलग कारण की वजह से होती है।
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लैक्टोज असहिष्णुता का इलाज कैसे होता है?
लैक्टोज असहिष्णुता का फिलहाल कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसे पदार्थ लेना जिनमें लैक्टोस की मात्रा कम है, आपको लक्षणों से कुछ आराम दे सकता है। अगर आप डेयरी उत्पाद लेना चाहते हैं, तो अपने खाने में कम मात्रा में इन्हें ले सकते हैं। आपको कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट्स की आवश्यकता भी हो सकती है ताकि आपकी हड्डियां मजबूत और स्वस्थ रहें। इसके अलावा ऐसी ड्रॉप्स या गोलियां भी आती हैं जो खाने में मिलाकर खाने से लैक्टोज का पाचन बेहतर होता है, आप चाहें तो ये दवाएं भी ले सकते हैं।
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