प्रसव और डिलीवरी की जटिलता क्या है?
आमतौर पर, प्रसव और डिलीवरी बिना किसी भी समस्या के हो जाती है। गंभीर समस्याएं अपेक्षाकृत बहुत कम होती हैं और अधिकांश समस्याओं का अनुमान लगा लिया जाता है। इनका प्रभावी ढंग से इलाज भी किया जा सकता है।
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हालांकि, कभी-कभी समस्या अचानक और अप्रत्याशित रूप से विकसित होती है। गर्भावस्था की कुछ सबसे आम जटिलताओं में गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर, गर्भावस्था में मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया, समय से पहले प्रसव, गर्भावस्था की समाप्ति या मिसकैरेज इत्यादि शामिल हैं।
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प्रसव और डिलीवरी की जटिलता क्यों होती है?
दुनिया के कुछ हिस्सों में प्रसव और डिलीवरी की जटिलता स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की कमी होने पर जानलेवा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 2015 में दुनिया भर में 3,03,000 मौतें होने का अनुमान था।
एक सामान्य गर्भावस्था का समय लगभग 40 सप्ताह होता है। गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले प्रसव होने पर इसे प्रीमैच्योर डिलीवरी कहा जाता है। 37 सप्ताह से पहले पैदा होने वाले बच्चे को प्रीमैच्योर बेबी माना जाता है। ऐसे शिशु के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होने से सांस की समस्या होती है।
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जब महिला की पिछली गर्भावस्था में सी-सेक्शन हुआ हो, उसकी उम्र अधिक हो या गर्भावस्था 42 सप्ताह से अधिक समय तक चली हो तो प्रसव के लिए डॉक्टर के विशेष ध्यान की आवश्यकता हो सकती है।
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प्रसव और डिलीवरी की जटिलता का इलाज कैसे होता है?
गर्भावस्था में कोई भी परेशानी आने पर आपके डॉक्टर और अस्पताल उन्हें संभालने के लिए तैयार रहते हैं। यदि किसी तरह की जटिलताएं होती हैं, तो डॉक्टर आवश्यकतानुसार स्थिति की बारीकी से निगरानी और हस्तक्षेप करके सहायता कर सकते हैं।
प्रसव और डिलीवरी की जटिलता का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी समस्या क्या है। अधिकांश प्रसव और डिलीवरी की जटिलताओं का इलाज किया जा सकता है, इसके लिए यह आवश्यक है कि आप नियमित जांच करवाती रहें।
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