लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध होना क्या है?
आपकी छोटी आंत या बड़ी आंत (कोलन) से भोजन या तरल पदार्थ के गुजरने में आने वाली बाधा को "इंटेस्टाइनल इलियस" या लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध कहा जाता है।
उपचार के बिना, आंत का अवरुद्ध भाग मर सकता है, जिससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती है। हालांकि, तुरंत जांच और उपचार से लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध को अक्सर सफलतापूर्वक दूर किया जा सकता है।
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध के लक्षण क्या हैं?
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध के साथ जुड़े लक्षणों में निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं:
- पेट में ऐंठन
- भूख कम लगना
- पेट भरा हुआ महसूस होना
- कब्ज (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के उपाय)
- गैस पास करने में अक्षमता, (और पढ़ें - पेट की गैस दूर करने के घरेलू उपाय)
- पेट में सूजन (और पढ़ें - पेट में सूजन होने पर क्या करें)
- मतली, उल्टी विशेष रूप से मल जैसी सामग्री उल्टी में निकलना।
जठरांत्र से जुड़े लक्षण आंतों में रुकावट के सबसे आम लक्षण हैं। आपका पेट और आंत गैस से भरना शुरू हो जाते हैं, जो गुदा को पार नहीं कर पाते हैं। इससे पेट टाइट और फुला हुआ दिखाई देने लगता है।
(और पढ़ें - पेट फूलने की समस्या से छुटकारा पाने के उपाय)
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध क्यों होती है?
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध आमतौर पर पेट या श्रोणि की सर्जरी के बाद होती है। ऐसा निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:
- सर्जरी के बाद सामान्य पेरिस्टलसिस गति के लौटने में देरी होना। पेरिस्टलसिस पाचन नलियों में होने वाली ऐसी गति है, जो खाए हुए भोजन को निरंतर आगे बढ़ाती है।
- सर्जरी के बाद निर्धारित दवाओं के कारण मल विसर्जन क्रिया प्रभावित होती है।
- सर्जरी के बाद बचा निशान अवरोध पैदा कर सकता है।
पाचन तंत्र में मांसपेशियों और नसों को प्रभावित करने वाली दवाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं:
- ओपियोइड दर्द निवारक दवाएं
- एंटीकॉलिनर्जिक्स, जिसका उपयोग मूत्राशय की स्थितियों, सीओपीडी और पार्किंसंस रोग सहित कई स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है
- कैल्शियम चैनल अवरोधक, जिन्हें अक्सर हृदय रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध के अन्य कारणों में पार्किंसंस रोग जैसे मांसपेशियों तथा नसों के विकार और संक्रमण शामिल हैं। बच्चों में, इंटुस्सुसेप्शन या 'टेलीस्कोपिंग' अक्सर आंतों में रुकावट का कारण बनती है।
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध का इलाज कैसे होता है?
लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध के उपचार के लिए नाक के माध्यम से पेट या आंत में ट्यूब डाली जाती है। ऐसा पेट की सूजन और उल्टी से छुटकारा पाने में मदद करने के लिए किया जाता है। बड़ी आंत के वोल्वुलस का इलाज गुदा मार्ग से ट्यूब डाल कर किया जा सकता है।
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यदि ट्यूब की मदद से लक्षण दूर नहीं हो पाते हैं तो लकवाग्रस्त आन्त्रावरोध से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। आंतों के अंदर ऊतक की मौत के संकेत मिलने पर भी इसकी आवश्यकता हो सकती है।