मैग्नीशियम की कमी - Magnesium Deficiency in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

September 27, 2018

December 19, 2023

मैग्नीशियम की कमी
मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम की कमी क्या है?

मैग्नीशियम की कमी अक्सर बहुत ही कम देखी जाने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। कुछ मामलों में इस समस्या का परीक्षण ही नहीं हो पाता। क्योंकि इन मामलों में जब तक मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम नहीं होता तब तक इसकी कमी से जुड़ा कोई लक्षण पैदा नहीं होता।

शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। इसके कारणों में भोजन द्वारा अपर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम प्राप्त करने से लेकर शरीर से अत्यधिक मात्रा में मैग्नीशियम निकलना आदि शामिल है। जिन लोगों को शराब की लत होती है उनमें भी मैग्नीशियम की कमी होने के अत्यधिक जोखिम होते हैं। रोजाना बहुत अधिक मात्रा में कैफीन (चाय-कॉफी आदि) का सेवन करना भी आपके मैग्नीशियम के स्तर को प्रभावित कर सकता है। कुछ प्रकार की दवाएं और कम मैग्नीशियम वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की आदत भी मैग्नीशियम की कमी की समस्या का कारण बन सकती है। मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक जैसे अन्य खनिजों के उचित स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

शरीर में कई प्रकार के कार्यों के लिए मैग्नीशियम अविश्वसनीय रूप से आवश्यक होता है। मैग्नीशियम प्रतिरक्षा प्रणाली, तंत्रिका व मांसपेशियों और आपके हृदय व हड्डियों को मजबूत रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपके दिल व गुर्दों को ठीक रूप से काम करने के लिए भी मैग्नीशियम की आवश्यकता पड़ती है। हड्डियों और दांतों का निर्माण करने के लिए भी इस खनिज की आवश्यकता पड़ती है

मैग्नीशियम की कमी से जुड़ी समस्याओं में डायबिटीज, खराब अवशोषण, लंबे समय से दस्त और सेलिएक रोग शामिल है।

(और पढ़ें - दस्त लगने के घरेलू उपाय)

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण - Hypomagnesemia Symptoms in Hindi

मैग्नीशियम में कमी होने पर कौनसे लक्षण महसूस होने लगते हैं?

मैग्नीशियम में कमी के कुछ संकेत, इस प्रकार हैं:

मैग्नीशियम में कमी होने पर महसूस होने वाले लक्षण:

(और पढ़ें - bp kam karne ke upay)

मैग्नीशियम की कमी के कारण - Hypomagnesemia Causes in Hindi

मैग्नीशियम की कमी किस कारण से होती है?

मैग्नीशियम में कमी पैदा करने वाले कारणों में निम्न शामिल हैं:

भोजन:

कम मैग्नीशियम वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। अत्यधिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करने से भी खाद्य पदार्थों में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है, क्योंकि इनका उपयोग करने से मिट्टी में से मैग्नीशियम नष्ट होने लगती है।

सोडा, अल्कोहॉल (शराब) या कार्बनिक पेय पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करना:

सोडा में फास्फेट पाया जाता है जो शरीर में खुद को मैग्नीशियम के साथ जोड़ कर रखता है, जिससे वह मैग्नीशियम अवशोषित नहीं हो पाता। साथ में आपकी किडनी भी मैग्नीशियम व अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को शरीर से बाहर निकाल देती है। (और पढ़ें - शराब छोड़ने के उपाय)

पानी पीना:

यदि आप किसी शहर में रहते हैं तो इसकी काफी संभावनाएं हैं कि जो पानी आप पी रहे हैं उसमें मैग्नीशियम कम मात्रा में हो सकता है।

कैल्शियम सप्लीमेंट्स लेना:

विशेषकर महिलाओं को मैग्नीशियम के अवशोषण पर पड़ने वाले कुछ निश्चित सप्लीमेंट्स के प्रभाव के प्रति सावधान रहना चाहिए। यदि हड्डियों की कमजोरी या ओस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए आपको कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लेने का सुझाव दिया गया है, तो इसके परिणास्वरूप आपमें मैग्नीशियम की कमी भी हो सकती है। (और पढ़ें - हड्डी मजबूत करने के उपाय)

मैग्नीशियम की कमी होने का खतरा कब बढ़ जाता है?

जिन लोगों में मैग्नीशियम की कमी होने के अत्याधिक जोखिम हैं उनको मुख्य रूप से चार समूहों में बांटा गया है, इनमें निम्न शामिल हैं:

  • टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग: 
    डायबिटीज पीड़ित लोगों में अक्सर अधिक पेशाब आने लगता है, जो मैग्नीशियम के अवशोषण को कठिन बना देता है। (और पढ़ें - डायबिटीज में क्या खाना चाहिए)

    डायबिटीज का इलाज:निरंतर जाँच करे,myUpchar Ayurveda Madhurodh डायबिटीज टैबलेट का उपयोग करे,स्वस्थ आहार ले, नियमित व्यायाम करे और  स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और सही दिशा में बढ़ें।

     
  • पाचन संबंधी विकार वाले लोग: 
    पाचन संबंधी विकार जैसे क्रोन रोग और सेलिएक रोग आदि समस्याएं मैग्नीशियम के अवशोषण की प्रक्रिया को बिगाड़ देती हैं।
     
  • शराब संबंधी समस्याओं से जुड़े लोग:
    नियमित रूप से शराब पीना भी इस समस्या को पैदा कर सकता है। इसके कारण शरीर में निर्जलीकरण (पानी की कमी), आंतों के बैक्टीरिया में असंतुलन, प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधी समस्याएं, खराब नींद और समय से पहले बुढ़ापा आना आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जिससे मुख्य रूप से खनिज पदार्थों में कमी होने लगती है। (और पढ़ें - प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने के उपाय)
     
  • वृद्ध लोग:
    जैसे किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ती जाती है उसके मैग्नीशियम का स्तर भी गिरने लगता है। ज्यादातर वृद्ध लोग मैग्नीशियम से उच्च खाद्य पदार्थ नहीं खा पाते जैसे वे पहले खाते थे। (और पढ़ें - एजिंग के लक्षणों को कम करने के टिप्स)
     
  • अत्यधिक एंटीबायोटिक लेने वाले लोग:
    अधिक एंटीबायोटिक दवाएं लेना पाचन तंत्र प्रणाली को क्षतिग्रस्त कर देता है। जिससे मैग्नीशियम से उच्च खाद्य पदार्थों को पचाने में कठिनाई होने लगती है। (और पढ़ें - एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)

मैग्नीशियम की कमी के बचाव के उपाय - Prevention of Hypomagnesemia in Hindi

मैग्नीशियम में कमी होने से रोकथाम कैसे की जा सकती है?

आहार व जीवनशैली आपकी मैग्नीशियम की खपत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कुछ सरल व साधारण तरीके हैं जिनकी मदद से मैग्नीशियम के स्तर को बढ़ा दिया जाता है।

  • हरी सब्जियां खाना:
     हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है।
  • परिष्कृत और संसाधित खाद्य पदार्थों से बचें:
    सफेद शुगर जैसे ज्यादातर परिष्कृत खाद्य पदार्थ और संसाधित खाद्य पदार्थों को सफेद आटे से बनाया जाता है और इनसे मैग्नीशियम हटा दिया जाता है।
  • किण्वित (Fermented) खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों का सेवन करें:
    किण्वित किये हुए खाद्य व पेय पदार्थ आपकी आंतों को प्रोबायोटिक्स (फायदेमंद बैक्टीरिया व यीस्ट) से परिपूर्ण कर देते हैं। जो खाद्य पदार्थों से मैग्नीशियम को अवशोषित करने में मदद करते हैं।
  • साबुत अनाज खाना:
    साबुत अनाज के आहार का सेवन करना, मीठे, संसाधित खाद्य पदार्थों की खपत कम करना आदि भी मैग्नीशियम को वापस सामान्य स्तर पर लाने में काफी मदद करते हैं।
  • मैग्नीशियम के सप्लीमेंट्स लेना:
    मैग्नीशियम सिटरेट सप्लीमेंट्स लेना। इसके दो पाउडर होते हैं जो वयस्कों और बच्चों को उनकी मैग्नीशियम की खपत को बढ़ाने के लिए दिये जाते हैं।

(और पढ़ें - आयरन युक्त आहार)

मैग्नीशियम में उच्च खाद्य पदार्थ

  • साबुत गेहूं, ज्यादातर साबुत अनाज मैग्नीशियम के अच्छे स्त्रोत होते हैं।
  • पालक जैसी गहरी हरी पत्तों वाली सब्जियां भी पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जिनमें मैग्नीशियम भी शामिल होता है।
  • बादाम सिर्फ स्वास्थ्यकर सूखा मेवा ही नहीं होता, साथ ही ये मैग्नीशियम से भी भरपूर होते हैं। रोस्टेड बादामों को स्वाद व सजावट को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के व्यंजनों में शामिल किया जा सकता है।
  • काजू भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं और साथ ही यह मैग्नीशियम का एक अच्छा स्त्रोत होते हैं। काजू को अकेले भी खाया जा सकता है या फिर उनको रात के खाने के साथ सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • ब्लैक बीन्स (काले सेम), सभी प्रकार के बीन्स में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, लेकिन मैग्नीशियम सबसे अधिक मात्रा में ब्लैक बीन्स में पाया जाता है।
  • सोयाबीन भी मैग्नीशियम में काफी उच्च होता है। आमतौर पर उनको उबाल कर खाया जाता है लेकिन इसके अलावा इनको कच्चा भी खा लिया जाता है या किसी अन्य भोजन में भी शामिल किया जा सकता है।
  • टोफू (सोया दही) मीट के लिए एक बहुत बढ़िया वैकल्पिक शाकाहारी पदार्थ होता है, तो अगर आप शाकाहारी हैं तो भी इसका सेवन कर सकते हैं। (और पढ़ें - स्वास्थ्य के लिए क्या बेहतर है - टोफू या पनीर)
  • तिल को सेसम के बीज भी कहा जाता है इनको उपयोग खाना पकाने में किया जाता है। यह भोजन में अतिरिक्त पोषक तत्व जोड़ने का तरीका भी है।
  • सोयामिल्क
  • ब्लैक बीन्स
  • साबुत अनाज के ब्रैड
  • एवोकैडो
  • केला
  • मछली
  • छिलके समेत सिके हुए आलू

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)

मैग्नीशियम की कमी का परीक्षण - Diagnosis of Hypomagnesemia in Hindi

मैग्नीशियम की कमी का परीक्षण कैसे करें?

आपके डॉक्टर मैग्नीशियम की कमी की जांच आपके लक्षणों, पिछली मेडिकल स्थिति, खून टेस्ट और शारीरिक परीक्षण के आधार पर करते हैं।

  • ब्लड मैग्नीशियम लेवल उस मैग्नीशियम की मात्रा के बारे में नहीं बता पाता जिसको शरीर हड्डियों और मांसपेशियों के ऊतकों में संग्रह करके रखता है। जांच करने का यह सबसे सामान्य तरीका होता है और यदि डॉक्टरों को लगता है कि मरीज में मैग्नीशियम की कमी है तो डॉक्टर ज्यादातर इसी टेस्ट का ऑर्डर देते हैं। (और पढ़ें - सीआरपी ब्लड टेस्ट क्या है)
  • यह जानने के लिए की आपमें मैग्नीशियम की कमी है डॉक्टर आपके खून में कैल्शियम और पोटेशियम की मात्रा की भी जांच करते हैं। (और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट क्या है)
  • एक सामान्य सीरम (खून) में मैग्नीशियम का स्तर 1.8 से 2.2 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (mg/dL) होता है। सीरम मैग्नीशियम का स्तर 1.8 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम होने पर उसको मैग्नीशियम में कमी की समस्या माना जाता है। यदि मैग्नीशियम का स्तर 1.25 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से भी कम हो जाता है तो इस स्थिति को मैग्नीशियम की कमी की बहुत गंभीर स्थिति माना जाता है।

(और पढ़ें - कैल्शियम ब्लड टेस्ट क्या है)

मैग्नीशियम की कमी का उपचार - Hypomagnesemia Treatment in Hindi

मैग्नीशियम की कमी का उपचार कैसे किया जाता है?

जब तक आपको डॉक्टर आपको अन्य किसी तरीके का इस्तेमाल करने के लिए नहीं कहते, तब तक खाद्य पदार्थों से मैग्नीशियम प्राप्त करना सबसे बेहतर तरीका होता है। मैग्नीशियम की कमी का इलाज आमतौर पर ओरल मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स (टेबलेट या मुंह के द्वारा लिए जाने वाले सप्लीमेंट्स) लेकर और आहार में मैग्नीशियम की खपत बढ़ाकर किया जाता है।

मैग्नीशियम की कमी कई प्रकार की अंतर्निहित समस्याओं के कारण हो सकती है। ओरल या इनंट्रावेनस (नसों द्वारा लिया जाने वाले) मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स द्वारा प्रभावी रूप से इसका उपचार किया जाता है।

पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम प्राप्त करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है। यदि आपको क्रोन रोग या डायबिटीज जैसे रोग हैं या यदि आप डाइयुरेटिक दवाएं लेते हैं तो अपने डॉक्टर की मदद से यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आपमें मैग्नीशियम की कमी तो विकसित नहीं हो रही। (और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)

यदि आपको मैग्नीशियम की कमी के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर के पास जाना जरूरी होता है ताकि अन्य समस्याएं विकसित होने से रोकी जा सकें।

यदि आपमें मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम हो गया है और आपमें मिर्गी जैसे लक्षण विकसित हो गए हैं तो आपको नसों के द्वारा मैग्नीशियम दिया जाएगा।

  • मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स:
    अगर आपके खून में गंभीर रूप से मैग्नीशियम की कमी हो गई है तो खून में मैग्नीशियम का स्तर बढ़ाने के लिए यह दवा आमतौर पर नसों के द्वारा दी जाती है। इसके अलावा मैग्नीशियम ऑक्साइड को टेबलेट के रूप में भी मरीज को खिलाया जा सकता है। (और पढ़ें - खून को साफ करने वाले आहार)
     
  • कैल्शियम और पोटेशियम सप्लीमेंट्स:
    अगर आपके खून में मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम हो गया है तो आपके शरीर में कैल्शियम और पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर भी कम हो जाता है। डॉक्टर टेबलेट या इंट्रावेनस के रूप में आपके लिए सप्लीमेंट्स निर्धारित करते हैं। मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम के स्तर सामान्य स्तर पर वापस नहीं आ जाएंगे, जब तक कि इन सभी के इलेक्ट्रोलाइट्स को ठीक नहीं किया जाता।

(और पढ़ें - कैल्शियम युक्त भारतीय आहार)

मैग्नीशियम की कमी से होने वाले रोग - Disease caused by magnesium in Hindi

मैग्नीशियम में कमी से कौन से रोग विकसित हो सकते हैं?

यदि मैग्नीशियम में कमी और इसको पैदा करने वाले कारण का इलाज ना किया जाए तो मैग्नीशियम में गंभीर रूप से कमी हो सकती है। मैग्नीशियम में गंभीर रूप से कमी होने पर जीवन के लिए घातक कई स्थितियां पैदा हो सकती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं:

(और पढ़ें - मिर्गी रोग के लिए घरेलू उपाय)

मैग्नीशियम की खुराक - Daily requirement of Magnesium in Hindi

मैग्नीशियम को रोजाना कितनी खुराक में प्राप्त करना चाहिए?

अन्य खनिजों की ही तरह मैग्नीशियम एक महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ होता है। हालांकि बहुत ही कम मामलों में शरीर में इसकी कमी हो पाती है, लेकिन शरीर में इसका स्तर कम होने पर यह कई गंभीर समस्याएं पैदा कर देता है। खासकर जब तक मैग्नीशियम का स्तर गंभीर रूप से कम नहीं होता मरीज को किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते और यह स्थिति गंभीर होने पर जीवन के लिए कई घातक जटिलताएं पैदा कर देती है। इसलिए शरीर में इसके स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए इसकी खुराक लेते रहना चाहिए। लेकिन कुछ कारक है जिनसे इसको प्राप्त करने की खुराक को कम या ज्यादा करना पड़ सकता है। नीचे टेबल की मदद से इन कारकों के अनुसार इसकी सही मात्रा को बताया गया है।

उम्र  पुरुष महिला गर्भावस्था स्तनपान
जन्म से 6 महीने तक 30 एमजी 30 एमजी    
7 से 12 महीने 75 एमजी 75 एमजी    
1 से 3 साल 80 एमजी 80 एमजी    
4 से 8 साल 130 एमजी 130 एमजी    
9 से 13 साल 240 एमजी 240 एमजी    
14 से 18 साल 410 एमजी 360 एमजी 400 एमजी 360 एमजी
19 से 30 साल 400 एमजी 310 एमजी 350 एमजी 310 एमजी
31 से 50 साल 420 एमजी 320 एमजी 360 एमजी 320 एमजी
51 तथा ऊपर की उम्र 420 एमजी 320 एमजी    

(और पढ़ें - संतुलित आहार का महत्व)



संदर्भ

  1. Healthdirect Australia. Magnesium. Australian government: Department of Health
  2. Gröber U, Schmidt J, Kisters K. Magnesium in Prevention and Therapy. Nutrients. 2015 Sep 23;7(9):8199-226. PMID: 26404370
  3. Cleveland Clinic. [Internet]. Cleveland, Ohio. Magnesium Rich Food.
  4. DiNicolantonio JJ, O'Keefe JH, Wilson W. Subclinical magnesium deficiency: a principal driver of cardiovascular disease and a public health crisis. Open Heart. 2018 Jan 13;5(1):e000668. PMID: 29387426
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Low magnesium level.

मैग्नीशियम की कमी के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव
Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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Dr. Sunil Kumar Mishra Dr. Sunil Kumar Mishra एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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मैग्नीशियम की कमी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Magnesium Deficiency in Hindi

मैग्नीशियम की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।