ट्राइग्लिसराइड के लेवल के बढ़ने के कई कारण होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है -
वजन बढ़ना
वजन और मोटापा बढ़ने से शरीर में फैट का स्तर बढ़ने लगता है. इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है.
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मेटाबोलिक सिंड्रोम
मेटाबोलिक सिंड्रोम भी ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ने का कारण हो सकता है.
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डायबिटीज
ब्लड शुगर अधिक बढ़ने से या डायबिटीज अनियंत्रित होने से ट्राइग्लिसराइड बढ़ सकता है.
हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म के कारण थायराइड हार्मोन प्रभावित होते हैं, जो ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी प्रभावित कर सकते हैं. इससे रक्त में ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है.
किडनी रोग
किडनी शरीर से केमिकल और अन्य व्यर्थ पदार्थों को फ्लश करने में मदद करती है. इससे शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिल सकती है. यदि किडनी संबंधित रोग हो जाएं, तो इससे ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी बढ़ने लग सकता है.
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प्रेगनेंसी
प्रेगनेंसी के समय शरीर के अधिकतर हार्मोन में विभिन्न बदलाव होते रहते हैं. इन बदलावों के चलते ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी प्रभावित हो सकता है. इससे ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि हो सकती है.
आनुवंशिक
यदि परिवार में पहले किसी को हाई ट्राइग्लिसराइड की समस्या रही है, तो अगली पीढ़ी में परिवार के अन्य सदस्य को भी यह समस्या हो सकती है. दरअसल, कुछ मामलों में ही इस समस्या का कारण जीन को माना गया है.
आहार
कुछ खाद्य पदार्थों को अधिक मात्रा में लेने पर भी ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है. इन खाद्य पदार्थों में हाई शुगर, हाई सैचुरेटेड फैट्स, शराब व अतिरिक्त कैलोरी का सेवन शामिल है.
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दवाइयां
ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने का एक कारण दवाइयों का उपयोग भी हो सकता है. ऐसा माना जाता है कि ड्यूरेटिक्स, स्टेरॉयड, बीटा ब्लॉकर, हार्मोन संबंधी दवाओं और इम्यूनोसप्रेशन वाली दवाओं को लेने से ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ सकता है.