पायरिया का इलाज कैसे किया जाता है?
इसके उपचार का मुख्य लक्ष्य दांतों और मसूड़ों में जमा हुऐ प्लेक तथा बैक्टीरिया को निकालना होता है।
मौखिक स्वच्छता अभ्यास –
आपके डॉक्टर या डेंटल केयर टीम आपको इस बारे में अनुदेश देते हैं कि मुंह के अंदर से बैक्टीरिया को कैसे कम किया जा सकता है, इसमें दांत व मसूड़े आदि साफ रखना शामिल होता है। इसके अलावा डेंटिस्ट आपको अन्य मौखिक स्वच्छता उत्पादों के उपयोग करने की सलाह भी दे सकते हैं, जैसे वॉटर पिक (Water pick) और माउथवॉश आदि।
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आपके दांतों को स्वस्थ रखने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं:
- फ्लॉराइड टूथ पेस्ट के साथ अपने दांतो को रोजाना दो बार ब्रश करें।
- इलेक्ट्रिक ब्रश का इस्तेमाल करने पर विचार करनें, क्योंकि ये अधिक प्रभावशील होता है।
- प्लेक को हटाने के लिए कम से कम दिन में एक बार फ्लॉस करें।
- पेशेवर सफाई करवाने के लिए साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट के पास जाएं।
- धूम्रपान व तंबाकू आदि का सेवन न करें।
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सही ब्रश का इस्तेमाल करना –
अपने दांतों के लिए ऐसे ब्रश का इस्तेमाल करें जिसके बाल नरम और ऊपर से गोल या चिकने हों। कठोर या मजबूत बालों वाले ब्रश से आपके मसूड़े क्षतिग्रस्त होने की संभावनाएं होती हैं। आपके ब्रश का आकार और उसकी बनावट ऐसी होनी चाहिए की वह आपके हर दांत तक अच्छे से पहुंच सके। याद रखें कि सफाई ब्रश के बालों की नोक ही करती हैं, इसलिए अतिरिक्त दबाव देने की जरूरत नहीं है। हर 3 या 4 महीनें या फिर उससे पहले ही अपने टूथ ब्रश को बदलते रहें।
पेशेवर सफाई (Professional cleanings) –
पेशेवर सफाई के दौरान डेंटिस्ट आपके दांतों और उनकी जड़ों में से प्लेक और टार्टर को हटाते हैं। उसके बाद आपके दांतों पर पॉलिश की जाती है और फ्लॉराइड के साथ उनका उपचार किया जाता है। अगर किसी दांत के पीछे पॉकेट बनी हुई है (दांत और मसूड़ों के बीच खाली जगह बनना), तो उसकी गहराई से सफाई करने की आवश्यकता पड़ती है। गहराई से सफाई करने के तरीके को स्केलिंग (Scaling) और रूट प्लानिंग (Root planning) कहा जाता है। इसकी मदद से टार्टर को बाहर निकाल दिया जाता है और अगर कोई रफ स्पॉट दिखाई दे रहा है जहां पर बैक्टीरिया इकट्ठा होते हैं, उसे भी हटा दिया जाता है।
एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) –
अगर संक्रमण सफाई से ठीक नहीं हो पा रहा तो कुछ मामलों में डेंटिस्ट मरीज के लिए एंटीबायोटिक्स लिखते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं को माउथवॉश, जैल, खाने की टैबलेट या कैप्सूल के रूप में दिया जा सकता है।
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फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स –
आपके ठीक होने के बाद आपके डेंटिस्ट आपको कुछ सप्ताह बाद फिर से आने के लिए कहते हैं और फिर हर 3 से 6 हफ्ते के भीतर आने के लिए कहते हैं, ताकि समस्या बढ़ने का आकलन किया जा सके। अगर पेरीडॉन्टल पॉकेट्स अभी भी हैं, तो डेंटिस्ट सर्जरी जैसे अन्य उपचार विकल्पों का सुझाव दे सकते हैं।
सर्जरी –
अगर सूजन व लालिमा उस जगह पर है, जहां पर ब्रश या फ्लॉसिंग का पहुंचना मुश्किल है, तो आपके डेंटिस्ट एक सर्जरी प्रक्रिया का सुझाव देते हैं। इस प्रक्रिया को फ्लैप सर्जरी कहा जाता है, जिसमें मसूड़ों के अंदर जमे प्लेक व टार्टर को हटाया जाता है। इस प्रक्रिया में आपको बेहोशी की दवा दे दी जाती है और दांतों के ऊपर से मसूड़ों को ऊपर उठाया जाता है और दांतों की जड़ों को साफ किया जाता है। इसके बाद आपके मसूड़ों को फिर से वहीं पर सिलाई कर दी जाती है।
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अगर आपकी हड्डी में किसी प्रकार का नुकसान हुआ है, तो खोई हुई हड्डी को फिर से बनाने के लिए फ्लैप सर्जरी के साथ-साथ बोन ग्राफ्टिंग (Bone grafting) नामक प्रक्रिया को किया जाता है।
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