बार-बार पेशाब आने के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं?
भाग्यवश बार-बार पेशाब आने की समस्या से पीड़ित लोगों के लक्षण आसानी से दिख जाते हैं। अगर आपको दिन में 8 से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होती है, जो आपको बार-बार पेशाब आने से संबंधित कोई समस्या हो सकती है। अगर आप एक सामान्य स्वस्थ वयस्क (गैर गर्भवती) हैं और दिन में 8 बार से अधिक बार पेशाब करते हैं, तो अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।
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आपके लक्षण बार-बार पेशाब आने के कारण पर निर्भर करते हैं।
मूत्र पथ में संक्रमण के लक्षण (यूटीआई) –
यूटीआई, मूत्र प्रणाली में कहीं भी विकसित हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर मूत्राशय या मूत्रमार्ग में ही होता है। यह संक्रमण पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक सामान्य होता है, क्योंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है। छोटे मूत्रमार्ग के कारण बैक्टीरिया आसानी से मूत्राशय तक पहुंच सकते हैं और संक्रमण फैला सकते हैं। यूटीआई के लक्षणों में निम्न शामिल होते हैं -
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ओवरएक्टिव ब्लैडर के लक्षण –
बार-बार पेशाब आना, ओवर एक्टिव ब्लैडर के लिए सबसे प्राथमिक लक्षण होता है। हालांकि, इसमें आप खुद को बीमार महसूस नहीं करते और ना ही आपको किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है। इसके अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- पेशाब करने की आवश्यकता को टालने में असमर्थता
- पेशाब रिसना
- पेशाब करने के लिए रात के समय कई बार उठना, इस समस्या को निशामेह (Nocturia) के नाम से भी जाना जाता है।
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डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए –
अगर आपको सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता पड़ती है और निम्न समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो डॉक्टर से इस बारे में बात करें।
- अगर कोई स्पष्ट कारण नहीं है (जैसे, अधिक तरल पदार्थ, शराब या कैफीन (चाय-कॉफी) आदि पीने के कारण यह समस्या होना)। (और पढे - शराब छुड़ाने के नुस्खे)
- अगर यह समस्या आपकी नींद खराब कर रही है या दिन की गतिविधियों में कठिनाई पैदा कर रही है। (और पढ़ें - अच्छी नींद के उपाय)
- अगर आपको मूत्र संबंधी समस्याएं हैं या अन्य कुछ चिंताजनक लक्षण महसूस हो रहे हैं।
- पेशाब में खून आना।
- पेशाब का रंग लाल या गहरे भूरे रंग का होना।
- पेशाब के दौरान दर्द होना।
- पेट के एक तरफ या निचले हिस्से में दर्द होना या ग्रोइन (पेट और जांध के बीच का भाग) में दर्द होना।
- पेशाब करने या मूत्राशय को खाली करने में कठिनाई।
- पेशाब करने की तीव्र इच्छा होना।
- मूत्राशय पर नियंत्रण ना रहना।
- बुखार।
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उदाहरण के तौर पर, बार-बार पेशाब आना, किडनी में संक्रमण का संकेत भी दे सकता है। अगर संक्रमण को बिना उपचार किए छोड़ दिया जाए तो यह किडनी को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकता है। इसके अलावा संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया संभावित रूप से खून में मिल सकते हैं और शरीर के अन्य भागों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यह जीवन के लिए एक हानिकारक स्थिति बन जाती है, जिस पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।
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