डिसलिपिडेमिया होना क्या है?
डिसलिपिडेमिया का मतलब होता है खून में लिपिड (ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रॉल जैसे फैट वाले पदार्थ) का स्तर बहुत ज्यादा या बहुत कम हो जाना। वैसे तो डिसलिपिडेमिया में लिपिड से संबंधित कई समस्याएं होती हैं, लेकिन कुछ मुख्य समस्याएं हैं शरीर में बैड़ कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाना या गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाना और ट्राइग्लीसेराइड का स्तर बढ़ जाना। ज्यादातर लोग संतुलित आहार और जीवनशैली से संबंधित अन्य बदलावों से खून में लिपिड का स्तर सामान्य कर लेते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को इसके लिए इलाज की आवश्यकता होती है।
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डिसलिपिडेमिया के लक्षण क्या हैं?
डिसलिपिडेमिया के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं जिनसे पता लग पाए कि आपको ये समस्या है। कुछ बहुत ही गंभीर मामलों में डिसलिपिडेमिया के कारण व्यक्ति के शरीर पर पीले उठे हुए उभार होने लगते हैं। डिसलिपिडेमिया का पता लगाने के लिए आपको अपने खून की जांच करवानी पड़ती है।
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डिसलिपिडेमिया क्यों होता है?
डिसलिपिडेमिया होने के कुछ मुख्य कारण माने जाते हैं, जैसे धूम्रपान करना, सुस्त रहना, मोटापा और ऐसे खाद्य पदार्थ लेना जिनमें ट्रांस फैट या सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत ज्यादा हो। ज्यादा शराब पीने के कारण भी ट्राइग्लीसेराइड का स्तर बढ़ सकता है। अगर आपके माता-पिता में से किसी को या दोनों को डिसलिपिडेमिया है या कभी था, तो आपको भी ये होने की संभावना है। इसके अलावा जिन लोगों को टाइप 2 डाइबिटीज, हायपोथायरॉइडिज्म या गुर्दे की बीमारी होती हैं, उन्हें भी डिसलिपिडेमिया होने का खतरा होता है।
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डिसलिपिडेमिया का इलाज कैसे होता है?
डिसलिपिडेमिया के लिए कई प्रकार के इलाज उपलब्ध हैं, लेकिन इसका इलाज तब नहीं किया जाता जब तक ये समस्या गंभीर नहीं हो जाती। कुछ मामलों में डिसलिपिडेमिया के इलाज के लिए व्यक्ति की डाइट में बदलाव किए जाते हैं और उन्हें कुछ फैट में घुलनशील विटामिन भी दिए जाते हैं। डिसलिपिडेमिया का उपचार लिपिड के स्तर और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। रोगी को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने के लिए भी कहा जा सकता है, जैसे धूम्रपान बंद करना, व्यायाम करना और इसके अंदरूनी कारणों को ठीक करना। कुछ मामलों में लिपिड के स्तर को कम करने के लिए और दिल की बीमारियों के खतरे को भी घटाने के लिए व्यक्ति को दवाएं दी जा सकती हैं।
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