सिस्टाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?
बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाले सिस्टाइटिस का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। असंक्रामक सिस्टाइटिस का इलाज उसके अंतर्निहित कारणों पर निर्भर करता है।
बैक्टीरिया सिस्टाइटिस का इलाज करना -
बैक्टीरिया के कारण होने वाले सिस्टाइटिस के लिए सबसे पहला उपचार एंटीबायोटिक दवाएं होती हैं। इन दवाओं का उपयोग कितने समय तक करना है ये आपके समस्त स्वास्थ्य और आपके पेशाब में पाए जाने वाले बैक्टीरिया पर निर्भर करता है।
- पहली बार संक्रमण - एंटीबायोटिक दवाओं से सिस्टाइटिस से लक्षणों में एक दिन में ही काफी सुधार दिखाई देता है। हालांकि आपको एंटीबायोटिक तीन दिनों से एक हफ्ते तक या उससे अधिक समय तक लेनी पड़ सकती हैं यह आपके लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। चाहे इलाज कितना भी लंबा चले, यह सुनिश्चित करने के लिए कि संक्रमण पूरी तरह से चला गया है, अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटीबायोटिक दवाओं के कोर्स को अवश्य पूरा करना चाहिए।
- बार-बार संक्रमण होना - यदि आपको बार-बार मूत्र पथ में संक्रमण हो रहा है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का और लंबा उपचार निर्धारित कर सकते हैं या आगे की जांच के लिए आपको किसी ऐसे डॉक्टर के पास भेजेंगे जो मूत्र पथ संबंधी विकारों में विशेषज्ञ हो। इसकी मदद से यह पता लगाया जाता है कि यहीं यूरोलोजिक असामान्यताएं ही संक्रमण का कारण तो नहीं बन रही। कुछ महिलाओं के लिए सेक्स करने के बाद एंटीबायोटिक की एक खुराक लेना भी मददगार हो सकता है।
- अस्पताल से प्राप्त किया गया संक्रमण - अस्पताल से प्राप्त संक्रमण का इलाज करना एक चुनौती हो सकता है। क्योंकि अस्पताल में पाए जाने वाले बैक्टीरिया आमतौर पर उन सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी होते हैं, जिनका उपयोग सामान्य मूत्राशय संक्रमण का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी कारण से, विभिन्न प्रकार की एंटीबायोटिक्स दवाओं और विभिन्न उपचार तरीकों की आवश्यकता हो सकती है।
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रजोनिवृत्ति के बाद महिलाएं विशेष रूप से सिस्टाइटिस के प्रति अतिसंवेदनशील (आसानी से चपेट में आना) हो सकती हैं। उपचार के रूप में डॉक्टर आपको वेजाइनल एस्ट्रोजन क्रीम दे सकते हैं। यदि आप अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ाए बिना इस दवा का उपयोग करने में सक्षम हैं, तो ही डॉक्टर आपके लिए ये क्रीम लिखते हैं।
इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस का इलाज करना -
इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस की स्थिति में सूजन व जलन के कारण का स्पष्ट रूप से पता नहीं होता है, इसलिए इसके लिए अकेला कोई ऐसा इलाज नहीं है जो हर मामले में अच्छा काम कर सकता है। इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस के उपचार में लक्षणों को शांत करना शामिल होता है, जिनमें निम्न शामिल है:
- मुंह द्वारा ली जाने वाली और सीधे ब्लैडर में डाली जाने वाली दवाएं
- प्रक्रियाएं जो आपके ब्लैडर में कुछ तरह के कार्य करके लक्षणों में सुधार करती है जैसे कि पानी या गैस के साथ ब्लैडर को स्ट्रेच करना (Bladder distention) या सर्जरी आदि।
- तंत्रिकाओं को उत्तेजित करना - इस प्रक्रिया में पेल्विक के दर्द और कभी-कभी बार-बार पेशाब आने की समस्या को ठीक करने के लिए हल्की विद्युत आवेगों (Electrical pulses) का उपयोग किया जाता है।
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असंक्रामक सिस्टाइटिस के अन्य प्रकारों का इलाज करना -
यदि आप कुछ विशेष प्रकार के केमिकल या केमिकल वाले प्रोडक्ट से प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं जैसे बबल बाथ या शुक्राणुनाशक आदि। इन उत्पादों का उपयोग ना करने से लक्षणों को शांत करने में मदद मिलती है और आगे ऐसी समस्याएं होने से भी बचाव किया जा सकता है।
कीमोथेरेपी या रेडिएशन थेरेपी की जटिलता के रूप में विकसित हुए सिस्टाइटिस के उपचार में मुख्य रूप से दर्द को शांत करने पर ध्यान दिया जाता है। दर्द को शांत करने के लिए आमतौर पर दवाओं के अलावा मरीज को हाइड्रेट (खूब पानी पिलाना) किया जाता है, ताकि ब्लैडर को उत्तेजित करने वाले पदार्थ पेशाब के साथ बाहर निकल जाए। कीमोथेरेपी से होने वाले सिस्टाइटिस के ज्यादातर मामले कीमोथेरेपी प्रक्रिया खत्म होने के बाद शांत हो जाते हैं।
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