कुशिंग सिंड्रोम क्या होता है?

कुशिंग सिंड्रोम के मामले काफी दुर्लभ होते हैं, यह एक जटिल हार्मोनल स्थिति होती है। यह तब होता है, जब किसी व्यक्ति के कोर्टिसोल (cortisol/ एक प्रकार का हार्मोन) का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसका प्रभाव लगभग पूरे शरीर पर फैल जाता हैं। यह एक गंभीर विकार है, जो घातक हो सकता है।

इसके सबसे सामान्य लक्षण में शामिल हैं, त्वचा की मोटाई बढ़ना, वजन बढ़ना (मोटापा), त्वचा पर निशान या नील पड़ना, हाई बीपी, ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis), शुगर, फूला हुआ चेहरा, कमजोरी और मासिक धर्म में रुकावट (महिलाओं में)।

(और पढ़ें - हाई बीपी में क्या खाएं)

डाइट कर के और एक्सरसाइज कर के थक चुके है और वजन काम नहीं हो पा रहा है तो myUpchar आयुर्वेद मेदारोध फैट बर्नर जूस का उपयोग करे  इसका कोई भी  दुष्प्रभाव नहीं है आज ही आर्डर करे और लाभ उठाये।

जिन लोगों में इसके होने का अधिक खतरा होता है उनमें शामिल है, जो किसी और बीमारी के लिए स्टेरॉयड दवाओं की खुराक लेते हैं जैसे कि अस्थमा या फिर जिनकी पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर है। इन दोनों ही परिस्थितियों में कॉर्टिसोल नामक स्टेरॉयड बहुत अधिक मात्रा में मिलता है। 

कुशिंग सिंड्रोम के उपचार के तहत शरीर में कोर्टिसोल निर्माण की मात्रा को सामान्य किया जाता है और लक्षणों को बेहतर किया जाता है। उपचार जितना जल्दी शुरू होता है, स्वस्थ होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।

(और पढ़ें - अस्थमा का इलाज)

 

कुशिंग सिंड्रोम के प्रकार - Types of Cushing's Syndrome in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम के कितने प्रकार होते हैं?

एक्जोजिनस कुशिंग सिंड्रोम -

कुशिंग सिंड्रोम विकसित करने वाले कारण यदि शरीर के बाहर से आए हैं, तो इस स्थिति को एक्जोजिनियस कुशिंग सिड्रोम कहा जाता है।

एक्जोजिनस कुशिंग सिंड्रोम कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं की अत्यधिक मात्रा का सेवन करने के परिणाम से भी हो सकता है। कोर्टिकोस्टेरॉय दवाएं जैसे प्रेडनिसोन (Prednisone), डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) या डिकाड्रोन (Decadron) और मेथिलप्रेडनीसोलोन (Methylprednisolone)।

जिन लोगों को गठिया, लुपस अस्थमा जैसी बीमारी है या जिनके शरीर का कोई अंग बदला गया हो, उनके लिए प्रभावी इलाज के लिए दवाओं की उच्च खुराक की जरूरत पड़ती है। इससे भी शरीर पर वैसे ही प्रभाव होते हैं जैसे कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ने पर होते हैं।

(और पढ़ें - गठिया का घरेलू उपाय)

इंजेक्शन के रूप में दिए जाने वाले कोर्टिकोस्टेरॉयड का इस्तेमाल जोड़ों में दर्द, पीठ में दर्द और बर्साइटिस के लिए किया जाता है। यह भी कुशिंग सिंड्रोम पैदा कर सकता है।

(और पढ़ें - पीठ दर्द के घरेलू उपाय)

एंडोजिनस कुशिंग सिंड्रोम -

जब कुशिंग सिंड्रोम को विकसित करने वाले कारण शरीर के अंदर से ही पैदा होते हैं, तो उसे एंडोजिनस कुशिंग सिंड्रोम कहा जाता है। उदाहरण के लिए जैसे एड्रीनल ग्रंथि द्वारा अत्यधिक कोर्टिसोल पैदा करना।

कई बार एक ट्यूमर के कारण एड्रीनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन का अधिक उत्पादन होने लगता है (इसको ACTH भी कहा जाता है), यह कोर्टिसोल के निर्माण को नियंत्रित करता है। 

(और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड लक्षण)

एड्रीनल ग्रंथियों के विकार, जैसे कि एक कैंसर मुक्त ट्यूमर के चलते भी कोर्टिसोल का निर्माण की बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - कैंसर का इलाज)

कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण - Cushing's Syndrome Symptoms in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण क्या होते हैं?

कुशिंग सिंड्रोम के लक्षण और संकेत अलग-अलग हो सकते हैं।

सामान्य लक्षण: जिनमें लगातार बढ़ता मोटापा और त्वचा के बदलाव शामिल हैं, जैसे:

  • वजन बढ़ना और मांसल ऊतक इकट्ठा होना, विशेष रूप से पीठ के मध्य और ऊपरी हिस्से में, चेहरे पर, दोनों कंधों के बीच कमर में, जो कि एक कूबड़ की तरह नजर आने लगें। (और पढ़ें - वजन घटाने का नुस्खा)
  • पेट, जांघों, स्तन और बाजूओं की त्वचा पर गुलाबी या हल्के स्ट्रेच के निशान (Striae) (और पढ़ें - स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय)
  • त्वचा का पतला और नाजुक पड़ जाना
  • चोट लगने, कीड़े के काटने और संक्रमण जैसी दिक्कतों का धीरे धीरे ठीक होना। (और पढ़ें -  संक्रमण का इलाज)
  • मुंहासे

(और पढ़ें - मुँहासे का इलाज)

कुशिंग रोग से ग्रसित महिलाएं: जिनको निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

कुशिंग रोग से ग्रसित पुरूष: जिनको निम्न समस्याएं हो सकती हैं:

(और पढ़ें - स्तंभन दोष का इलाज)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आप अस्थमा, गठिया या आंतों में सूजन जैसी बीमारियों के लिए कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं और आपको ऐसे लक्षण व संकेत महसूस हो रहे हैं, जो कुशिंग सिंड्रोम का संकेत देते हैं तो डॉक्टर से बात करें। यहां तक कि अगर आप इन दवाओं का प्रयोग नहीं कर रहे हैं और आपमें एेसे लक्षण है जिनसे इन रोग के होने का संदेह होता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। (और पढ़ें - आंतों में सूजन का इलाज)

कुशिंग सिंड्रोम के कारण - Cushing's Syndrome Causes in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम क्यों होता है?

एक्जोजिनस कुशिंग सिंड्रोम

कुशिंग सिंड्रोम का सबसे सामान्य कारण कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं (जैसे कि प्रेडनिसोन) की उच्च खुराक का लंबे समय तक इसका उपयोग करना होता है। इस तरह के कारणों से होने वाले कुशिंग सिंड्रोम को एक्जोजिनस कुशिंग सिंड्रोम कहा जाता है। अंदरूनी अंग प्रत्यारोपण की रोकथाम या बचाव करने के लिए भी डॉक्टर इन दवाओं को मरीज के लिए लिख सकते हैं। इन दवाओं का प्रयोग सूजन संबंधी रोग जैसे लुपस, गठिया आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है। पीठ दर्द के लिए दिए जाने वाले स्टेयरॉय इंजेक्शन की अधिक खुराक भी कुशिंग सिंड्रोम का कारण बन सकती है।

(और पढ़ें - कमर दर्द के लिए योग)

इनहेलेंट्स के रूप में स्टेरॉयड की कम खुराक, जैसे अस्थमा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा या एक्जिमा आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली क्रीम आदि आम तौर पर कुशिंग सिंड्रोम को विकसित नहीं कर पाते।

(और पढ़ें - एक्जिमा का घरेलू उपाय)

एंडोजिनस कुशिंग सिंड्रोम

एंडोजिनस कुशिंग सिंड्रोम आपके शरीर द्वारा कॉर्टिसोल के अधिक निर्माण करने के कारण होता है, जिसके कारण निम्न हो सकते हैं

  • पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर बहुत अधिक मात्रा में एड्रीनोकोर्टिकोट्रोपिक (Adrenocorticotropic) हार्मोन जारी कर देता है, इसे कुशिंग के रोग (Cushing’s disease) भी कहा जाता है।
  • एक्टोपिक ACTH सिंड्रोम, जो आम तौर पर फेफड़े, अग्न्याशय, थायरॉयड, या थाइमस ग्रंथि में ट्यूमर का कारण होता है। (और पढ़ें - थायराइड के घरेलू उपाय)
  • एड्रीनल ग्रंथि की असामान्यता या ट्यूमर।
  • परिवार में किसी और को कुशिंग संबंधी रोग होना भी एक संभावित कारण है (कुशिंग सिंड्रोम आम तौर पर वंशागत नहीं होता, लेकिन एंडोक्राइन ग्रंथियों में ट्यूमर को विकसित करने की वंशागत प्रवृत्ति हो सकती है)।

(और पढ़ें - थायराइड में क्या खाएं)

कुशिंग सिंड्रोम का खतरा कब बढ़ जाता हैं?

अगर आपका शरीर अधिक मात्रा में कोर्टिसोल का निर्माण कर रहा है, तो आपमें कुशिंग सिंड्रोम विकसित होने के खतरे अधिक हैं। यह विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • तनाव का उच्च स्तर जैसे एक्यूट (तीव्र दर्द) बीमारियां, सर्जरी, चोट, या गर्भावस्था से संबंधित तनाव आदि (विशेष रूप से अंतिम तिमाही में) (और पढ़ें - तनाव कम करने के उपाय)
  • एथलेटिक प्रशिक्षण
  • कुपोषण
  • अधिक शराब पीने से होने वाले रोग (Alcoholism) (और पढ़ें - शराब के नुकसान)
  • तनाव, पेनिक विकार या भावनात्मक तनाव का उच्च स्तर

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

 

कुशिंग सिंड्रोम का निदान - Diagnosis of Cushing's Syndrome in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम का परीक्षण कैसे किया जाता है?

कुशिंग सिंड्रोम कई अलग-अलग कारणों से विकसित होता है। इसका निदान शरीर में कोर्टिसोल स्तर की असामान्यता के आधार पर किया जाता है। निदान के दौरान डॉक्टर शारीरिक जांच करते हैं और पिछली दवाओं और लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर कुछ लेबोरेट्री टेस्ट के ऑर्डर भी दे सकते हैं। जिनमें शामिल हैं,

 (और पढ़ें - एस जी पी टी टेस्ट क्या है)

इस स्थिति का निदान होने के बाद भी, डॉक्टर कोर्टिसोल निर्माण की अधिकता के कारण को पता करते रहते हैं। इसके कारण को निर्धारित करने में मदद करने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं। जैसे कॉर्टिकोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन सिमुलेशन टेस्ट और डेक्सामेथासोन सुप्रैशन की उच्च खुराक टेस्ट। डॉक्टर कुछ इमेंजिंग टेस्ट करवाने का ऑर्डर भी दे सकते हैं, जैसे सीटी स्कैन या एमआरआई स्कैन आदि।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

कुशिंग सिंड्रोम का उपचार - Cushing's Syndrome Treatment in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम का उपचार कैसे किया जाता है?

उपचार का मुख्य लक्ष्य कोर्टिसोल के बढ़े हुए स्तर को घटाना होता है, लेकिन उपचार के प्रकार कई कारकों पर निर्भर करते हैं। जिसमें सिंड्रोम के कारण भी शामिल होते हैं।

अगर सिंड्रोम का कारण अस्थमा, गठिया या अन्य किसी स्थिति के इलाज के लिए कॉर्टिकोस्टिरॉइड का इस्तेमाल करना है। तो डॉक्टर इस दवा की खुराक को कम कर सकते हैं या इसको किसी अन्य नॉन-कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं के साथ बदल सकते हैं।

(और पढ़ें - गठिया का आयुर्वेदिक इलाज)

डॉक्टर की देखरेख के बिना मरीज को कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाओं कि खुराक कम नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके कारण कोर्टिसोल स्तर में खतरनाक तरीके से कमी आ सकती है।

ट्यूमर को सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, पिट्यूटरी ग्रंथि के ट्यूमर को रोगी की नाक के माध्यम से निकाला जाता है। एड्रीनल ग्रंथि, अग्न्याशय या फेफड़ों में ट्यूमर को नियमित सर्जरी या कीहोल सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

(और पढ़ें - ब्रेन ट्यूमर का इलाज)

सर्जरी के बाद मरीज को कोर्टिसोल की वैकल्पिक दवाएं लेने की जरूरत पड़ती है, जब तक कि हार्मोन का उत्पादन सामान्य ना हो जाए। 

ट्यूमर को निकालने के लिए रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल उपचार के एक भाग के रूप में किया जा सकता है। यदि ट्यूमर कैंसर ग्रस्त है, तो कीमोथेरेपी (Chemotherapy) भी अनिवार्य हो सकती है, उदाहरण के लिए फेफड़ों में कैंसर ग्रस्त ट्यूमर।

(और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)

दवाएं जैसे कीटोकॉनेजॉल (Nizoral), माइटोटैने (Lysodren) और मेटीरापॉन (Metopirone) आदि कोर्टिसोल के अधिक निर्माण को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

यदि ट्यूमर के कारण हार्मोन निर्माण में कमी हुई है, तो डॉक्टर हार्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी (HRT) का सुझाव दे सकते हैं।

अगर कोई और उपचार काम ना करें तो, एड्रीनल ग्रंथि को सर्जरी द्वारा निकालना भी पड़ सकता है।

(और पढ़ें - सर्जरी से पहले की तैयारी)

कुशिंग सिंड्रोम के जोखिम और जटिलताएं - Cushing's Syndrome Risks & Complications in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम में क्या जटिलताएं हो सकती हैं?

अगर कुशिंग सिंड्रोम का शीघ्र उपचार ना किया जाए तो, निम्न जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं:

हड्डी मे क्षति (ऑस्टियोपोरोसिस), जिसके कारण हड्डी में असामान्य फ्रैक्चर हो सकता है। जैसे रिब फ्रैक्चर और पैरों की हड्डियों में फ्रैक्चर। (और पढ़ें - हड्डी टूटने के लक्षण)

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द का इलाज)

 

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

कुशिंग सिंड्रोम में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Cushing's Syndrome in Hindi?

कुशिंग सिंड्रोम होने पर क्या खाना चाहिए?

अच्छी तरह से भोजन करना, कुशिंग के रोगियों के जीवन का एक बहुत जरूरी हिस्सा होता है। स्वस्थ आहार इस रोग के कुछ लक्षणों को बंद तथा कुछ को कम कर सकता है। कैल्शियम और विटामिन डी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करके अपनी हड्डियों को बचाएं। सोडियम और वसायुक्त भोजन के सेवन को सिमित करें। पोषण विशेषज्ञ (Nutritionist) यह सुनिश्चित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं कि आप सही पोषक तत्वों को पर्याप्त रूप से प्राप्त कर रहे हैं या नहीं। 

(और पढ़ें - संतुलित आहार किसे कहते है)

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

कुशिंग सिंड्रोम की दवा - OTC medicines for Cushing's Syndrome in Hindi

कुशिंग सिंड्रोम के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Manav Herbals Hite sudha powder+tablet Combo 120gmएक कॉम्बो पैक में 120 gm किट899.0
और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें