चांडलर सिंड्रोम क्या है?
चांडलर सिंड्रोम आंख संबंधी एक गंभीर रोग होता है। इस रोग से आंख की पुतली में कुछ प्रकार की असामान्यताएं हो जाती हैं। इस रूप में आंख में ग्लूकोमा जैसे रोग विकसित हो जाते हैं और आंख के कोर्निया में गंभीर रूप से सूजन आ जाती है। चांडलर सिंड्रोम में होने वाला ग्लूकोमा आंख संबंधी अन्य रोगों में होने वाले ग्लूकोमा के मुकाबले कम गंभीर होता है।
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चांडलर सिंड्रोम के क्या लक्षण है?
इस रोग में कोर्निया की कोशिकओं की संख्या तेजी से बढ़ने लग जाती है। इस स्थिति में कोर्निया में सूजन आ जाती है और आंख की पुतली की आकृति आसामान्य हो जाती है। इसके अलावा चांडलर सिंड्रोम में ग्लूकोमा के लक्षण भी विकसित हो जाते हैं।
चांडलर सिंड्रोम में अक्सर देखे जाने वाले लक्षण जैसे:
- कोर्निया में सूजन (और पढ़ें - आंखों की सूजन के घरेलू उपाय)
- धुंधला दिखाई देना
- आंख के अंदर तेज दबाव होना (जिससे ग्लूकोमा उभरने लग जाता है)
- आंख में दर्द होना
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चांडलर सिंड्रोम क्यों होता है?
चांडलर सिंड्रोम के सटीक कारण के बारे में अभी तक पता नहीं चला है। कुछ शोधकर्ताओं को ऐसा लगता है, कि लंबे समय से आंख में सूजन या वायरल इन्फेक्शन के कारण चांडलर सिंड्रोम विकसित हो सकता है। पीसीआर (polymerase chain reaction) के दौरान चांडलर सिंड्रोम से ग्रस्त लोगों के कोर्निया के सेंपल में हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस के डीएनए भी पाए जा चुके हैं।
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चांडलर सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है?
चांडलर सिंड्रोम की जांच निम्न तरीकों से की जा सकती है:
- मरीज का शारीरिक परीक्षण करना और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थिति के बारे में पता करना
- आंखों के विशेषज्ञों से आंख की पूरी तरह से जांच करवाना
- स्पेक्युलर माइक्रोस्कोपी, इस टेस्ट का इस्तेमाल अक्सर कोर्निया संबंधी असामान्यताओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
चांडलर सिंड्रोम को बढ़ने से रोक पाना संभव नहीं है, लेकिन कुछ प्रकार की दवाओं व आई फिल्टरींग ऑपरेशन की मदद से इस रोग के साथ होने वाली ग्लूकोमा जैसी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।
कुछ प्रकार की आईड्रॉप दवाएं हैं जिनकी मदद से आंख के अंदर के द्रव को निकाला जाता है। ऐसा होने पर आंख के अंदर का दबाव कम हो जाता है। ग्लूकोमा का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं का चुनाव उनके अंदर की सामग्री पर निर्भर करता है।
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