कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया है। इस दौरान घर के बाहर निकलने पर पाबंदी होती है। लोगों को अधिक से अधिक समय घर के भीतर ही बिताना होता है। घर में रहकर आप कोरोना वायरस के खतरे को कम कर सकते हैं, लेकिन जाने-अनजाने एक और खतरा आपको घेर सकता है। वह खतरा है केबिन फीवर का। आज हम आपको केबिन फीवर के बारे में बताएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि अगर आपमें इसके लक्षण नजर आते हैं तो स्वयं को इससे कैसे बचाया जा सकता है।
केबिन फीवर के बारे में न तो अभी तक ज्यादातर लोगों को पता है न ही इसका कोई खास निदान खोजा जा सका है। हालांकि, इसके लक्षण भी सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) और क्लस्ट्रोफोबिया से जुड़े हैं। लंबे समय तक यात्रा करने वाले जहाजों के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों द्वारा इसका अनुभव किया गया। बाद में इसे हवाईजहाज से लंबी यात्रा करने वाले लोगों में भी देखा गया। कुछ मामलों में खराब मौसम के चलते, कर्फ्यू और आपात स्थितियों के दौरान घर में फंसे लोगों में भी ऐसे लक्षण देखने को मिले हैं।
क्या है कबिन फीवर
मुख्यरूप से ज्यादा वक्त तक समाज और दुनिया से दूर रहने की स्थिति में यह समस्या जन्म लेती है। इस दौरान इंसान चिड़चिड़ापन, उदासी या अवसाद, निराशा आदि की अनुभूति करता है। हालांकि, इस समस्या से ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं होती है। कुछ उपायों को अपनाकर इस पर काबू पाया जा सकता हैं। दोबारा जब आप बाहरी दुनिया के लोगों के संपर्क में आने लगते हैं तो यह समस्या अपने आप ठीक होने लगती है।