ब्लड क्लॉट, खून का एक थक्का होता है जिसमें खून अपने तरल रूप की जगह जेल की तरह या अर्धठोस स्थिति में बदल जाता है। वैसे तो खून का थक्का जमना एक आवश्यक प्रक्रिया है जो आपको चोट लगने, कटने या घायल होने पर बहुत अधिक खून बहने से रोक सकती है। ब्लड क्लॉटिंग या खून का थक्का जमने से संबंधित विकार एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें शरीर के अंदर मौजूद नसों या रक्त वाहिकाओं के अंदर ही खून का थक्का जमने लगता है। इस तरह का खून का थक्का हमेशा ही अपने आप या प्राकृतिक रूप से घुलकर वापस खून में परिवर्तित नहीं होता। इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। 

आमतौर पर एक ऐसा रक्त का थक्का जो गतिहीन नहीं है उससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इस बात की आशंका भी बनी रहती है कि यह थक्का गतिशील होकर खतरनाक बन जाए। यदि इस तरह का कोई खून का थक्का टूटकर नसों के माध्यम से हृदय, फेफड़े या ब्रेन तक पहुंच जाए तो यह इन अंगों में जाकर अटक सकता है और रक्त के प्रवाह को रोक सकता है। ऐसा होने पर आपातकालीन चिकित्सीय मदद की स्थिति बन जाती है।

(और पढ़ें - खून बहना बंद कैसे करें)

खून का थक्का जमने से संबंधित बीमारी एक और तरह की हो सकती है जिसमें चोट लगने या त्वचा या मांसपेशियों के कटने पर खून का थक्का नहीं जमता और लंबे समय तक लगातार खून बहना जारी रहता है। अगर अंदरूनी अंगों के अंदर बहुत देर तक ब्लीडिंग जारी रहे तो इस कारण भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन सकती है।

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार के प्रकार - Types of Blood Clotting Disorders in Hindi

जैसा कि पहले ही ऊपर बताया जा चुका है कि खून का थक्का जमने से संबंधित विकार 2 तरह का होता है। पहला- जिसमें लगातार खून बहना जारी रहता है और खून का थक्का नहीं जमता और दूसरा- अप्रत्याशित तरीके से खून का थक्का जमना या थ्रॉम्बोसिस की समस्या जो आपकी नसों या धमनियों में हो सकती है। 

ब्लीडिंग या रक्तस्राव संबंधी कुछ विकार जैसे- हीमोफीलिया, माता-पिता से विरासत में मिलते हैं जबकि बाकी बीमारियां एनीमिया, लिवर सिरोसिस, एचआईवी, ल्यूकेमिया और विटामिन के की कमी जैसी स्थितियों के कारण से हो सकती हैं। रक्तस्त्राव से जुड़ी कुछ बीमारियां खून को पतला करने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट के परिणामस्वरूप भी हो सकती हैं। इन दवाइयों के कारण खून इतना पतला हो जाता है कि वह थक्का नहीं जमा पाता। (और पढ़ें- खून का पतला होना)

खून का थक्का जमने से जुड़ी बीमारी भी कई प्रकार की होती है, जैसे:

  • डीवीटी : डीप वेन थ्रॉम्बोसिस जैसा कि नाम से पता चल रहा है इसमें आपके शरीर की गहरी नसों में से एक में थक्का बनता है। आमतौर पर डीवीटी की समस्या पैरों में होती है लेकिन बाहों में, श्रोणि में, फेफड़े या आपके मस्तिष्क में भी हो सकता है।
  • पैर या बांह में थक्का जमना : रक्त का थक्का बनने के लिए सबसे आम जगह आपके पैरों का निचला हिस्सा है
  • हृदय में थक्का जमना : हृदय में खून का थक्का बनने से हार्ट अटैक होता है। हृदय, रक्त का थक्के जमने के लिए एक आम स्थान नहीं है, लेकिन फिर भी यह हो सकता है।
  • मस्तिष्क में थक्का जमना : ब्रेन या मस्तिष्क में होने वाले ब्लड क्लॉट को ही स्ट्रोक भी कहा जाता है।
  • फेफड़ों में थक्का जमना : खून का थक्का जो गतिशील हो और यात्रा कर फेफड़ों तक पहुंच जाए तो ऐसी स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज्म कहते हैं।

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार के लक्षण - Blood Clotting Disorders Symptoms in Hindi

ब्लीडिंग या रक्तस्त्राव से जुड़े लक्षण

  • छोटा सा कट लगने पर भी बहुत आसानी से और बहुत ज्यादा खून बहना
  • बड़ी आसानी से खरोंच लग जाना
  • नियमित रूप से नाक से खून आना
  • मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा रक्तस्त्राव
  • मूत्र या मल में खून आना
  • बिना किसी चोट के शरीर के जोड़ों में रक्तस्त्राव 

खून का थक्का जमने से जुड़ी बीमारी के लक्षण और संकेत
थक्का जमने से जुड़ी बीमारियों को हाइपरकोऐगुलेबल स्टेट भी कहते हैं। इसके निम्नलिखित लक्षण हैं:

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार के कारण - Blood Clotting Disorders Causes in Hindi

खून का थक्का जमने की जो क्रियावधी है उसमें खून के प्लेटलेट्स, थक्का जमाने वाले कारक और प्रोटीन शामिल होता है। इसलिए खून का थक्का जमने से जुड़ी बीमारी में खून के इन तत्वों में से किसी में भी अनियमितता होना शामिल है। खून का थक्का जमने की बीमारी या हाइपरकोऐगुलेबल स्टेट की समस्या विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे:

  • कैंसर
  • कीमोथेरेपी एजेंट जैसे - टैमॉक्सिफेन, थैलिडोमाइड आदि
  • जलना, सर्जरी या किसी और तरह की चोट या आघात
  • प्रेगनेंसी
  • मोटापा

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार से बचाव - Prevention of Blood Clotting Disorders in Hindi

अमेरिकन सोसायटी ऑफ हेमैटोलॉजी की मानें तो खून से जुड़ी बीमारियों में खून का थक्का एक ऐसी समस्या है जिसे होने से रोका जा सकता है। कुछ लोगों में यह समस्या आनुवांशिक होती है। लेकिन जीवनशैली से जुड़े कुछ बदलाव करके किसी व्यक्ति में खून का थक्का विकसित होने के खतरे को कुछ हद तक कम जरूर किया जा सकता है:

  • बहुत टाइट कपड़े पहनने की बजाए थोड़े ढीले कपड़े पहनें खासकर शरीर के निचले हिस्से में
  • अगर संभव हो तो धूम्रपान की आदत छोड़ दें
  • तरल पदार्थों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें
  • नमक का कम सेवन करें
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
  • शरीर का स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • शरीर की पोजिशन को बदलते रहें खासकर किसी लंबी यात्रा के दौरान
  • एक बार में एक घंटे से ज्यादा न तो खड़े रहें न एक ही पोजिशन में बैठे रहें
  • पैर पर पैर चढ़ाकर बैठने से बचें

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खून का थक्का जमने से संबंधित विकार का परीक्षण - Diagnosis of Blood Clotting Disorders in Hindi

आमतौर पर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री और सावधानीपूर्वक उसकी चिकित्सीय जांच करके खून का थक्का जमने से जुड़ी बीमारियों को डायग्नोज किया जाता है। हालांकि कुछ ब्लड टेस्ट भी किए जाते हैं ताकि इन बीमारियों के कारणों का पता लगाया जा सके। वे टेस्ट हैं :

  • कम्प्लीट ब्लड काउंट टेस्ट- खून में प्लेटलेट्स का कम लेवल थक्का जमने से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है
  • रक्तस्त्राव का समय और थक्का जमने का समय- रक्तस्त्राव और थक्का जमने के समय की अगर पहचान कर ली जाए तो समस्या किस प्रकार की है इसकी पहचान करना आसान हो जाता है। (हालांकि अब यह टेस्ट प्रचलन से बाहर हो गया है क्योंकि प्रोथ्रॉम्बिन टाइम और ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रॉम्बोप्लास्टिन टाइम ने इस टेस्ट की जगह ले ली है।)
  • प्रोथ्रॉम्बिन टाइम (पीटी)- आमतौर पर इसे आंतरिक सामान्य रेशियो (आइएनआर) के लेवल से कैल्कुलेट किया जाता है जिससे खून का थक्का जमने के समय का निर्धारण किया जाता है।
  • ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रॉम्बोप्लास्टिन टाइम (एपीटीटी)- यह खून का थक्का जमने के समय की पहचान करने में मदद करता है।
  • इसके अलावा भी कुछ खास तरह के टेस्ट किए जाते हैं जैसे- प्रोटीन सी ऐक्टिविटी, प्रोटीन एस ऐक्टिविटी और ऐंटी-थ्रॉम्बिन ऐक्टिविटी आदि।

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार का इलाज - Blood Clotting Disorders Treatment in Hindi

खून का थक्का जमने से जुड़ी बीमारी किस कारण से हुई है इसके आधार पर ही बीमारी का इलाज किया जाता है। इसके अलावा खून का थक्का शरीर के किस हिस्से में बना है और मरीज की ओवरऑल सेहत कैसी है इसके आधार पर भी इलाज क्या होगा, यह निर्भर करता है। इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाइयां निम्नलिखित हैं :

  • ऐंटी-प्लेटलेट कारक- ऐस्पिरिन और क्लोपिडॉगरेल जैसी दवाइयां जो प्लेटलेट्स के जमाव और थक्का जमने को कम करती हैं
  • ऐंटीकौग्यूलेंट्स- वॉरफैरिन, हेपारिन, लो मॉलिक्यूलर वेट हेपारिन (एलएमडब्यूएच) और फॉन्डापैरिनक्स जैसी दवाइयां जो खून के गाढ़ा होने और जमाव को रोकती हैं और हाइपरकौग्यूलेबल स्टेट यानी बहुत ज्यादा थक्का जमने की स्थिति का इलाज करती हैं।
  • विटामिन के सप्लिमेंट्स- शरीर में विटामिन के की कमी होने पर भी थक्का जमने की समस्या हो सकती है इसलिए विटामिन के सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है।
  • खून चढ़ाना या प्लेटलेट्स चढ़ाना- यदि मरीज के खून में प्लेटलेट्स की कमी हो तो ब्लड प्लेटलेट्स चढ़ाने से रक्तस्त्राव से जुड़ी समस्याएं दूर करने में मदद मिलती है।
  • फैक्टर रिप्लेसमेंट थेरेपी- हेमोफीलिया के इलाज में मददगार।
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खून का थक्का जमने से संबंधित विकार के जोखिम और जटिलताएं - Blood Clotting Disorders Risks & Complications in Hindi

कई ऐसे जोखिम कारक भी हैं जो किसी व्यक्ति को खून का थक्का जमने के खतरे को बढ़ा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़े या फिर उस व्यक्ति की कोई बड़ी सर्जरी हुई हो तो इस कारण भी ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कुछ सामान्य कारण भी हैं जो खून का थक्का जमने के खतरे को मध्यम स्तर तक बढ़ा सकते हैं:

  • अगर व्यक्ति की उम्र 65 साल से अधिक हो
  • लंबी दूरी की यात्रा खासकर ऐसी ट्रिप जिसमें आपको एक ही जगह पर 4 घंटे या इससे अधिक समय तक बैठना पड़ा हो
  • किसी बीमारी की वजह से बेड रेस्ट हो या लंबे समय तक असक्रिय जीवनशैली रही हो
  • मोटापा
  • गर्भावस्था
  • अगर परिवार में किसी को ब्लड क्लॉट की समस्या रही हो
  • धूम्रपान की आदत
  • कैंसर
  • कुछ गर्भनिरोधक गोलियां (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान)

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार की दवा - OTC medicines for Blood Clotting Disorders in Hindi

खून का थक्का जमने से संबंधित विकार के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Prax 10 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट324.33
Lupi D3 60 K Chewable Tabletएक पत्ते में 4 टैबलेट105.149
Dabigza 150 Mg Capsuleएक पत्ते में 10 कैप्सूल264.0
Gemcal DS Soft Gelatin Capsule (15)एक पत्ते में 15 कैप्सूल400.09
Preva AS 150 Tabletएक पत्ते में 15 टैबलेट81.23
Planet Ayurveda Gotu Kola Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल1215.0
Biogetica Core Immunity Kit (ImmunoFree+Reginmune-30)एक बोतल में 1 किट1803.1
Prasudoc 10 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट221.45
Prax 5 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट143.64
Himalaya Lasuna Tablet (60)एक बोतल में 60 टैबलेट228.0
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