ब्लड क्लॉट, खून का एक थक्का होता है जिसमें खून अपने तरल रूप की जगह जेल की तरह या अर्धठोस स्थिति में बदल जाता है। वैसे तो खून का थक्का जमना एक आवश्यक प्रक्रिया है जो आपको चोट लगने, कटने या घायल होने पर बहुत अधिक खून बहने से रोक सकती है। ब्लड क्लॉटिंग या खून का थक्का जमने से संबंधित विकार एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें शरीर के अंदर मौजूद नसों या रक्त वाहिकाओं के अंदर ही खून का थक्का जमने लगता है। इस तरह का खून का थक्का हमेशा ही अपने आप या प्राकृतिक रूप से घुलकर वापस खून में परिवर्तित नहीं होता। इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है।
आमतौर पर एक ऐसा रक्त का थक्का जो गतिहीन नहीं है उससे आपके शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन इस बात की आशंका भी बनी रहती है कि यह थक्का गतिशील होकर खतरनाक बन जाए। यदि इस तरह का कोई खून का थक्का टूटकर नसों के माध्यम से हृदय, फेफड़े या ब्रेन तक पहुंच जाए तो यह इन अंगों में जाकर अटक सकता है और रक्त के प्रवाह को रोक सकता है। ऐसा होने पर आपातकालीन चिकित्सीय मदद की स्थिति बन जाती है।
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खून का थक्का जमने से संबंधित बीमारी एक और तरह की हो सकती है जिसमें चोट लगने या त्वचा या मांसपेशियों के कटने पर खून का थक्का नहीं जमता और लंबे समय तक लगातार खून बहना जारी रहता है। अगर अंदरूनी अंगों के अंदर बहुत देर तक ब्लीडिंग जारी रहे तो इस कारण भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन सकती है।