बिस्तर गीला करना - Bedwetting in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

October 07, 2018

December 18, 2023

बिस्तर गीला करना
बिस्तर गीला करना

बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) क्या है?

सोते समय अनैच्छिक रूप से मूत्र का निकलना (मूत्र असंयम) को बिस्तर गीला करना (बेड वेटिंग) कहते हैं।

बेड वेटिंग को चिकित्सकीय भाषा में "रात्रिकालीन निरंकुश शैय्या मूत्र" कहा जाता है।

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में बिस्तर गीला करने की दोगुनी संभावनाएं होती है।

बेड वेटिंग के दो प्रकार हो सकते हैं –

  • प्राथमिक एनुरेसिस – बचपन से बिस्तर गीला करना। 

  • माध्यमिक एनुरेसिस – कम से कम छह महीने लगातार रात में बिना बिस्तर गीला किये बिताने के बाद यह बीमारी उत्पन्न होना। 

बचपन से बिस्तर गीला करना प्राथमिक बेड वेटिंग (Bedwetting) कहलाता है। प्राथमिक बेड वेटिंग तंत्रिका तंत्र (nervous system) के देर से परिपक्व होने की वजह से होता है। यह मूत्राशय द्वारा सोये हुए मस्तिष्क को भेजे गए संदेशों को पहचानने में होने वाली असमर्थता है।

प्राथमिक बेड वेटिंग के लिए इलाज है - बच्चे को थोड़े-थोड़े समय बाद पेशाब कराने ले जाएं।

चिकित्सकीय और व्यावहारिक विकल्पों सहित कई व्यवधान हैं।

कम से कम छह महीनों के लिए रात में सूखा रहने के बाद बिस्तर गीला करना शुरू होना माध्यमिक बेड वेटिंग कहलाता है। यह मूत्र संक्रमण, मधुमेह और अन्य चिकित्सकीय स्थितियों के कारण होता  है।

बच्चे को दिए जाने वाले शौच प्रशिक्षण के दौरान उसके द्वारा बिस्तर गीला करना एक ख़राब लक्षण नहीं है। यह अक्सर बच्चे के विकास का सिर्फ एक सामान्य हिस्सा होता है। सभी प्रकार के बेड वेटिंग का प्रबंधन किया जा सकता है। मार्गदर्शन के लिए हमेशा बच्चे के चिकित्सक से बात करें।

(और पढ़ें - मूत्र असंयमिता का इलाज)

 

बिस्तर गीला करने के प्रकार - Types of Bedwetting in Hindi

बिस्तर गीला करने के प्रकार क्या है?

बिस्तर गीला करने के दो प्रकार हैं –

  • प्राथमिक - प्राथमिक बेड वेटिंग का अर्थ है कि बचपन से ही बच्चा निरंतर रूप से बिस्तर गीला करता है। प्राथमिक बेड वेटिंग से ग्रस्त एक बच्चा रात में किसी भी अवधि के लिए कभी सूखा नहीं रहता है।
  • माध्यमिक - माध्यमिक बेड वेटिंग में बच्चा रात में कम से कम 6 महीने की अवधि के लिए बिस्तर गीला नहीं करता है, लेकिन उसके बाद ये समस्या शुरू हो जाती है। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में बार बार पेशाब आने के कारण)

बिस्तर गीला करने के लक्षण - Bedwetting Symptoms in Hindi

बिस्तर गीला करने के लक्षण क्या हैं?

ज्यादातर लोग जिन्हें बिस्तर गीला करने की बीमारी होती है, वे ऐसा सिर्फ रात में करते हैं। रात में बिस्तर को गीला करने के अलावा उनमें अन्य कोई लक्षण नहीं होते हैं।

अन्य लक्षण मनोवैज्ञानिक कारणों या तंत्रिका तंत्र या गुर्दे से संबंधित समस्याओं की और संकेत कर सकते हैं और परिवार या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को सचेत करते हैं कि यह लक्षण नियमित बिस्तर गीला करने से अधिक कुछ हो सकता है।

  • दिन में गीला होना। 
  • पेशाब का बार-बार अत्यधिक मात्रा में आना या पेशाब करते समय जलन होना। (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के उपाय)
  • पेशाब करते समय तनाव, पेशाब का टपकना (मूत्र विसर्जन के बाद) या अन्य असामान्य लक्षण होना। 
  • मटमैला या गुलाबी मूत्र या जांघिया अथवा पाजामे पर खून के दाग। 
  • सोइलिंग (गंदा करना), मल त्यागने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में असमर्थ (जिसे मल असंयम या एन्कोपैसिस कहा जाता है) होने के कारण। (और पढ़ें - स्टूल टेस्ट क्या है)
  • कब्ज

(और पढ़ें - कब्ज दूर करने के उपाय)

बिस्तर गीला करने के कारण - Bedwetting Causes in Hindi

बिस्तर गीला करने के कारण क्या हैं?

कोई भी यह सुनिश्चित रूप से नहीं जानता कि बिस्तर गीला करना किन कारणों से होता है, लेकिन इसमें विभिन्न कारक भूमिका निभा सकते हैं –

  • एक छोटा मूत्राशय:
    हो सकता है कि आपके बच्चे का मूत्राशय इतना विकसित नहीं हुआ हो, जिसमें रात्रि के दौरान उत्पादित मूत्र समा सके।
     
  • भरे हुए मूत्राशय को पहचानने में असमर्थता:
    यदि मूत्राशय को नियंत्रित करने वाली तंत्रिकाएं (nerves) धीमी गति से परिपक्व होती हैं, तो एक पूर्ण मूत्राशय (full bladder) आपके बच्चे को सचेत नहीं कर पाता है, खासकर अगर आपका बच्चा गहरी नींद में सोता है। (और पढ़ें - ज्यादा नींद आने का इलाज)
     
  • हार्मोन असंतुलन:
    बचपन में कुछ बच्चे रात के समय मूत्र उत्पादन की प्रक्रिया को धीमा करने वाले एंटी- ड्यूरेटिक हार्मोन (एडीएच) का पर्याप्त उत्पादन नहीं करते हैं। (और पढ़ें - हार्मोन असंतुलन का इलाज)
     
  • तनाव:
    तनावपूर्ण घटनाएं, जैसे – बड़ा भाई या बहन बनना, नए स्कूल में जाना शुरू करना या किसी दूसरे और नए घर में सोने के कारण बिस्तर गीला करने की समस्या शुरू हो सकती है। (और पढ़ें - तनाव का इलाज)
     
  • मूत्र मार्ग संक्रमण:
    इस मूत्र मार्ग संक्रमण के चलते आपके बच्चे के लिए पेशाब को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। (और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के उपाय)
     
  • स्लीप एप्निया:
    कभी-कभी बिस्तर गीला करना बाधक निंद्रा अश्वसन (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया) का लक्षण होता है। यह ऐसी स्थिति है, जिसमें सूजे हुए टॉन्सिल्स या एडेनोइड्स के कारण सोते समय बच्चे की श्वास बाधित होती है। (और पढ़ें - स्लीप एप्निया का इलाज)
     
  • मधुमेह:
    आमतौर पर रात में सूखा रहने वाले एक बच्चे के लिए बिस्तर गीला करना मधुमेह का पहला संकेत हो सकता है। अन्य संकेतों और लक्षणों में - एक ही बार में मूत्र की अत्यधिक मात्रा का निकलना, अधिक प्यास लगना, थकान और उचित मात्रा में भोजन खाने के बावजूद वजन घटना शामिल हो सकते हैं। (और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक इलाज)
     
  • क्रोनिक (दीर्घकालिक) कब्ज:
    समान मांसपेशियां मूत्र और मल निष्कासन को नियंत्रित करती हैं। जब कब्ज दीर्घकालिक होता है तो ये इन मांसपेशियों को बेकार कर सकता है, जिससे रात में बिस्तर गीला करने की समस्या उत्पन्न होती है। (और पढ़ें - कब्ज में परहेज)
     
  • मूत्र पथ या तंत्रिका तंत्र में संरचनात्मक समस्या:
    ऐसा दुर्लभ मामलों में ही देखा जाता है कि बिस्तर गीला करना बच्चे की न्यूरोलॉजिकल प्रणाली या मूत्र प्रणाली के दोष से संबंधित होता है। (और पढ़ें - ब्लैडर इन्फेक्शन का इलाज)

बिस्तर गीला करने से बचाव - Prevention of Bedwetting in Hindi

बिस्तर गीला करने से बचाव कैसे होता हैं?

यहां कुछ परिवर्तनों के बारे में बताया गया है, जो आप घर पर कर सकते हैं। ये आपकी मदद कर सकते हैं –

  • शाम को बच्चे के तरल पदार्थों के सेवन को सीमित करें:
    पर्याप्त तरल पदार्थ ग्रहण करना महत्वपूर्ण है, इसलिए आपका बच्चा एक दिन में कितना तरल पीता है, यह सीमित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि अपने बच्चे को सुबह और दोपहर में ज़्यादा तरल पदार्थ पिलाने  पर ध्यान दें, जिससे उसे शाम को ज़्यादा प्यास न लगे। लेकिन यदि आपका बच्चा शाम को खेल का अभ्यास करता है या खेलों में भाग लेता है, तो उसके शाम के तरल पदार्थों को सीमित न करें।
     
  • कैफीनयुक्त पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों से बचें:
    कैफीनयुक्त पेय पदार्थों को दिन के किसी भी समय बच्चों को देने से बचें, क्योंकि कैफीन मूत्राशय को उत्तेजित कर सकता है। एेसे में शाम को तो इसे देने से बिल्कुल परहेज किया जाना चाहिए। (और पढ़ें - कॉफी पीने के फायदे)
     
  • सोने से पहले दोहरे मूत्र त्याग (डबल वॉइडिंग) को प्रोत्साहित करें:
    नियमित रूप से बिस्तर पर जाने से पहले मूत्र त्यागना और सोने से पहले एक बार फिर पेशाब करना डबल वॉइडिंग कहलाता है। अपने बच्चे को याद दिलाएं कि यदि आवश्यक हो, तो रात में शौचालय का उपयोग करना ठीक है। रात को कमरे में हलकी रोशनी रखें, ताकि आपका बच्चा आसानी से बेडरूम और बाथरूम का रास्ता ढूँढ सके। (और पढ़ें - गर्भावस्था में यूरिन इन्फेक्शन का इलाज)
     
  • दिनभर नियमित रूप से शौचालय के उपयोग को प्रोत्साहित करें:
    दिन और शाम के दौरान अपने बच्चे को हर दो घंटे में या उससे अधिक समय में पेशाब करने की सलाह दें, जिससे बच्चा अक्सर तत्काल मूत्र त्यागने की आवश्यकता से बच सके। (और पढ़ें - प्रोस्टेट बढ़ने का इलाज)
     
  • कब्ज का इलाज:
    यदि आपके बच्चे को कब्ज की समस्या है, तो आपके डॉक्टर एक स्टूल सॉफ्टनर (मल को मुलायम बनाने वाली दवा) की सलाह दे सकते हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में कब्ज का इलाज)
     
  • चकत्तों को रोकें:
    गीले जांघिया के कारण होने वाले चकत्तों को रोकने के लिए हर सुबह अपने बच्चे के नितम्बों और जननांगों को धोकर साफ करने में उनकी मदद करें। सोते समय प्रभावित हिस्सों में नमी से सुरक्षा करने वाली मरहम या क्रीम लगाने से भी इन्हें ठीक करने में मदद मिल सकती है। (और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते का इलाज)

बिस्तर गीला करने का निदान - Diagnosis of Bedwetting in Hindi

बिस्तर गीला करने का निदान कैसे होता है?

आपके बच्चे को शारीरिक परीक्षण की आवश्यकता होगी। परिस्थितियों के आधार पर आपके डॉक्टर निम्न सुझाव दे सकते हैं -

  • संक्रमण या मधुमेह के लक्षणों की जांच के लिए मूत्र परीक्षण। (और पढ़ें - डायबिटीज में क्या खाना चाहिए)
     
  • गुर्दों या मूत्राशय के एक्सरे या अन्य इमेजिंग परीक्षण किए जा सकते हैं, यदि डॉक्टर को आपके बच्चे के मूत्र पथ की संरचना से संबंधित किसी समस्या या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के होने की संभावना है। (और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)
  • अन्य प्रकार के परीक्षण या मूल्यांकन, यदि अन्य स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर संदेह है।

(और पढ़ें - सीटी स्कैन क्या है)

डायबिटीज को बढ़ने से रोके myUpchar Ayurveda डायबिटीज टैबलेट का इस्तेमाल करे और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

 

Karela Jamun Juice
₹499  ₹549  9% छूट
खरीदें

बिस्तर गीला करने का इलाज - Bedwetting Treatment in Hindi

बिस्तर गीला करना का उपचार कैसे होता है?

अधिकांश बच्चे बिस्तर गीला करना अपने आप छोड़ देते हैं। यदि बिस्तर गीला करने का एक पारिवारिक इतिहास है, तो संभवतः बच्चा उसी उम्र के आसपास बिस्तर गीला करना बंद करेगा, जिस उम्र में माता-पिता ने बंद किया था।
अगर आपका बच्चा कभी-कभी रात को बिस्तर गीला करने के बाद विशेष रूप से परेशान या शर्मिंदा नहीं होता है, तो पारंपरिक घरेलू उपचार अच्छी तरह से काम कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपका छोटा बच्चा सोने के दौरान बिस्तर को गीला करने के बारे में डरता है, तो वह अतिरिक्त उपचार का इस्तेमाल करने के लिए अधिक प्रेरित हो सकता है। बच्चे और माता-पिता की प्रेरणा उपचार के चयन और इसकी सफलता पर प्रभाव डाल सकती है।

अगर बेड वेटिंग के अन्तर्निहित कारण, जैसे – कब्ज या स्लीप एप्निया पाए जाते हैं, तो अन्य उपचार करने से पहले इन्हें ठीक किया जाना चाहिए। (और पढ़ें - नवजात शिशु में कब्ज की समस्या)

मॉइस्चर अलार्म:
 जैसे ही आपके बच्चे को पेशाब आना शुरू होता है, वैसे ही मॉइस्चर अलार्म बजने लगता है। यह आपके बच्चे को जगाने, मूत्र प्रवाह को रोककर शौचालय जाने में सहायता करता है। यदि आपका बच्चा गहरी नींद में सोता है, तो अलार्म की आवाज़ सुनने और बच्चे को जगाने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप मॉइस्चर अलार्म का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे बहुत समय दें। इससे किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देखने के लिए कम से कम दो सप्ताह लगते हैं और बिस्तर को गीला करने से रोकने के लिए 16 सप्ताह तक लगते हैं।

इलाज:

अंतिम उपाय के रूप में, आपके बच्चे के चिकित्सक बिस्तर गीला करने से रोकने के लिए दवा लिख सकते हैं। कुछ प्रकार की दवाएं निम्न कार्य कर सकती हैं –

  • रात के समय मूत्र उत्पादन में कमी: 
    डेस्मोप्रेसिन दवा एक प्राकृतिक हार्मोन के स्तर को बढ़ाती है, जो शरीर को रात में मूत्र के कम उत्पादन के लिए बाध्य करता है। लेकिन दवा के साथ बहुत अधिक तरल पदार्थ पीने से रक्त में सोडियम के निम्न स्तर और दौरों की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। डेस्मोप्रेसिन का अल्पकालिक स्थितियों में भी उपयोग किया जा सकता है। (और पढ़ें - बच्चों की देखभाल)
     
  • मूत्राशय को शांत करें:
    यदि आपके बच्चे का मूत्राशय छोटा है, तो एक एंटी-कोलीनर्जिक दवा मूत्राशय के संकुचन को कम करने और उसकी क्षमता में वृद्धि करने में मदद कर सकती है। इस दवा का आमतौर पर अन्य दवाओं के साथ संयोजन में प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इस दवा का सुझाव तब दिया जाता है, जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं। (और पढ़ें - बिस्तर गीला करने से रोकने के उपाय)

कभी-कभी दवाओं का संयोजन सबसे प्रभावी होता है, हालांकि इसकी कोई गारंटी नहीं है और दवाएं इस समस्या का इलाज नहीं करती हैं। आमतौर पर दवाओं के बंद कर दिए जाने पर बेड वेटिंग की समस्या दोबारा शुरू हो जाती है। 

(और पढ़ें - दवा की जानकारी)

बिस्तर गीला करने की जटिलताएं - Bedwetting Risks & Complications in Hindi

बिस्तर गीला करने का खतरा कब बढ़ जाता है? 

कई कारकों को बिस्तर गीला करने के जोखिम के साथ जोड़ा गया है, जिनमें निम्न शामिल हैं –

  • स्लीप एप्निया
  • क्रोनिक (दीर्घकालिक) कब्ज
  • यौन शोषण (और पढ़ें - यौन उत्पीड़न क्या है)
  • सोने से पहले अत्यधिक द्रव पदार्थों का सेवन
  • मूत्र पथ में संक्रमण
  • कुछ दवाएं (उदाहरण के लिए कैफीन)
  • बिस्तर गीला करना किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन लड़कियों की तुलना में यह समस्या लड़कों में सामान्य रूप से दोगुनी होती है। 
  • अगर बच्चे के माता-पिता में से एक या दोनों अपने बचपन में बिस्तर गीला करते थे, तो उनके बच्चे में भी यह लक्षण विशेष रूप से देखा जा सकता है।
  • एडीएचडी से ग्रसित बच्चों में बिस्तर गीला करना अधिक सामान्य है।
  • चिकित्सकीय स्थितियां, जैसे - गुर्दों, मूत्राशय या तंत्रिका तंत्र की असामान्य संरचना या कार्य।

(और पढ़ें - गुर्दे के संक्रमण का उपचार)

बिस्तर गीला करने से जुड़ी जटिलताएं क्या है?

हालांकि बिना किसी शारीरिक कारण के बिस्तर गीला करना निराशा का कारण बनता है, लेकिन  इससे कोई भी स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता है। फिर भी बिस्तर गीला करना आपके बच्चे के लिए कुछ समस्याएं पैदा कर सकता है, जिसमें निम्न शामिल हैं –

  • अपराध बोध और शर्मिंदगी, जिससे आत्म सम्मान में कमी हो सकती है। 
  • सामाजिक गतिविधियों के लिए अवसरों में कमी, जैसे – किसी मित्र या रिश्तेदार के घर पर सोना और शिविर (camp) में जाना।
  • बच्चे के नितम्ब और जननांगों पर चकत्ते, खासकर यदि आपका बच्चा गीले अंडरवियर में सोता है।

(और पढ़ें - जननांग दाद का उपचार)

बिस्तर गीला करने में परहेज़ - What to avoid during Bedwetting in Hindi?

बिस्तर गीला करने में क्या परहेज करें?

  • मांस, मिठाई, कृत्रिम योजक (artificial additives) युक्त खाद्य पदार्थ, संसाधित (processed) भोजन, जंक फूड, सोया और अंडे को प्रतिबंधित करें।
  • कोला, सोडा और फलों के रस से बचें, क्योंकि ये समस्या को और गंभीर कर सकते हैं। (और पढ़ें - बेकिंग सोडा के फायदे)
  • बिस्तर गीला करने के लिए बच्चे को न डांटें।
  • बिस्तर पर जाने से पहले उसे पानी पीने से रोकें। 
  • अधिक प्यास से बचें। (और पढ़ें - पानी कब और कितना पीना चाहिए

बिस्तर गीला करने में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Bedwetting in Hindi?

बेड वेटिंग के लिए क्या आहार लेना चाहिए?

बेड वेटिंग और आहार के बीच एक सहसंबंध है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी यह मानना है कि कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जो मूत्राशय को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, इसलिए मूत्राशय को सुदृढ़ बनाने वाले भोजन को अधिक मात्रा में खाने से बिस्तर गीला करने की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, उच्च फाइबर युक्त आहार के माध्यम से पाचन समस्याओं, जैसे - कब्ज का इलाज करके आप अधिकांश बच्चों की रात में बिस्तर में पेशाब करने की समस्या को समाप्त कर सकते हैं। नीचे कुछ आहार सम्बन्धी सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें आप अपने बच्चे के आहार में शामिल कर सकते हैं -

(और पढ़ें - फाइबर युक्त आहार)

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन, जैसे –

  • ताज़े फल,
  • सब्जियां
  • साबुत अनाज
  • अनाज, क्योंकि ये शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। 

इसके अलावा बच्चे के आहार में उच्च मात्रा में दूध, तिल, केले और बादाम शामिल करें, क्योंकि ये बिस्तर गीला करने से रोकने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)

ताज़े फल और सब्जियों से युक्त एक स्वस्थ आहार खाना सामान्य रूप से सभी बच्चों के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता, संपूर्ण स्वास्थ्य और सेहत में सुधार होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के विकास के लिए पर्याप्त पोषण प्रदान करते हैं। अतः विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाएं, जिससे बच्चे के समग्र स्वास्थ्य को फायदा हो।

हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि बिस्तर गीला करने में आहार की भूमिका को अभी भी निर्धारित किया जा रहा है। सीमित शोध के कारण किसी भी तरह का दावा करना संभव नहीं है।

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)



संदर्भ

  1. Reddy NM, Malve H, Nerli R, Venkatesh P, Agarwal I, Rege V. Nocturnal Enuresis in India: Are We Diagnosing and Managing Correctly?. 2017 Nov-Dec;27(6):417-426. PMID: 29217876
  2. Urology Care Foundation [Internet]. USA: American urological association; What Is Nocturnal Enuresis (Bedwetting)?
  3. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Bedwetting
  4. National sleep foundation. Bedwetting and Sleep. Washington, D.C., United States
  5. KidsHealth. Bedwetting. The Nemours Foundation. [internet].

बिस्तर गीला करना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Bedwetting in Hindi

बिस्तर गीला करना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

सम्बंधित लेख