एल्टीट्यूड सिकनेस क्या है?
एल्टीट्यूड सिकनेस एक ऐसी समस्या है जिसमें पहाड़ों पर जाने से आपको कई प्रकार के लक्षण अनुभव होने लगते हैं। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि ऊंचाई पर जाने से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है और आपके शरीर को इसके साथ ताल-मेल बिठाने में समय लगता है। 8,000 फीट की ऊंचाई से ऊपर जाने पर आपको एल्टीट्यूड सिकनेस होने का खतरा बढ़ जाता है। इसे माउंटेन सिकनेस या ऊंचाई पर जाने से होने वाली बीमारी भी कहा जाता है। जब आपको हवा में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो आपको सांस लेने में तकलीफ होने लगती है, जिसके कारण समस्याएं होती हैं।
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एल्टीट्यूड सिकनेस के लक्षण क्या हैं?
एल्टीट्यूड सिकनेस होने पर आपको सिरदर्द, सांस फूलना, उल्टी या मतली, भूख न लगना, थकान और चक्कर आने जैसी समस्याएं अनुभव होती हैं। ये लक्षण रात के समय आमतौर पर बढ़ जाते हैं।
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एल्टीट्यूड सिकनेस क्यों होता है?
एल्टीट्यूड सिकनेस से बचने का तरीका ये होता है कि ऊंचाई पर जाते समय अपनी रफ्तार धीमी रखें और धीरे-धीरे चढ़ाई करें। इसके अलावा रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, तम्बाकू, सिगरेट व शराब का सेवन न करें और इसके लक्षण अनुभव करने पर कम ऊंचाई वाली जगह पर जाने का प्रयास करें।
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एल्टीट्यूड सिकनेस का इलाज कैसे होता है?
ऊंचाई पर जाने से सिरदर्द के साथ एल्टीट्यूड सिकनेस का कोई और लक्षण अनुभव करने पर आपको समझ जाना चाहिए कि आपको एल्टीट्यूड सिकनेस की समस्या हो रही है। समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर आपके लक्षणों व स्थिति का परीक्षण करके इसका निदान करते हैं। इसके लिए डॉक्टर आपकी छाती पर स्टेथोस्कोप लगाकर आवाज सुनते हैं और छाती का एक्स-रे करते हैं। अगर समस्या बहुत ही ज्यादा गंभीर है, तो आपका एमआरआई या सीटी स्कैन भी किया जा सकता है।
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एल्टीट्यूड सिकनेस के इलाज के लिए आपको ऑक्सीजन देने की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा अगर आपके लक्षण बिगड़ते हैं, तो आपके लक्षणों को ठीक करने के लिए डॉक्टर अलग-अलग उपचार का इस्तेमाल करते हैं। अगर इसका सही उपचार न किया जाए, तो इससे मस्तिष्क की सूजन और मौत तक हो सकती है।
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