शरीर के पूर्ण विकास के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण होता है। हड्डियों और दांतों को मजबूती देने के साथ शरीर के लिए तमाम प्रकार के आवश्यक पोषक तत्वों में कैल्शियम का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैल्शियम की कमी और अधिकता, दोनों ही शरीर के लिए नुकसानदायक है। हाइपरकैल्शियूरिया ऐसी ही एक समस्या है, जिसमें पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण से शरीर में कई सारी बीमारियों के होने का डर रहता है। हाइपरकैल्शियूरिया को गुर्दे में होने वाली पथरी का प्रमुख कारण माना जा सकता है।

पेशाब में कैल्श्यिम की मात्रा के आधार पर हाइपरकैल्शियूरिया की स्थिति मापी जाती है। पुरुषों में 300 मिलीग्राम (7.5 मिलिमोल प्रति लीटर)/ दिन और महिलाओं में 250 मिलीग्राम (6.25 मिलिमोल प्रति लीटर)/ दिन की मात्रा को हाइपरकैल्शियूरिया की स्थिति माना जा सकता है। इस लेख में हम हाइपरकैल्शियूरिया के कारण, उससे होने वाली समस्याओं और उपचार के बारे में जानेंगे।

पेशाब में कैल्शियम की अधिकता के क्या कारण हैं?- Hypercalciuria causes in hindi

पाचन तंत्र, हड्डियां, गुर्दे और हार्मोन, ये सभी पेशाब में कैल्शियम की मात्रा को प्रभावित करने वाले कारक हो सकते हैं। कई मामलों में इसके प्रत्यक्ष कारणों का पता नहीं चल पाता है। हालांकि, हाइपरकैल्शियूरिया के कुछ संभावित कारण निम्नलिखित हो सकते हैं।

  • परिवार में गुर्दे की पथरी का इतिहास
  • कम पानी पीना
  • आहार में सोडियम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होना
  • विटामिन डी का अधिक सेवन
  • कई तरह की दवाइयों का साइड इफेक्ट

हाइपरकैल्शियूरिया कई प्रकार की बीमारियों का कारण भी बन सकता है। जिन बच्चों के पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है उन्हें निम्नलिखित बीमारियों का खतरा हो सकता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

पेशाब में कैल्शियम की अधिकता के लक्षण- Hypercalciuria symptoms in hindi

पेशाब में कैल्शियम की बढ़ी हुई मात्रा को निम्न लक्षणों के आधार पर पहचाना जा सकता है। ये लक्षण किसी भी उम्र में हो सकते हैं। हालांकि, चार से आठ साल के बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।

  • पेशाब से खून आना : कई बार इस स्थिति को जानने के लिए पेशाब की जांच कराने की आवश्यकता पड़ती है, क्योंकि यह सामान्य रूप से दिखाई नहीं देता है।
  • पेशाब के दौरान दर्द होना, बार-बार पेशाब जाने की आवश्यकता महसूस होना और कई बार पेशाब पर काबू न होना।
  • पेट के बगल में अथवा निचले हिस्से में दर्द होना।
  • गुर्दे में पथरी होना
  • मूत्र मार्ग में बार-बार संक्रमण (यूटीआई) की शिकायत होना
  • चिड़चिड़ापन (विशेषकर शिशुओं में देखा जाता है)

हाइपरकैल्शियूरिया का निदान- Diagnosis of Hypercalciuria in hindi

उपरोक्त लक्षणों के नजर आते ही आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर सबसे पहले आपके लक्षणों और परेशानियों के बारे में पूछ सकते हैं। हाइपरकैल्शियूरिया की पुष्टि के लिए निम्न प्रकार के परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है।

पेशाब में कैल्शियम और अन्य खनिजों का पता लगाने के लिए डॉक्टर पेशाब की जांच कराने को कहते हैं। इसके अलावा हाइपरकैल्शियूरिया के कारक रोगों का पता लगाने के लिए खून की जांच कराने को भी कहा जाता है। इसके अलावा डॉक्टर यह जानने की कोशिश करते हैं कि परिवार में किसी को पहले गुर्दे की पथरी की शिकायत तो नहीं रह चुकी है, अगर हां तो कुछ लोगों को जेनेटिक परीक्षण कराने की भी सलाह दी जा सकती है। जांच के रिपोर्ट के आधार पर इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

पेशाब में कैल्शियम की अधिकता का इलाज कैसे किया जाता है?- Treatment of Hypercalciuria in hindi

जांच की रिपोर्ट के आधार पर हाइपरकैल्शियूरिया का उपचार शुरू किया जाता है। जांच में यदि कोई ऐसी बीमारी सामने आई हो, जिसके कारण हाइपरकैल्शियूरिया की समस्या आ रही हो तो सबसे पहले उस बीमारी का इलाज किया जाता है।

आहार में बदलाव करने से भी इस समस्या को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। आमतौर पर आहार में बदलाव करते समय प्रतिदिन तरल पदार्थों के सवेन की मात्रा को बढ़ाने के साथ भोजन में सोडियम की मात्रा को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। चूंकि हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम या प्रोटीन की आवश्यकता होती है ऐसे में आहार तय करते समय इनकी संतुलित मात्रा पर भी ध्यान दिया जाता है। आहार में बदलाव करने से यदि कोई विशेष फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर कुछ ऐसी दवाएं दे सकते हैं जो पेशाब से कैल्श्यिम की मात्रा को कम करते हुए पथरी बनने के खतरे को कम करें। इसके परिणामों को जानने के लिए जरूरत के अनुसार पेशाब की जांच कराई जा सकती है।

सामान्य रूप से आहार में परिवर्तन के साथ आवश्यकतानुसार दवाओं के प्रयोग से पेशाब में कैल्शियम की बढ़ी हुई मात्रा को ठीक किया जा सकता है। इससे गुर्दे की पथरी का जोखिम भी कम हो जाता है। चूंकि आइडियोपैथिक हाइपरकैल्शियूरिया एक जन्मजात समस्या है, ऐसे में इससे ग्रसित बच्चों के आहार पर हमेशा विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। बीमारी का प्रभाव बढ़ने से गुर्दे की पथरी और अन्य संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

पेशाब में कैल्शियम की अधिकता (हाइपरकैल्शियूरिया) की दवा - OTC medicines for Hypercalciuria in Hindi

पेशाब में कैल्शियम की अधिकता (हाइपरकैल्शियूरिया) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Mimcipar 30 Tabletएक पत्ते में 10 टेबलेट704.0
Mimcipar 60 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट1224.8
Ceracal 60 Mg Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट1152.87
Setz 60 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट1160.0
Capicet 30 Tabletएक पत्ते में 30 टैबलेट629.35
Senacept Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट1239.33
Setz 30 Tabletएक पत्ते में 10 टेबलेट579.9
Ceracal 30 Mg Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट599.0
Setz 90 Tabletएक पत्ते में 10 टैबलेट1725.3
और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें