जीरा एक सुगंधित मसाला है जो कि गाजर और अजमोद के परिवार से संबंध रखता है। विदेशी व्यंजनों में खासतौर पर जीरा डाला जाता है। पूर्वी यूरोप और एशिया के खास व्यंजनों में जीरे का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। भारत में जीरे के चावल भी खूब पसंद किए जाते हैं और यहां पर हर घर की रसोई में जीरा जरूर मिलता है। चरपरे स्वाद की वजह से मोरक्को के स्थानीय व्यंजनों में जीरे का बहुत इस्तेमाल किया जाता है।
इरान में मिली व्यंजन पकाने की कुछ प्राचीन किताबों में भी जीरे का उल्लेख किया गया है। हालांकि, जीरे का इस्तेमाल सिर्फ खाना पकाने के लिए ही नहीं किया जाता है। स्वास्थ्यवर्द्धक एवं औषधीय गुणों के कारण पारंपरिक और आयुर्वेदिक औषधियों में जीरे का महत्वपूर्ण स्थान है।
लंबे समय से विभिन्न संस्कृतियों के लोग गैलेक्टागोग (स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में दूध के स्राव में सुधार लाने) और रोगाणुरोधी के रूप में जीरे उपयोग करते आए हैं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार प्राचीन मिस्त्र में जीरे को महत्वपूर्ण औषधीय मसाले के रूप में जाना जाता था।
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जीरे के आयुर्वेदिक उपयोग की पुष्टि के लिए अब कई शोध किए जा रहे हैं। यहां तक कि जीरे के बीजों को मोटापे और डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में चिकित्सकीय रूप से प्रभावी पाया गया है। ऐसे में जीरा न केवल खाने के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि सेहत को भी लाभ पहुंचाता है।
क्या आप जानते हैं?
जीरे का पौधा एक वार्षिक जड़ी बूटी है जो 1 से 1.5 फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। जीरे का मुलायम तना शाखों से बहुत ज्यादा जुड़ा हुआ होता है। इसकी लंबी पत्तियां और सफेद या लाल रंग के छोटे फूल होते हैं जो कि जीरे की शाखाओं पर झुंड में खिलते हैं। जीरे के बीज आकार में लंबे लेकिन अंडाकार होते हैं और उनकी सतह पर लकीरें होती हैं।
जीरे के बारे में कुछ तथ्य
- वानस्पतिक नाम: क्यूमिनम सायमिनम
- कुल: एपिएसी
- सामान्य नाम: क्यूमिन, जीरा
- संस्कृत नाम: जीरक
- उपयोगी भाग: फल
- भौगोलिक विवरण: जीरा मूल रूप से मिस्त्र से है लेकिन इसे चीन, मोरक्को और भारत में भी उगाया जाता है।
- गुण: गर्म