सफेद पानी और योनि की खुजली, जलन, इर्रिटेशन से मुक्ति दिलाए
सफेद पानी और योनि की खुजली, जलन, इर्रिटेशन से मुक्ति दिलाए
आयुर्वेद का मूल उद्देश्य बीमारी के मूल कारणों की पहचान कर उनका इलाज करना है, ताकि समस्या को जड़ से खत्म किया जा सके. आयुर्वेद में व्हाइट डिस्चार्ज व एनीमिया जैसी महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का बेहतर इलाज बताया गया है.
myUpchar के डॉक्टरों ने महिला स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या पर कई वर्षों की रिसर्च के बाद 100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Patrangasava को बनाया है.
आयुर्वेदक में महिलाओं से जुड़ी समस्याओं के लिए पत्रांग, बला, श्वेत सारिवा, कृष्ण सारिवा व लौह भस्म जैसी 19 जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है. myUpchar Ayurveda Patrangasava को बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाता है. इन औषधियों की शुद्धता कायम रहे, इसलिए इन्हें खेतों से निकालने के लिए मशीन की जगह हाथों का इस्तेमाल किया जाता है और आयुर्वेद के पारपंरिक तरीके से इन औषधियों का अर्क निकाल कर दवा बनाई जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में समय और मेहनत दोनों लगती हैं. प्राचीन वैज्ञानिक पद्धति से बनी इस आयुर्वेदिक दवा का किसी भी मेडिकल रिसर्च में साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है.
100% आयुर्वेदिक myUpchar Ayurveda Patrangasava अन्य दवाओं के मुकाबले बिल्कुल अलग है. जहां अन्य दवाओं के निर्माण में जड़ी-बूटियों का पाउडर इस्तेमाल होता है, वहीं myUpchar Ayurveda Patrangasava को औषधियों से निकले अर्क से तैयार किया जाता है. इसलिए, एक छोटे-से कैप्सूल में सभी हर्ब्स के गुण समाहित होते हैं. इस दवा को लेने से असामान्य योनि स्राव और हार्मोनल असंतुलन की समस्या को ठीक किया जा सकता है. साथ ही पीरियड्स के समय होने वाली हैवी ब्लीडिंग और क्रैम्पस के लिए यह कारगर आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है.
सामग्रियां : पत्रांग, खदिर, वसा, शालमलिकुसुम, बला, भल्लातक, श्वेत सारिवा, कृष्ण सारिवा, जपाकुसुम, आम्रास्थि, दार्वी, भूनिम्बा, सफेद जिरक, लोह भस्म, रसांजन, बिल्व, लौंग, धातकी, गुड़.
इसके पौधे में बैकलिन और कैटेचिन जैसे घटक पाए जाते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजन को कम करने वाले प्रभाव होते हैं. यह औषधि खुजली, दुर्गंध और योनि से होने वाले डिस्चार्ज को कम करती है.
महिलाओं से जुड़ी समस्याओं में बेल का इस्तेमाल करने से फायदा होता है. ऐसा माना गया है कि इसके प्रयोग से व्हाइट डिस्चार्ज और मासिक धर्म के समय ज्यादा ब्लीडिंग को रोक जा सकता है.
शरीर में जमा टॉक्सिंस को बाहर निकालने और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने के लिए आयुर्वेद में कालमेघ का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, पारंपरिक रूप से व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या में भी कालमेघ का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
आयुर्वेद में आडूसा का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है. इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और खून को साफ करने का गुण होता है. इसे इस्तेमाल करने से मासिक धर्म के समय होने वाली हैवी ब्लीडिंग को बचा जा सकता है.
अगर किसी को है -
रोज सुबह खाने के बाद और रात को खाने के बाद 15 से 30 ml दवा को समान मात्रा के पानी में मिक्स करके लें या फिर जिस तरह से डॉक्टर कहे.
नोट
बेहतर परिणाम के लिए कम से कम 6 महीने तक इस्तेमाल करें या फिर जिस तरह से डॉक्टर कहे.
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Sakshi
मुझे उत्पाद पसंद है
Bhavna
वितरण पैकिंग अच्छी है
Kavita
अच्छा आयुर्वेदिक शर्बत
Navita
पचने में आसान और स्वाद में अच्छा
Shweta
बहुत अच्छी दवाई है