विभिन्न पौधों के स्रोतों से प्राप्त फाइबर एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है। फाइबर शरीर में बिना पचे आंत के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाता है। फलों, अनाज और सब्जियों से फाइबर मिलता है। फाइबर सेलुलोज और लिग्निन से बना होता है जिन्हें पचाया नहीं जा सकता है। छोटी आंत से फाइबर सीधा बड़ी आंत में पहुंचता है जहां पर फाइबर के केवल कुछ हिस्से को ही पेट के बैक्टीरिया द्वारा खमीरीकृत किया जाता है।
ऐसी स्थिति में शरीर को फाइबर की क्या जरूरत होती है?
मल त्याग की क्रिया को नियमित करने के लिए फाइबर जरूरी होता है। अपचनीय होने के कारण ये आपके पेट में ही रहता है और इससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है जिससे आप कम या अधिक समय के अंतराल के बाद खाना खाते हैं। फाइबर डायबिटीज के मरीज़ों के लिए बहुत मददगार साबित होता है क्योंकि बार-बार भोजन करने की जरूरत न पड़ने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर संतुलित रहता है।
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इसके अलावा फाइबर युक्त आहार लेने से पेट स्वस्थ रहता है और मोटापे, कब्ज, कोलोन कैंसर, बवासीर और हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है।