टीकाकरण आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट करने का काम करता है। इससे टीकाकरण करवाने से आप अपने को कई रोगों से बचा सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता आपके शरीर में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को पहचानकर और इन्हें नष्ट करने के लिए एंटीबॉडीज को बनाने का काम करती है। टीकाकरण रोगों से सुरक्षित रखने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। कई बीमारियों से बचाव के लिए ही टीकाकरण लिया जाता है।

टीकाकरण के महत्त्व को देखते हुए आगे आपको टीकाकरण क्या है, टीकाकरण के फायदे, लाभ, टीकाकरण के साइड इफेक्ट, टीकाकरण किसे नहीं लेना चाहिए और टीकाकरण में क्या सावधानी बरतें, आदि के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

(और पढ़ें - टीकाकरण चार्ट)

  1. टीकाकरण (वैक्सीन) क्या है - Tikakaran (Vaccine) kya hai
  2. टीकाकरण का महत्व, फायदे और लाभ - Tikakaran ka mahatva, fayde aur labh
  3. टीकाकरण के द्वारा किन बीमारियों से सुरक्षा मिलती है - Tikakaran se kin bimariyo me suraksha milti hai
  4. टीकाकरण किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए - Tikakaran kin logo ko nahi karvana chahiye
  5. टीकाकरण के साइड इफेक्ट - Tikakaran ke side effects
  6. टीकाकरण के बाद सावधानियां - Tikakaran ke baad savdhaniya

प्रतिरक्षा प्रणाली रोगाणुओं के खिलाफ शरीर की प्राकृतिक रूप से रक्षा करती है। जब रोगाणु आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, तब रोग प्रतिरक्षा तंत्र इन्हें नष्ट करने के लिए विशेष कोशिकाओं को भेजता है। कई बार प्रतिरक्षा प्रणाली प्राकृतिक रूप से इतनी सक्ष्म नहीं होती कि वह रोगों से आपकी रक्षा कर सके और रोगाणुओं को नष्ट कर सकें, लेकिन टीकाकरण की मदद से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले घरेलू उपाय)

टीकाकरण ऐसा तरीका है जिसकी मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों और संक्रमण को फैलाने वाले रोगाणुओं से आपके बचाव के लिए तैयार होती है। टीकाकारण से रोग प्रतिरोधक क्षमता बैक्टीरिया, वायरस या सूक्ष्मजीव, आदि से लड़ने के लिए सक्षम बनती है। जिसके परिणामस्वरूप टीकाकरण के बाद आप बीमार नहीं पड़ते हैं।

(और पढ़ें - बच्चों की इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं)

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टीकाकरण किसी बीमार बच्चे या व्यक्ति को दवा के माध्यम से ठीक करने से अलग प्रक्रिया होती है। टीकाकरण के फायदे सीधे तौर पर दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन इससे आप अपने बच्चे को कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित सुरक्षित रख सकते हैं, जैसे कि खसरा और दिमागी बुखार (मेनिनजाइटिस)।

किसी भी बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण करवाना, उसके इलाज करवाने के मुकाबले कम खर्चिला होता है। टीकाकरण न सिर्फ आपको बल्कि आपके आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रखने का काम करता है। अगर आपका प्रतिरक्षा तंत्र टीकाकरण से स्वस्थ है तो आपको कई तरह की बीमारियां नहीं होगी। साथ ही आपको संक्रमण भी थोड़े ही समय के लिए होगा या बिलकुल नहीं होगा। ऐसे ही जब अन्य लोगों को टीका लगाया जाता है तो आपको भी उनसे संक्रमित होने की संभावनाएं कम हो जाती है। इस तरह से टीकाकरण आपको ही नहीं आपके आसपास के लोगों को भी स्वस्थ रखता है। इसी कारण से टीकाकरण सभी के स्वास्थ के लिए आवश्यक माना जाता है।   

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कई खतरनाक और घातक बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। टीकाकरण की मदद से बीमारी के कई मामलों को कम करते हुए करोड़ों लोगों की जान बचाई गयी है। नवजात शिशु, बच्चे, किशोर और वयस्क आदि को उनकी आयु, जगह, जीवनशैली, यात्रा व स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर अलग-अलग टीकाकरण की आवश्यकता होती है। नीचे उन बीमारियों को बताया जा रहा है, जिनको टीकाकरण के द्वारा रोका जा सकता है।

निम्न रोगों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है:

कुछ ऐसे रोग भी हैं जिनके लिए नियमित रूप से टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है। रिसर्च कार्य और किसी जगह घूमने जाने की स्थिति में आपको कई खतरनाक रोग होने की संभावनाएं होती हैं। ऐसे में आपको कुछ विशेष तरह का टीकाकरण कराना पड़ सकता है। नीचे कुछ रोगों को बताया जा रहा है जिनके लिए आपको किसी भी समय टीकाकरण की आवश्यकता हो सकती है। 

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हर उम्र के लोगों को अलग-अलग टीके लगाने की आवश्यकता होती है। यह टीके आपको कई रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। हालांकि, टीकाकरण हर व्यक्ति के लिए सही नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टर कई लोगों को टीकाकरण करवाने से पहले इंतजार करने के लिए कहते हैं। दरअसल, आपकी उम्र और स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर ही आपको टीके लगाए जाते हैं। आगे उन लोगों के बारे में बताया जा रहा है जिनको कुछ विशेष टीकाकरण न करवाने की सलाह दी जाती है। यहाँ पर उदहारण के तौर पर ऐसी कुछ परिस्थितियों के बारे में बताया जा रहा:

  • गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस ए के टीकाकरण से कई अन्य समस्याएं होने का खतरा रहता है। हालांकि इससे बच्चे को कम खतरा होता है, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले अपने डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी का इलाज)
     
  • जिन लोगों को पहले कभी हेपेटाइटिस बी का टीका लेने से समस्या हो चुकी हो, उनको इसे दोबारा लेते समय अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। (और पढ़ें - हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए)
     
  • मिर्गी या गुइयां बारे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) वाले लोगों को टेटनस, डिप्थीरिया और काली खांसी के लिए टीडैप (Tdap) टीकाकरण में सावधानी बरतनी चाहिए और बिना डॉक्टरी सलाह के इसे नहीं लेना चाहिए।
     
  • फ्लू (इन्फ्लूएंजा) का टीकाकरण अस्थमा और घरघराहट से परेशान बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, हृदय रोग, लिवर रोग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के साथ ही दो साल से कम आयु के बच्चों को लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए। (और पढ़ें - अस्थमा का घरेलू उपाय)

टीकाकरण के द्वारा शरीर में पहुंचाई जाने वाली दवा रसायनों से मिलकर बनाई जाती है। इसको बीमारियों से बचाव करने के लिए बनाया जाता है, तो ऐेसे में अन्य दवाओं की तरह इसके थोड़े बहुत साइड इफेक्ट होना आम बात है। आमतौर पर टीकाकरण की जगह पर आपको हल्का दर्द, सूजन और लालिमा हो सकती है। इसके साथ ही कुछ टीकाकरण से आपको बुखार, चकत्ते और खुजली की समस्या भी होने की संभावनाएं होती है।

टीकाकरण से गंभीर साइड इफेक्ट के मामले बेहद कम होते हैं, लेकिन इससे आपको दौरे पड़ना या खतरनाक एलर्जिक शॉक​ होने की संभवानाएं भी हो सकती है।

(और पढ़ें - चकत्ते का इलाज)

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टीकाकरण के दौरान आपको कुछ विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती हैं। इसके टिप्स नीचे विस्तार से बताए जा रहें हैं। 

  • अपने बच्चे का नियमित टिकाकरण करवाएं। अगर आप किसी टीके को समय पर लगवाना भूल गए हैं तो ऐसे में उसको बाद में लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेें। (और पढ़ें - बच्चे की तेल मालिश करते समय ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान)
     
  • अगर टीकाकरण से पहले बच्चे को बुखार आ जाए तो ऐसे में डॉक्टर से बात करें।
     
  • कई बार डॉक्टर आपको टीकाकरण के लिए दर्द पूर्ण और दर्द रहित विकल्प दे सकते हैं। अभिभावक होने के कारण आप दर्द रहित विकल्प को चुन लेते हैं। लेकिन आपको दर्द पूर्ण और दर्द रहित दोनों ही विकल्पों के बारे में अच्छे से समझने के बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए। कुछ अध्ययन बताते हैं कि दर्द रहित टीकाकरण के प्रभाव तेजी से कम होते हैं। (और पढ़ें – अरण्डी तेल के फायदे और नुकसान बच्चों के लिए)
     
  • कुछ टीकाकरण के बाद बच्चों को बुखार आना आम बात है। ऐसा होने पर आपको बच्चे के तापमान को कम करने के लिए उसको किसी गीले कपड़े से साफ करना चाहिए। अगर बच्चे का बुखार दो से तीन दिनों तक कम न हो तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए। (और पढ़ें – बच्चे के दाँत निकलते समय बच्चे के दर्द और बेचैनी का घरेलू इलाज)
     
  • बच्चे के टीकाकरण के दौरान आपको परिवार के किसी सदस्य के साथ ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। टीका लगाते समय बच्चे का ध्यान दर्द की तरफ न जाए इसलिए उसका कोई पसंदीदा खिलौना भी अपने साथ ले जाएं।

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