कई बार महिलाओं को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके लिए उन्हें अक्सर अस्पतालों के चक्कर भी लगाने पड़ जाते हैं, जबकि उनकी समस्याओं का इलाज आयुर्वेद में छिपा है. दरअसल, आयुर्वेद कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो किसी दवा से कम नहीं है. इन्हीं में से एक जड़ी-बूटी शतावरी है, जो महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं. शतावरी मुख्य रूप से रेसमोसस का पौधा है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई वर्षों से किया जा रहा है. इसके इस्तेमाल से महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बेहतर किया जा सकता है. साथ ही मेनोपॉज के समय भी महिलाओं को इससे राहत मिलती है.

आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि शतावरी के फायदे महिलाओं के लिए किस प्रकार से हैं -

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  1. महिलाओं को शतावरी से होने वाले फायदे
  2. सारांश
महिलाओं के लिए शतावरी के फायदे के डॉक्टर

शतावरी को इस्तेमाल करने से महिलाओं को विभिन्न तरह के फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

शतावरी प्रजनन क्षमता करे बेहतर

शतावरी का उपयोग विशेष रूप से प्रजनन संबंधी विकारों की समस्या से राहत पाने के लिए किया जा सकता है. 2018 में बायोमेडिसिन और फार्माकोथेरेपी में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, शतावरी को हार्मोनल असंतुलन और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी स्थितियों में सुधार के लिए उपयोगी माना गया है. 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) ऐसी स्थिति है, जिसके कारण महिला में मेल हार्मोन यानी एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है. हार्मोन के इस वृद्धि के परिणामस्वरूप कई समस्याएं होती हैं, जैसे - मासिक धर्म की अनियमितताइनफर्टिलिटी व त्वचा की समस्याएं यानी मुंहासे व बालों की वृद्धि. ऐसे में वक्त रहते इन लक्षणों पर ध्यान देकर इस समस्या का इलाज आवश्यक है.

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शतावरी मेनोपॉज के लक्षण कम करे

रजोनिवृत्ति एक महिला के जीवन में वह समय होता है, जब पीरियड्स बंद हो जाते हैं. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो अक्सर महिला के 45 वर्ष का होने या उसके बाद होती है. बता दें कि रजोनिवृत्ति के बाद महिला गर्भवती नहीं हो सकती है.

ऐसे में मेनोपॉज के दौरान भी महिला को तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ता है, जैसे - पीरियड्स का कम होना या बंद हो जाना, सोते वक्त पसीना आना, सिरदर्दमूड में बदलाव, अचानक गर्मी लगना व जोड़ों में दर्द आदि. ऐसे में इन लक्षणों को कम करने के लिए शतावरी का सेवन लाभकारी हो सकता है. दरअसल, शोध में यह पाया गया है कि शतावरी के सेवन से अचानक गर्मी लगने की समस्या और रात में पसीना आने की परेशानी काफी हुई है. ऐसे में माना जा सकता है कि यह मेनोपॉज के कुछ लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकती है.

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शतावरी के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव

एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं. मुक्त कण शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में भी सहायक होता है.

2018 में हुए एक रिसर्च के अनुसार, शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होने की बात सामने आई. ऐसे में इस आधार पर माना जा सकता है कि शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव हो सकते हैं.

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शतावरी के एंटी एंग्जायटी प्रभाव

शतावरी सप्लीमेंट का सेवन करने से तनाव या चिंता की समस्या से राहत मिल सकती है. फिलहाल, इस विषय में और शोध किए जाने की आवश्यकता है, लेकिन जानवरों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि शतावरी के सेवन से जानवरों में तनाव की समस्या में कमी देखी गई है. शतावरी एंटी डिप्रेसेंट की तरह काम कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी डिप्रेसेंट गुण या प्रभाव होने की बात सामने आई है.

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शतावरी के फायदे स्तनपान व गर्भावस्था में

स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी शतावरी लाभकारी हो सकता है. दरअसल, शतावरी दूध उत्पादन को बढ़ाने में सहायक माना गया है. इस आधार पर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए इसे उपयोगी कहा गया है. सिर्फ स्तनपान कराने वाली महिलाएं ही नहीं, बल्कि गर्भवतियों के लिए भी इसे फायदेमंद माना गया है. बेशक, वैज्ञानिक शोध इस तथ्य की पुष्टि करते हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं शतावरी के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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शतावरी एक गुणकारी जड़ी-बूटी है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इन सबके अलावा, शतावरी में एंटीकैंसर, एंटी इंफ्लेमेटरी व ऐंठन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकते हैं. अगर कोई महिला इसका सेवन करना चाहती है या पहली बार सेवन कर रही है, तो बेहतर है इस बारे में एक बार डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. यह खासकर गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाएं व संवेदनशील महिलाओं के लिए आवश्यक है.

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