प्राचीन यूनानियों के समय से सौंफ की चाय का उपयोग औषधियों और व्यंजन में जड़ी बूटी के रूप में किया जाता रहा है। जिन लोगों को ख़राब पाचन, गैस और सूजन की समस्या है उन लोगों को खाने के बाद एक कप सौंफ की चाय का सेवन करना चाहिए। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए यह सबसे प्रभावी उपाय है। सौंफ हमारे मुँह में जीवाणुरोधी की तरह काम करती है। यह सांस की बदबू, डकार आदि से निजात दिलाती है।
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ऐतिहासिक रूप से सबसे पहले सौंफ का उपयोग प्राचीन ग्रीस और रोम में होता था जहां यह प्रकृति के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रीति-रिवाजों और समारोहों में उपयोग की जाती थी। ग्रीक डॉक्टरो ने स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध को बढ़ाने के लिए इस चाय को पीने के लिए कहते थे। प्राचीन मिस्र, भारत और चीन में इस चाय का उपयोग साँप और कीड़ों के काटने पर औषधी के रूप में किया जाता था।