साबूदाना कसावा पौधे से उत्पन्न एक स्वादिष्ट स्टार्च है। कसावा पौधे का उपयोगी हिस्सा जड़ होती है। इस पौधे की खेती अब दुनिया भर में की जाती है। इस पौधे की खेती सबसे पहले दक्षिण अमरीका में की गई थी। उत्तर-पूर्व ब्राजील में इसे केवल कसावा के रूप में जाना जाता है। लेकिन दुनिया भर में इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे सागू। इस पौधे की जड़ लगभग 1-2 किलो और यह भूरे रंग की होती है। इसका गुदा सफेद रंग और कार्बोहाइड्रेट में भरपूर होता है।
टैपिओका को स्पर्ज (एक प्रकार का रसदार पौधा) माना जाता है। यह यूफ़ोर्बियासी (Euphorbiaceae) परिवार का सदस्य है और इसका वैज्ञानिक नाम मनिहोट एस्कलेंटा (Manihot esculenta) है। भारत में साबूदाने का इस्तेमाल अधिकतर पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा बनाने के लिए भी इसका उपयोग होता है।
टैपिओका का पूरे विश्व में आनंद उठाया जाता है। साबूदाना कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज और कार्बनिक यौगिकों एक आवश्यक सोर्स है। इसमें संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रोल और सोडियम बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। यह प्रोटीन और आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है और इसके अलावा, टैपिओका में कुछ विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स भी शामिल हैं, जिनमें पैंटोथेनिक एसिड, फॉलेट और बी 6, साथ ही लौह, मैंगनीज, कैल्शियम, तांबा और सेलेनियम शामिल हैं। इसके एक कप सेवन से आप अपने दैनिक आवश्यकता का लगभग 45% कार्ब्स प्राप्त कर सकते हैं।