मोरिंगा यानि सहजन (ड्रम स्टिक) सबसे व्यापक रूप से इस्‍तेमाल होने वाले पौधों में से एक है, जो अधिकांश भारत में पाया जाता है। हालांकि, यह भारत के अलावा मोरिंगा, बाकी एशियाई देशों, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भी पाया जाता है। मोरिंगा की खासियत यही है कि इसे पानी की कमी होने की स्थिति‍ में भी उगाया जा सकता है। ये कई तरह के जरूरी पोषक तत्‍वों, खनिज पदार्थों और विटामिन का बेहतरीन स्रोत है। यही वजह है कि दुनियाभर में इसे सुपरफूड के रूप में जाना जाता है।

अध्‍ययनों में सामने आया है कि मोरिंगा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है और इस वजह से अब ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग इसका उपयोग करने लगे हैं।

  1. मोरिंगा में क्या-क्या पाया जाता है?
  2. मोरिंगा के फायदे
  3. सहजन के पत्तों का इस्तेमाल कैसे करें?
  4. निष्कर्ष

मोरिंगा के पत्ते में कई तरह के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जैसे-

  • विटामिन ए
  • विटामिन बी1 (थायमिन)
  • विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन)
  • विटामिन बी 3 (नियासिन)
  • फोलेट और एस्कॉर्बिक एसिड (विटामिन सी)
  • कैल्शियम
  • पोटैशियम
  • आयरन
  • मैग्नीशियम
  • फास्फोरस
  • जिंक

इतना ही नहीं, मोरिंगा के पत्तों में बहुत कम मात्रा में फैट होता है और इसमें हानिकारक कोलेस्ट्रॉल भी नहीं मिलता।

(और पढ़ें - मोरिंगा के तेल के फायदे)

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माना जाता है कि मोरिंगा के कई फायदे हैं और इसका उपयोग स्वास्थ्य व सौंदर्य से लेकर बीमारियों को रोकने और ठीक करने में होता है। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं, आइये आपको बताते हैं -

सूजन (एडिमा) का इलाज
एडिमा एक दर्द से भरी स्थिति है। इस दौरान शरीर के स्पेसिफिक टीशू (विशिष्ट ऊतकों) में पानी इकट्ठा हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन होती है। मोरिंगा के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण स्वाभाविक रूप से एडिमा या सूजन को विकसित होने से रोकने में प्रभावी हो सकते हैं।

लीवर की रक्षा
एंटी-ट्यूबरकुलर दवा से होने के वाले दुष्प्रभाव के चलते लीवर को नुकसान होता है। इस स्थिति में मोरिंगा के पत्ते लीवर की रक्षा करते हैं और होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान को तेजी से ठीक करते हैं।

कैंसर का बचाव और इलाज
मोरिंगा में कई ऐसे गुण होते हैं जो कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकते हैं। साथ ही मोरिंगा में नियाजिमिसिन नामक एक पदार्थ भी होता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।

पेट से जुड़ी समस्याओं का इलाज
मोरिंगा, पेट से जुड़ी कुछ बीमारियों के इलाज करने में भी सहायक है, जैसे- कब्ज, गैस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (आंतों में सूजन)। मोरिंगा के एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) गुण कई रोगजनकों को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं और इसमें पाई जाने वाला विटामिन बी पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है।

हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक
चूंकि, मोरिंगा में कैल्शियम और फास्फोरस भी पाया जाता है, इसलिए यह हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, टूटी हड्डियों और गठिया को ठीक करने में सहायक होते हैं।

मूड (मनोदशा) विकारों का इलाज
डिप्रेशन की स्थिति में मोरिंगा के पत्तों का सेवन सही माना जाता है। इसके जरिए चिंता और थकान को दूर करने में काफी मदद मिलती है।

कार्डियोवस्कुलर सिस्टम का बचाव
मोरिंगा में पाए जाने वाले शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स हृदय को किसी भी प्रकार से होने वाले नुकसान से बचते हैं और आपके दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

(और पढ़ें - दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या खाएं)

डायबिटीज का इलाज
मोरिंगा, आपके खून में ग्लूकोज और यूरिन में शुगर व प्रोटीन की मात्रा को कम करता है। वहीं, कुछ परीक्षणों से पता चला है कि मोरिंगा के इस्तेमाल से हीमोग्लोबिन के स्तर और सभी प्रकार की प्रोटीन सामग्री में सुधार हुआ है।

त्वचा और बालों की देखभाल
मोरिंगा के पत्ते ही नहीं बीज भी बड़े काम के होते हैं। मोरिंगा सीड ऑयल बालों को फ्री रेडिकल से बचाने के लिए फायदेमंद है और ये बालों को साफ व हेल्दी रखता है। मोरिंगा में प्रोटीन होता है, इसका मतलब है कि यह त्वचा की कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में भी सहायक है।

इसके साथ ही मोरिंगा सीड ऑयल में हाइड्रेटिंग और डिटॉक्सीफाइंग तत्व भी होते हैं, जो त्वचा और बालों को बढ़ावा देते हैं। यह त्वचा के संक्रमण और घावों को ठीक करने के लिए एक अच्छा विकल्प है।

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मोरिंगा के पत्तों का उपयोग तीन तरह से किया जा सकता है, जैसे-

  • साबूत पत्ते
  • पत्ते का पाउडर
  • पत्तों का जूस

मोरिंगा के पत्तों का पाउडर - मोरिंगा के ताजा पत्तों को सूखा लें। ध्यान रखें कि पत्तों को सूरज की सीधी किरणों यानि डायरेक्ट सनलाइट में ना सुखाएं, क्योंकि इससे मोरिंगा के पत्तों की न्यूट्रिशन वैल्यू नष्ट हो सकती है। पत्तों को सुखाने के बाद, इन्हें पीसकर पाउडर बना लें।

मोरिंगा का जूस - मोरिंगा के ताजा पत्तों को पीस लें और बाद में उन्हें निचोड़कर जूस निकालें। इसके अलावा भी आपको बाजार और ऑनलाइन के जरिए मोरिंगा का पाउडर और जूस मिल सकता है।

मोरिंगा के पत्तों का सेवन कैसे करें

  • पत्तों को पानी में घोलकर पिएं
  • मोरिंगा के पत्तों की चाय पिएं
  • शेक और स्मूदी में मिलाएं
  • पत्तों को सूप में मिलाकर पिएं
  • सलाद टॉपिंग के रूप में उपयोग करें
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इस रिपोर्ट के आधार पर पता चलता है कि मोरिंगा हमारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों में कितना कारगर है। उपरोक्त बिंदुओं के अलावा मोरिंगा के सेवन से अस्थमा, किडनी विकार, हाई बीपी समेत आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात मिलती है। इसके अलावा मोरिंगा से खून की कमी भी पूरी हो सकती है।

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