दालें और फलियां हमारी डाइट का बेहद अहम हिस्सा हैं जो हमारे भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही हमारी सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद मानी जाती हैं। दाल और फलियों की ही एक वरायटी है काला चना जिसे प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स माना जाता है। काले चने की मुख्य रूप से 2 वरायटी होती है- देसी और काबुली। देसी वरायटी वाला चना गहरे भूरे रंग का होता है, जबकी काबुली चना हल्के रंग का होता है जिसे बहुत से लोग छोले के नाम से भी जानते हैं।
वैसे तो देसी और काबुली- दोनों ही तरह का चना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर देसी काला चना कई तरह की बीमारियों को दूर कर शरीर को स्वस्थ और दिमाग को तेज बनाने में भी मदद करता है। काला चना सिर्फ हमारी सेहत के लिए ही नहीं बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में आयरन की कमी हो या हीमोग्लोबिन कम हो तो उसे भी काले चने का सेवन करना चाहिए क्योंकि में इसमें करीब 30 फीसदी तक आयरन पाया जाता है।
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कुछ लोग काले चने को भूनकर खाना पसंद करते हैं तो कुछ उबालकर तो कुछ तलकर या सब्जी बनाकर। लेकिन हम आपको आज भीगे हुए या अंकुरित काले चने को खाने के विभिन्न फायदों के बारे में बता रहे हैं और इसे कब और कैसे खाना चाहिए इस बारे में भी जानने के लिए यहां पढ़ें।