वास्तव में ज्यादा तर लोग पानी खड़े होकर पीते हैं, जिससे हमारे शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं। आइये जानें, खड़े होकर पानी पीने के क्या नुकसान हो सकते हैं -
खड़े होकर पानी पीने से हो सकती है पेट को क्षति -
जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तब यह आसानी से प्रवाह होता जाता है और एक बड़ी मात्रा में नीचे खाद्य नलिका (food canal) में जाकर, निचले पेट की दीवार पर छिड़काव करता है। इससे पेट की दीवार और आसपास के अंगों को नुकसान पहुँचता है। लंबे समय तक ऐसा होने से पाचन तंत्र और दिल और गुर्दे की समस्याएं हो जाती हैं।
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खड़े होकर पानी पीने से हो सकती है गुर्दे की बीमारी -
जब खड़े होकर पानी का सेवन किया जाता है तब पानी तेज़ी से गुर्दे के माध्यम से, बिना अधिक छने, गुज़र जाता है। इसके कारण मूत्राशय या रक्त में गंदगी इकट्ठा हो सकती है जिससे मूत्राशय, गुर्दे और दिल की बीमारियां होती हैं।
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प्यास बनी रहती है -
खड़े होकर पानी पीने की वजह से आपकी प्यास बुझ नहीं पाती है। पानी पीने के बावजूद बार-बार लगता रहता है कि आपको प्यास लग रही है। अगर आप अपनी प्यास बुझाना चाहते हैं तो खड़े होकर पानी पीना छोड़ दें। इसकी बजाय हमेशा एक जगह बैठकर गिलास में पानी पीएं। प्यास लगने पर गिलास से छोटे-छोटे घूट भरें। प्यास बुझ जाती है।
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अपच -
खड़े होने की वजह से शरीर और मांसपेशियों में खिंचाव बनता है। इसलिए बैठकर रिलैक्स होकर पानी पीएं। ऐसा करके आपका शरीर तरल पदार्थ को पूरी तरह से अवशोषित कर पाएगा और अंदर मौजूद अन्य खाद्य पदार्थों के साथ शरीर सही सामंजस्य बैठा पाएगा। अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो अपच की समस्या हो सकती है।
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सीने में जलन -
खड़े होकर पीना पीने से पानी सीधा अंदर जाता है, जिससे भोजन नली पर काफी ज्यादा दबाव पड़ता है। इस वजह से कई बार स्फिंक्टर (पेट और एसोफेगस के बीच का जोड़) को क्षति हो सकती है। नतीजतन, सीने में जलन हो सकती है। साथ ही पेट से एसिड के ऊपर की ओर लौटने की वजह से जलन महसूस होती है।
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पानी के पोषक तत्व नहीं मिल पाते -
जैसा कि कई बार बताया गया है कि खड़े होने पर शरीर में खिंचाव होता है जबकि बैठे रहने की वजह से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। इससे शरीर में मौजूद तरल पदार्थ को शरीर आसानी से पचा पाता है और खाद्य पदार्थ को अवशोषित कर पाता है।
नसों में तनाव -
खड़े होकर पानी पीने से शरीर में फाइट और फ्लाइट सिस्टम (किसी भी बीमारी या रोगाणुओं के शरीर पर हमला करने के दौरान होने वाली प्रतिक्रिया) सक्रिय हो जाता है जिससे नसों मे तनाव उत्पन्न होने लगता है। ठीक इसके उलट जब आप बैठकर पानी पीते हैं तो पेरासिंफेथेटिक सिस्टम जिसे , शरीर का रेस्ट और डाइजेस्ट सिस्टम (आराम करो और पचाओ) भी कहा जाता है, वह सक्रिय हो जाता है। इससे आपके पाचन प्रक्रिया आसानी से हो जाती है।
तो स्वस्थ रहने के लिए, बैठकर पानी पीने की आदत डालें।